नक्सली भी भारत के सपूत, फिर गोली मारने की क्या जरूरत- जीत गुहा नियोगी

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दल्लीराजहरा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बस्तर की धरती से एक बड़े विवाद को जन्म देकर भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी है। उन्होंने कहा दिया कि गोडसे अगर गांधी का हत्यारा है तो भारत का सपूत भी है। कांग्रेस अपने स्तर पर जवाब दे रही है। लेकिन यहां जन मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष जीत गुहा नियोगी ने केंद्रीय मंत्री की इस विवादास्पद टिप्पणी को नक्सलियों से जोड़ कर एक नया मोड़ दे दिया है। विश्व विख्यात श्रमिक नेता शंकरगुहा नियोगी के पुत्र जनमुक्ति मोर्चा अध्यक्ष जीत ने सोशल मीडिया पर सवाल उठाया है कि नक्सली कथित लोकतंत्र के विरोधी हैं तो भारत का सपूत भी तो हैं। फिर बस्तर में सैनिक बलों को को भेज कर आदिवासियों को गोली मारने की क्या जरूरत है। गिरिराज सिंह की टिप्पणी पर भड़की कांग्रेस गोडसे को आजाद भारत का पहला आतंकवादी बता रही है। भाजपा और कांग्रेस की राजनीतिक लड़ाई अपनी जगह है लेकिन जीत गुहा नियोगी ने जो सामाजिक सवाल उठाया है, उसका जवाब बहुत मुश्किल है। वैसे प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने नाथूराम गोडसे को आजाद भारत का पहला आतंकवादी करार दिया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने गोडसे को देश का सपूत बताया था। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील शुक्ला ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने गोडसे का महिमामंडन कर के एक बार फिर से राष्ट्रपिता का अपमान किया है। यह भाजपा का गोडसे वादी चरित्र है। भाजपा के हर छोटे बड़े नेता ने कभी न कभी गोडसे की तारीफ की है। यह सिर्फ बापू का नहीं, भारत की जनता का अपमान है। प्रधानमंत्री जवाब दें कि वे अपने मंत्री के बयान से कितने सहमत हैं। कांग्रेस कह रही है कि भाजपा मुद्दाविहीन है। आरएसएस के नेता खुद पादरी बन कर धर्मान्तरण की नौटंकी करते हैं। फिर भाजपा के नेता उसी को मुद्दा बना कर बयान देते हैं। गिरिराज जैसे नेता बुला कर मामले को तूल दिया जाता है।लोगों में भ्र्म पैदा किया जाता है।छत्तीसगढ़ में धर्मान्तरण विरोधी क़ानून लागू है तो भाजपाई थाने मे रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराते। वे खुद इसमें शामिल हैं तो रिपोर्ट कैसे करेंगे। कांग्रेस को तो भाजपा एक सवाल के जवाब में तीन सवाल भेज देती है लेकिन जनमुक्ति मोर्चा का सवाल इतना संवेदनशील है कि सवाल के जवाब में सवाल नहीं चलने वाले।