विधायक बघेल को उनके वादे याद दिलाने किया चक्काजाम

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  • अभाविप ने बकावंड कॉलेज की समस्याओं की ओर खींचा ध्यान

बकावंड शासकीय महाविद्यालय बकावंड से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए बस्तर क्षेत्र के विधायक एवं बस्तर आदिवासी विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल द्वारा किए गए वादे आज तक पूरे नहीं हो सके हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्त्ताओं ने विधायक को उनके वादे याद दिलाने के लिए शुक्रवार को महाविद्यालय के छात्र छात्राओं के साथ मुख्य मार्ग पर चक्काजाम कर दिया। काफी देर तक आवागमन बाधित रखने के बाद छात्र नेताओं ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। अभाविप ने चेतावनी दी है कि 15 दिनों के भीतर मांगें पूरी न होने पर बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। बकावंड महाविद्यालय में पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्सेस शुरू करने तथा महाविद्यालय की अन्य समस्याओं को दूर करने की मांग को लेकर विद्यार्थी विगत कई वर्षों से शासन – प्रशासन को अवगत कराते आ रहे हैं।

शासन – प्रशासन के उदासीन रवैये के कारण विद्यार्थियों को मजबूर होकर सड़क पर प्रदर्शन हेतु बाध्य होना पड़ा।अभाविप के बकावंड नगर मंत्री खिरेंद्र चालकी ने बताया कि विगत कई वर्षों से ज्ञापन के माध्यम से लगातार शासन प्रशासन को अवगत करवाया जा रहा है, किंतु जिम्मेदार अफसरों और जनप्रतिनिधियों का इस ओर ध्यान न देना विद्यार्थियों के लिए दुर्भाग्य की बात है। कुछ दिनों पूर्व क्षेत्र के विधायक लखेश्वर बघेल ने महाविद्यालय में सभी विषयों की स्नात्तकोत्तर कक्षाएं शुरू कराने, छात्रावास, खेल मैदान की व्यवस्था कराने सहित अन्य घोषणाएं की थीं। विधायक घोषणाएं और वादे कर भूल गए। उन्होंने आज तक अपनी एक भी घोषणा पूरी नहीं की है। बकावंड में क्षेत्र में यह एकमात्र महाविद्यालय है। यहां 50 किमी की परिधि में स्थित गांवों के विद्यार्थी पढ़ाई करने आते हैं और प्रतिवर्ष सैकड़ो की संख्या में विद्यार्थी यहां से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करते हैं। इन विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए दूरस्थ शहरों में जाना पड़ता है। क्षेत्र अनुसूचित जनजाति बहुल है और बकावंड महाविद्यालय में पढ़ने वाले अधिकांश विद्यार्थी आदिवासी समुदाय के कृषक परिवारों के होते हैं। उनके परिवारों की आमदनी बहुत ही कम होती है। इस कारण वे दूर दराज के शहरों में जाकर रहने व पढ़ाई करने में असमर्थ रहते हैं। आवसीय और अध्ययन का खर्च उठा पाना इन निम्न आय वाले विद्यार्थियों के लिए संभव नहीं रहता। नतीजतन अधिकांश विद्यार्थी मजबूर होकर अपनी आगे की पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। कई प्रतिभावान विद्यार्थियों को अपनी पढ़ाई का सफर न चाहते हुए भी स्नातक के बाद समाप्त करना पड़ जाता है। अभाविप के बस्तर जिला संयोजक वरुण साहनी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार प्रदेश में पुराने संस्थानों का नाम बदलने एवं रोज नई घोषणा करने के अलावा कोई नया काम नहीं कर रही है। सरकार के मंत्री एवं विधायक रोज नई घोषणाएं करते हैं, किंतु सरकार में शायद उनकी बात नही सुनी जाती है। यही वजह है कि विधायक व मंत्री की घोषणाएं पूर्ण नही हो पाती हैं। कहीं न कहीं मंत्री व विधायक सरकार द्वारा उपेक्षित किए जा रहे हैं, जिसका खामियाजा क्षेत्र के नागरिकों एवं विद्यार्थियों को भुगतना पड़ता है। प्रदेश सह मंत्री व बस्तर विभाग संयोजक राजेंद्र ठाकुर ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार छात्रों को ठगने का काम कर रही है। प्रदेश सरकार के मुखिया ने अपने निर्वाचन क्षेत्र के विद्यार्थियों के हित में जो वादे किए थे, वे वादे अब तक पूरे नहीं हो पाए हैँ। बस्तर संभाग में विद्यालय तो हैं, पर विद्यालय खोलने वालों में इच्छाशक्ति की कमी है। प्रदेश के 5वीं 6वीं पढ़ने वाले विद्यार्थी विद्यालय खोलने हेतु आंदोलनरत हैं। बकावंड क्षेत्र की बात करें, तो स्थानीय विधायक छात्रहित में वादे तो कर देते हैं, परंतु वादों को धरातल पर उतारना उन्हें नहीं आता। चक्काजाम के बाद आक्रोशित छात्र छात्राओं ने उच्च शिक्षा मंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा और 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि इस बीच मांग पूर्ण न होने पर बड़ा और उग्र आंदोलन किया जाएगा। चक्काजाम के दौरान बड़ी संख्या में महाविद्यालय के छात्र – छात्राएं उपस्थित रहे।