आंदोलन कर रहे मजदूरों पर पुलिस ने बरसाई थी गोलियां। इस दुखद और खौफनाक घटना ने ना केवल भिलाई को बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी की हत्या के आरोपियों को सजा दिलाने और मजदूरों को जीने लायक वेतन और विभिन्न फैक्ट्री से काम से निकाले गए श्रमिकों को वापस काम पर लेने समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन की शुरुआत भिलाई के जामुल क्षेत्र से हुई थी। उसके बाद छावनी, शारदा पारा, खुर्सीपार और सेक्टर-1 मैदान में प्रदर्शन किया गया। उसके बाद भी सरकार ने उनकी मांगों को अनसुना कर दिया। उस समय के तत्कालीन केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी उस दौरान रायपुर आए थे। लेकिन उन्हें जिम्मेदारों(उद्योगपतियों ) ने श्रमिक नेताओं से नहीं मिलने दिया। जिसकी वजह से श्रमिकों को रेलवे ट्रैक पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा। 1 जुलाई 1992 के दिन करीब सुबह 9 बजे श्रमिकों ने सारनाथ एक्सप्रेस को रोक दिया था। जिसके सूचना प्रशासनिक अधिकारियों के पास पहुंची, फिर बातचीत का दौर हुआ, लेकिन कई दौर की बैठकें होने के बावजूद कोई हल नहीं निकला। उसके बाद शाम होते होते असमाजिक तत्वों द्वारा पुलिस पर अचानक पथराव शुरू कर जानबूझकर हालात बिगाड़ दिये गए। जिसके बाद जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी गई, इस गोलीकांड में 16 मजदूरों की मौत मौके पर और दो अन्य मजदूर की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। केशव गुप्ता, रामकृपाल गुप्ता, असीम दास, मधुकर राम, रामाज्ञा चौहान, मनहरण वर्मा, जोगा यादव, पुरानिक लाल, प्रेमनारायण, कुमार वर्मा, इंद्रदेव चौधरी, हिरऊराम, लक्ष्मण वर्मा, धिरपाल ठाकुर, किशोरी मल्लाह, लोमन उमरे, के.एन. प्रदीप कुट्टी, जी.खेतरो, तत्कलीन थाना प्रभारी टीके सिंह भी शामिल थे। इस तरह 18 मजदूर और एक SI नेवई थाने की मौत हुई थी।
मृतक के परिजन व श्रमिक संगठन के हजारों मजदूर अपने शहीद साथियों को प्रतिवर्ष याद करते हुए हर साल पावर हाउस रेलवे स्टेशन पर श्रद्धांजलि देने आते हैं। छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघद दल्ली राजहरा के मीडिया प्रभारी रवि सहारे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दिया और बताया कि दल्ली राजहरा के छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ और छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के पदाधिकारी एवं सदस्य सोमनाथ उइके ,राजा राम बरगद .रामचरण नेताम सुरेंद्र साहू ,सतीश, महेश, नारद,रूप सिंह साहू, राजा सिंह ,रीखी राम, महेश भारती , तिलक सिंह राजपूत ,कृष्णा यादव ,योगेश कुमार यादव, राजकुमार ,अमर सिंह ठाकुर, महेंद्र साहू ,श्रवण ,देवेंद्र कोर्राम , रवि कुमार,गोल्डी, बबलू रामटेके , रूपेश कुमार आदि कामरेड साथियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किए ।
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