दो हजार रु. की करेंसी बंद होने की पहली मार नक्सलियों पर

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  • मूलवासी बचाओ मंच के नेता और नक्सली सहयोगी ग्रामीण गिरफ्तार
  • बीजापुर के एसपी आंजनेय वार्ष्णेय ने पत्रकारों के समक्ष किया खुलासा
  • 6 लाख रु., 11 बैंक पासबुक और शासन विरोधी पाम्पलेट बरामद
  • नक्सली नेता मल्लेस के 2-2 हजार की करेंसी वाले 8 लाख रुपए बैंक में जमा करने पहुंचे थे दोनों

बीजापुर दो हजार रु. के नोट को आउट डेटेड घोषित किए जाने के बाद नक्सलियों के पास जमा काले धन की पोल खुलने लगी है। दो हजार रु. की करेंसी को चलन से बाहर किए जाने का पहला एवं व्यापक असर छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में सक्रिय नक्सलियों पर पड़ा है। नक्सलियों के दो हजार के नोटों को बैंक में जमा करने पहुंचे दो नक्सली सहयोगी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। उनके पास से छह लाख रु. के नोट, 11 बैंक पासबुक और शासन विरोधी पम्पलेट बरामद किए गए हैं। गिरफ्तार लोगों में एक व्यक्ति सिलगेर आंदोलन और मूलवासी बचाओ मंच का लीडर है। बीजापुर जिले के पुलिस अधीक्षक आंजनेय वार्ष्णेय ने इस बात की पुष्टि की है। वार्ष्णेय ने बताया कि बीजापुर थाना पुलिस और डीआरजी की टीम एमसीपी पेट्रोलिंग के दौरान नक्सलियों के काले धन का भंडाफोड़ किया। टीम को सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति नक्सलियों के दो दो हजार रुपए के नोटों को बैंक में जमा करने पहुंचे हैं। सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने घेराबंदी कर गजेंद्र माड़वी और लक्ष्मण कुंजाम नामक दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से दो – दो हजार की करेंसी वाले कुल छह लाख रु., 11 नग बैंक पासबुक और शासन विरोधी पम्पलेट बरामद किए गए। बताया गया है कि ये लोग कुल आठ लाख रु. जमा कराने आए थे। पुलिस के मुताबिक ये दोनों शख्स नक्सालियों के सहयोगी हैं। इनमें से एक गजेंद्र माड़वी सिलगेर आंदोलन और मूलवासी बचाओ मंच का लीडर है। वहीं दूसरा आरोपी लक्ष्मण कुंजाम नारसापुर का निवासी बताया गया है। दो हजार रु. वाले नोटों को चलन से बाहर किए जाने की घोषणा होने के बाद नक्सालियों इतनी बड़ी रकम बरामद की जाने का यह छत्तीसगढ़ में पहला मामला है।