- पूर्व मंत्री को माहारा समाज का दोषी करार दिया एनएसयूआई ने
जगदलपुर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के नेता व माहरा समाज के सक्रिय सदस्य गोविंद कश्यप तथा आईटी सेल के कोंटा विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष आशीष पोटला ने माहरा महरा समाज के लोगों को अनुसूचित जाति वर्ग का लाभ मिलने के लिए इसे कांग्रेस की संवेदनशीलता की जीत बताया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार ट्राइबल विभाग के माध्यम से प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजती, तो उनकी मांगे लोकसभा तक नहीं पहुंचती। बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल मे माहरा समाज का घोर अपमान हुआ था और पूर्व अनुसूचित जाति जनजाति मंत्री केदार कश्यप के षड्यंत्र के तहत समाज की मांगों को नजर अंदाज करते रहे। कांग्रेस की संवेदनशील भूपेश बघेल सरकार की अनुशंसा पर ही माहरा महरा समाज को अनुसूचित जाति का दर्जा मिलने का मार्ग प्रशस्त हुआ है। कश्यप व पोटला ने आगे कहा कि भाजपा के कुछ लोग माहरा महरा समाज को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने का श्रेय ले रहे हैं। 15 वर्षों तक भाजपा के शासनकाल में समाज के लोगों को डंडे खाने पड़े, जेल जाना पड़ा। यह सब पूर्व मंत्री केदार कश्यप के षड्यंत्र के कारण ही हुआ। गांधीवादी सिद्धांत पर चलने वाली कांग्रेस ने इस समाज के लिए कई कार्य किए। समाज की उन्नति के लिए जमीन उपलब्ध कराई गई और करोड़ों रुपए भवन निर्माण के लिए दिए गए। अब समाज का भवन भव्य रूप से तैयार हो रहा है। पूर्व से ही माहारा समाज के हित के लिए शहीद महेंद्र कर्मा, मंत्री कवासी लखमा व वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ी। एक माह पूर्व अनुसूचित जाति आयोग के समक्ष भी बस्तर सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में माहरा समाज के प्रतिनिधि मंडल ने पुरजोर वकालत की थी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी दमदारी से केंद्र को प्रस्ताव भेजा था। उसी का नतीजा है कि केंद्र सरकार माहरा महरा समाज को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।