लालपानी प्रभावितों की तर्ज पर राजहरा खदान के दुष्प्रभाव से प्रभावित राजहरा के युवा बेरोजगारों को खदान में रोजगार उपलब्ध कराये बीएसपी प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन, मुश्ताक अहमद

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विगत दिनों दल्ली राजहरा के पढ़े लिखे युवा बेरोजगारों की एक बैठक भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री और सांसद प्रतिनिधि मुश्ताक अहमद की उपस्थिति में संपन्न हुई। वर्षों से नगर के युवा बेरोजगार रोजगार के नाम पर नगर में अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहें हैं। इसलिए युवा बेरोजगारों ने तय किया कि एक ऐसा युवा बेरोजगारों का संगठन बनाया जाये जिसमें नगर के बेरोजगार युवाओं के रोजगार की बात हो ईसके लिए शुरुआत हो ईस मंच पर युवाओं की बात सुनी जाये उनकी समस्याओं के समाधान के लिए सार्थक प्रयास किया जाये। ईस बैठक में नगर के 27 वार्ड के युवा और चिखलाकसा के युवक भी शामिल हुए। बैठक में सबसे पहले सबने एक दूसरे से परिचय प्राप्त किया और बैठक विधिवत् प्रारंभ हुई, बैठक में युवाओं को संबोधित करते हुए मुश्ताक अहमद ने कहा कि आज मुझे बहुत खुशी हो रही है कि दल्ली राजहरा के पढ़े लिखे युवा एकजुट हुए हैं और उनकी एकजुटता उनकी इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति से पता चल रहा है। किंतु इस बात का दुःख भी है कि राजहरा नगर में इतना बड़ा खदान होने के बाद भी वहां काम करने के मामले में राजहरा के युवाओं की उपस्थिति नगण्य है जोकि चिंतनीय विषय है मगर नगर के युवा बेरोजगारों के रोजगार की चिंता न तो स्थानीय प्रशासन को है?और न ही जिला प्रशासन को है? और न ही बीएसपी प्रबंधन को है और हमारे युवा साथी रोजगार के लिए भटक रहे हैं लेकिन कहीं भी रोजगार उपलब्ध नहीं है। जबकि ईसके ठीक विपरीत जिला प्रशासन, स्थानीय प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन राजहरा खदान के दुष्प्रभाव से प्रभावित,लालपानी से प्रभावितों को खदान में रोजगार दिलाने के लिए आपस में बैठक कर खदान में रोजगार दिलाने के लिए प्रभावितों की सूची तैयार करते है और उनको खदान में रोजगार उपलब्ध करा रहें हैं हमारा प्रश्न सिर्फ इतना है कि जब प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन प्रभावित लालपानी या अन्य ग्रामीणों के लिए पूरी ईमानदारी से उनके रोजगार की व्यवस्था करने में लगीं हुई है तो ऐसी व्यवस्था राजहरा के युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए क्यों नहीं,ऐसा पक्षपात क्यों? हम किसी भी ग्रामीणों या लालपानी से प्रभावितों का विरोध नहीं कर रहे मगर हम अपना अधिकार तो मांग सकते हैं न । क्या राजहरा की जनता ईस खदान के दुष्प्रभाव से प्रभावित नहीं है क्या, अरे राजहरा नगर के लोग तो खदान के सबसे नजदीक है और ईसके दुष्प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित भी है मगर न तो कभी प्रशासन ने ईस ओर ध्यान दिया और न ही बीएसपी प्रबंधन ने, राजहरा के युवाओं का तो सिर्फ शोषण हुआ है। आज बीएसपी प्रबंधन और जिला प्रशासन रोजगार दिलाने के नाम पर लालपानी से प्रभावितों को भी बेवकूफ ही बना रहीं हैं अगर प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन ईनको प्रभावितों की श्रेणी में रखती हैं तो इन्हें बीएसपी में नियमित रूप नौकरी क्यों नहीं देती है इन्हें भी सिर्फ ठेका श्रमिक बनाकर शोषण करने में लगीं हुई है। और दूसरी तरफ राजहरा नगर के युवाओं को तो ठेका श्रमिक बनने का भी अवसर नहीं मिल रहा है जोकि बहुत ही शर्मनाक है। अपने उद्बोधन में आगे मुश्ताक अहमद ने कहा कि एक तरफ वो लोग हैं जिनको जिला प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन प्रभावितों की श्रेणी में रख उनके लिए रोजगार की व्यवस्था कर रहा है और दूसरी ओर हम राजहरा के युवा बेरोजगार जो कि खदान के दुष्प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित होकर भी ईस श्रेणी में नहीं है ये जिला प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन का दोहरा मापदंड है। जबकि ईस खदान के दुष्प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं मगर राजहरा नगर के युवा बेरोजगारों की चिंता किसी को नहीं है।न तो जिला प्रशासन और न ही बीएसपी प्रबंधन को, बीएसपी प्रबंधन वर्षों से राजहरा खदान के दोहन के साथ साथ यहां निवासरत जनमानस का भी दोहन कर रही है।जिन शर्तों में बीएसपी ने ईस खदान को लिया था आज उन शर्तों को बीएसपी भूल चूकी है। ये राजहरा नगर के युवाओं के लिए वही बात हो गई है कि कुंआ पास है फिर भी वो प्यासे हैं और दूर से लोग आकर ईसी कुंआ से अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इसलिए हमें अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा, जागरूक होना होगा। जबकि एक तरफ स्थानीय प्रशासन खदान के दुष्प्रभाव से प्रभावितों को रोजगार दिलाने के लिए बकायदा श्रमिकों की सूची तैयार कर बीएसपी प्रबंधन को दे रही है और बीएसपी प्रबंधन निकाले जाने वाले ठेकों के शर्तों पर ईसका उल्लेख भी कर रही है और तो और कुछ ठेकों की शर्तों पर यह भी लिखा जा रहा है कि ईस ठेके पर कौन से श्रमिकों को रखा जायेगा उसकी सूची स्थानीय प्रशासन द्वारा दिया जायेगा । हमारा प्रश्न यह है कि यही तत्परता और फुर्ती राजहरा नगर के पढ़े लिखे युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन क्यों नहीं दिखा रहीं हैं आज युवाओं के पास रोजगार नहीं है जुआं, सट्टा और शराब के काम जो अवैध रूप से पूरे नगर में चल रहे हैं उसी में लग जायें क्या करें अब ईसका जवाब स्थानीय प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन को देना होगा और हमारे साथ दोहरा मापदंड बंद कर हमें भी समानता का अधिकार देना होगा जब राजहरा नगर के लोग खदान के दुष्प्रभाव से सबसे ज्यादा प्रभावित है तो कम से कम यहां के युवाओं को रोजगार तो ईस खदान में मिलना चाहिए। मुश्ताक अहमद ने अंत में कहा कि बहुत जल्द ही हम सभी मिलकर युवाओं को रोजगार दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन और बीएसपी प्रबंधन को ज्ञापन सौंपकर निवेदन करेंगे कि अब खदान में निकलने वालें नये ठेके पर राजहरा के युवाओं के लिए भी एक कोटा निर्धारित किया जावे । ईस बैठक में मुख्य रूप से युवराज सोनवानी, हिरामन साहू, सुमीत साहू, युवराज साहू,मनोज विश्वकर्मा,साजन यादव, सुमीत,हरीश देवांगन,डिकेशवर चौहान,शुभम कौशिक, खूबचंद ठाकुर, बसंत लोहार, मुकेश साहू,ईश कुमार , संतोष निर्मलकर एवं सैकड़ों की संख्या में नगर के युवा बेरोजगार उपस्थित थे।