राशि स्वीकृत हुई थी पक्की नाली के लिए, बनवा दी कच्ची नाली

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  • बड़ी लंबी है पंचायत सचिव गागड़ा की करतूतों की फेहरिश्त
  • ग्राम पंचायत बकावंड के जरिए कराए जाने वाले कार्यों में गड़बड़ी

बकावंड जनपद मुख्यालय होने के बावजूद बकावंड में ग्राम पंचायत के माध्यम से कराए जाने वाले कार्यों में पंचायत सचिव द्वारा जमकर अनियमितता बरती जा रही है।. जनपद के अधिकारी इस सचिव पर नकेल कसने में नाकाम साबित हो रहे हैं। मॉडल गोठान निर्माण के नाम पर की गई गड़बड़ी का मामला अभी सुर्खियों में बना हुआ ही है कि सचिव की एक और बड़ी कारगुजारी सामने आ गई है। गांव में पक्की नाली बनाने के लिए ग्राम पंचायत बकावंड को 7 लाख रुपए की स्वीकृति मिली थी। आर्थिक गड़बड़ी में माहिर पंचायत सचिव ने नाली निर्माण में भी बड़ा खेल कर दिया। पक्की नाली का निर्माण न कराकर कच्ची नाली बनवा सारी रकम हजम कर ली गई।अब पंचायत सचिव भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि वे थोड़ी तेज बारिश करा दें, जिससे कि कच्ची नाली बह जाए और उनकी करनी पर पर्दा डल जाए। ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत बकावंड में जितने भी निर्माण कार्य ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए हैं, सभी में पंचायत सचिव ओंकार गागड़ा द्वारा भारी अनियमितता बरती गई है। गुणवत्ता विहीन निर्माण कराकर ग्रामीणों की आंखों में धूल झोंकी जा रही है। पंचायत सचिव मनमाने तरीके से निर्माण कराकर शासकीय रकम की अफरा तफरी करने में लगे हुए हैं। यहां कुछ वार्डों में पक्की नालियां बनाने के लिए ग्राम पंचायत को सात लाख रु. की मंजूरी मिली थी। पंचायत सचिव ने पक्की की जगह कच्ची नालियां बनवा दी। कुछ स्थानों पर दिखावे के लिए सीमेंट रेत से पक्की, लेकिन घटिया स्तर की नालियां बनवाई गई हैं। बाकी जगहों पर मिट्टी रेत के गारे से निर्माण कार्य कराया गया है। आलम यह है कि ये नालियां भरभरा कर ढहने लगी हैं। अब पंचायत सचिव इस इंतजार में हैं कि जल्द बारिश हो और भ्रष्टाचार की बुनियाद पर तैयार की गई नालियां बारिश के पानी में बह जाएं। ताकि उन्हें अपनी काली करतूत पर पर्दा डालने का मौका मिल सके। ग्रामीण जब भी निर्माण कार्य के विषय में जानकारी मांगते हैं या सूचना पटल लगाने के विषय में पूछते हैं, तो बहानेबाजी कर उन्हें टरका दिया जाता है। जब कार्य 75 प्रतिशत पूर्ण हो जाता है, तब सूचना पटल लगा दिया जाता है। इसके पीछे सचिव की मंशा यह रहती है की ग्रामीणों को लागत राशि, कार्य पूर्ण होने की अवधि आदि की भनक न लगने पाए और वे अपनी मनमानी कर सकें। जानकारी मांगने वाले ग्रामीणों को पंचायत सचिव डराने धमकाने पर आमादा हो जाते हैं।*बॉक्स**500 मीटर की जगह बनाई 250 मीटर की नाली* गाड़ाघाट पारा में भी सचिव द्वारा नाली निर्माण में बड़ी गड़बड़ी की गई है। यहां 500- 500 मीटर लंबी नालियां बनाने के लिए स्वीकृति मिली थी, लेकिन सचिव ने अपना कारनामा यहां भी दिखा दिया। मात्र ढाई – ढाई सौ मीटर ही लंबी नालियों का निर्माण कराकर सारी रकम आपस में बांट ली गई। पंचायत सचिव द्वारा यहां मॉडल गोठान निर्माण में भी जमकर अनियमितता बरती गई है। लाखों रुपए फूंके जा चुके हैं, लेकिन आज तक गोठान का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। इस तथाकथित मॉडल गोठान में गोबर खरीदी भी शुरू नहीं हो सकी है। पंचायत सचिव ओंकार गागड़ा निर्माण कार्यों में खुलकर गड़बड़ी कर रहे हैं, मगर कोई भी अधिकारी या राजनेता उनके खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।

वर्सन

सच्चाई का पता लगाएंगे

नाली निर्माण का मामला मेरी जानकारी में नहीं है। जिस इंजीनियर ने मूल्यांकन किया है, वही सच्चाई जानता होगा। फिर भी मैं पता लगाकर उचित कार्रवाई करूंगा।