अहंकार की बुनियाद पर खड़ी की गई है संसद की नई बिल्डिंग : बैज

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  • प्रधानमंत्री नहीं, राष्ट्रपति अथवा लोकसभा स्पीकर करें उद्धघाटन
  • संविधान और राष्ट्रपति का अपमान कर रही मोदी सरकार : दीपक बैज

जगदलपुर बस्तर के तेज तर्रार आदिवासी नेता एवं कांग्रेस सांसद दीपक बैज ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार अहंकार में चूर है। वह संविधान की गरिमा एवं मूल भावना तथा एक आदिवासी और महिला राष्ट्रपति का अपमान करने पर तुल गई है। युवा आदिवासी नेता दीपक बैज ने नए संसद भवन के उद्घाटन पर प्रतिक्रिया देते हुए उक्त बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि एक तो कोरोना काल में जब देश के लोग मदद के लिए दर दर भटक रहे थे, तब कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों के प्रबल विरोध के बावजूद मोदी सरकार ने जरूरत न रहते हुए भी सेंट्रल विस्ता नाम से संसद की नई बिल्डिंग की तामीर शुरू करा दी। पुराने भवन में संसद का सारा कामकाज निर्विघ्न चल रहा था, लेकिन मोदी सरकार ने कोरोना प्रभावित जरूरतमंदों की मदद करने के बजाय सेंट्रल विस्ता के निर्माण पर अरबों रुपए फूंक दिए। दीपक बैज ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने अहंकार की बुनियाद पर संसद की नई बिल्डिंग तैयार करा ली। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस नई बिल्डिंग का उद्घाटन स्वयं करने आतुर हो गए हैं। यह श्रेय लेने की उनकी भावना की पराकाष्ठा को प्रदर्शित करता है। बैज ने कहा कि राष्ट्रपति का पद देश का सर्वोच्च पद होता है। राष्ट्रपति संसद के भी शीर्ष पदाधिकारी होते हैं। ऐसे में संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन राष्ट्रपति से न कराकर मोदी जी स्वयं करने पर अड़ गए हैं। यह उनका सत्ता – अहंकार नहीं तो और क्या है? आदिवासी सांसद दीपक बैज ने कहा कि यह समूचे विश्व के आदिवासी समुदाय के लिए गर्व की बात है कि भारत के राष्ट्रपति पद पर एक आदिवासी महिला आसीन है। मगर भाजपा और उसकी केंद्र सरकार आदिवासी एवं महिला राष्ट्रपति के मान सम्मान का जरा भी ध्यान नहीं रख रही है। संविधान की मूल भावना भी यही कहती है कि संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन लोकार्पण राष्ट्रपति के ही हाथों होना चाहिए। ऐसा न कर मोदी सरकार और भाजपा ने अपने आदिवासी एवं महिला विरोधी चरित्र को देश के सामने ला दिया है। बैज ने कहा कि अगर मोदी सरकार आदिवासी समुदाय एवं महिलाओं से इतना दुराग्रह पाले बैठी है, तो वह लोकसभा अध्यक्ष से भी संसद की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करा सकती है। क्योंकि लोकसभा अध्यक्ष लोकसभा के सर्वोच्च पदाधिकारी हैं। दरअसल मोदी सरकार संविधान की मूलभावना, गरिमा और प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने आतुर नजर आ रही है।*बॉक्स**

नाम की ऐसी भूख पहले नहीं देखी

सांसद दीपक बैज ने कहा कि प्रधानमंत्री को नाम की इतनी भूख है, कि ऐसा उदाहरण इतिहास में कहीं नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि हर काम में श्रेय लेने, हर निर्माण कार्य के शिलापट्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम अंकित कराने की तीव्र उत्कंठा से भाजपा ग्रसित हो चली है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में कराए गए ढेरों बड़े कार्यों का श्रेय लेने में भी यह सरकार पीछे नहीं है। बैज ने कहा कि भविष्य में जब भी संसद की नई बिल्डिंग की चर्चा होगी, सभी यही कहेंगे कि इसका निर्माण एनडीए सरकार ने कराया है। फिर भी मोदीजी नाम की भूख मिटाने खुद लोकार्पण करने पर आमादा हैं। सांसद दीपक बैज ने बताया कि मोदी सरकार के ऐसे गैर जिम्मेदाराना और संविधान, आदिवासी एवं महिला विरोधी रवैये के खिलाफ कांग्रेस समेत बीस विपक्षी दलों ने संसद की नई बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह के बायकाट का फैसला लिया है।