वन अधिकार पट्टे के लिए जंगलों का सफाया कर रहे ग्रामीण

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  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर हथिया रहे हैं वनभूमि को
  • करपावंड वन परिक्षेत्र में हुई हजारों पेड़ों की कटाई

अर्जुन झा

बकावंड बस्तर वन मंडल के करपावंड परिक्षेत्र में वन अधिकार पट्टे के लोभ में ग्रामीण जंगलों का सफाया करने पर तुल गए हैं। रोजाना सैकड़ों की तादाद में पेड़ों को काटकर ग्रामीण वनभूमि पर कब्जा करते जा रहे हैं। शासन की योजना ने वनों के अस्तित्व पर खतरा पैदा कर दिया है। विभागीय अधिकारी और वन सुरक्षा समितियों से जुड़े लोग पेड़ों की अवैध कटाई रोकने में नाकाम साबित हो रहे हैं।

करपावंड फारेस्ट रेंज के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत वनकोमार और बोरीगांव के बीच स्थित जंगल के कक्ष क्रमांक 1128 और 1129 में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है। ग्राम वन सुरक्षा समिति से जुड़े लोग और वन विभाग के अधिकारी जंगल के विनाश के इस खेल को खुला संरक्षण दे रहे हैं। जंगल के उक्त दोनों कक्ष तेजी से वृक्ष विहीन होते जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि गांवों के एक दो व्यक्ति इस कृत्य को अंजाम दे रहे हैं, बल्कि पचासों ग्रामीण समूह बनाकर स्वार्थ के लिए पेड़ों की बलि चढ़ा रहे हैं। यह सब विभागीय अधिकारियों की नजरों के सामने और उनकी मौजूदगी में हो रहा है। इस संवाददाता के कैमरे में यह सच्चाई कैद हुई है। एक वन अधिकारी और दो फारेस्ट गार्ड के सामने ग्रामीण जंगल के पेड़ों को काटने के बाद जमीन को समतल करते साफ नजर आ रहे हैं। ये वनकर्मी ग्रामीणों के सामने बेबस से लग रहे हैं।इस संवाददाता के दोनों कक्ष के निरीक्षण के दौरान पता चला कि ग्रामीण वहां 5000 से भी अधिक पेड़ों की कटाई कर चुके हैं। लोग रोज सुबह टंगिया, कुदाल, फावड़े आदि लेकर वनकोमार एवं बोरीगांव के जंगल में पहुंच जाते हैं और पेड़ों की बेरहमी से कटाई शुरू कर देते हैं। लोग सामूहिक रूप से पेड़ों को काटने के बाद फावड़ों और कुदालों की मदद से जमीन को समतल बनाने में जुट जाते हैं। ग्रामीणों द्वारा काटे जा चुके तथा काटे जा रहे पेड़ों में सभी प्रजाति के छोटे – बड़े पेड़ शामिल हैं। दोनों कक्ष का अधिकतर भाग साफ किया जा चुका है।

प्लांटेशन उजाड़ कर शुरू कर दी खेती

वन अधिकार पट्टा के लालच में पेड़ों की अवैध कटाई दिन दूना रात चौगुन बढ़ती जा रही है। आलम यह है कि ग्रामीणों ने वन विभाग के प्लांटेशन को भी उजाड़ कर उस जमीन पर खेती शुरू कर दी है। करपावंड वन परिक्षेत्र अंतर्गत वनकोमार बोरीगांव जंगल के कक्ष क्रमांक 1129 के बड़े भू भाग में वन विभाग द्वारा प्लांटेशन तैयार किया गया था, जहां सभी प्रजातियों के सैकड़ों पौधे रोपे गए थे। ग्रामीणों ने इन पौधों को तहस नहस कर डाला और प्लांटेशन वाली जमीन की जोताई कर वहां मक्का तथा उड़द की खेती कर ली है। इस काम को अंजाम दिए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। चर्चा है चुनाव करीब होने के कारण नेता भी जंगल की जमीन कब्जाने के लिए ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर रहे हैं।

योजना की हकीकत से अनजान हैं ग्रामीण?

क्या वन अधिकार पट्टा योजना से ग्रामीण अनजान हैं ? शायद नहीं, क्योंकि दोनों गांवों के दर्जनों ग्रामीणों को भूपेश बघेल सरकार की वन अधिकार पट्टा योजना का लाभ पूर्व में मिल चुका है। योजना के तहत वन भूमि के ऐसे कब्जेदारों को पट्टे दिए जाते हैं, जो उक्त भूमि पर बीते कई साल से काबिज हैं। ऐसी भूमि पर बने आवासों, खेतों और देवगुड़ी – मातागुड़ी के लिए पट्टे जारी करने का प्रावधान है। दोनों गांवों में वनभूमि के पुराने कब्जेदारों को ही वन अधिकार पट्टे दिए गए हैं। इस सच्चाई से वाकिफ होते हुए भी ग्रामीण पेड़ों की कटाई कर जंगल की जमीन पर कब्जा करते जा रहे हैं। जनप्रतिनिधि और नेतागण वोट की राजनीति के चलते ग्रामीणों को नियम विरुद्ध कार्य करने के लिए ग्रामीणों को उकसा रहे हैं।