भिलाई इस्पात संयंत्र के नए सीजीएम पर्सनल के आज दल्ली राजहरा आगमन पर यूनियनों के साथ संपन्न हुई बैठक में सीटू की ओर से सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रिय,अध्यक्ष पुरुषोत्तम सीमैया, कार्यकारी अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र सिंह, एटक से अध्यक्ष राजेंद्र बेहरा, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ से अध्यक्ष सोमनाथ उइके, शैलेश, और प्रबंधन की ओर से मुख्य महाप्रबंधक कार्मिक भिलाई इस्पात संयंत्र, संदीप माथुर, महाप्रबंधक कार्मिक नान वर्क्स एण्ड माइंस एस के सोनी, महाप्रबंधक कार्मिक आई आर जे एन ठाकुर, सहायक महाप्रबंधक कार्मिक आईओसी राजहरा एमडी रेड्डी, प्रबंधक कार्मिक डॉक्टर जे एस बघेल, प्रबंधक कार्मिक जोत कुमार, प्रबंधक कार्मिक सिकंदर इंदौरिया,अतिरिक्त श्रम कल्याण अधिकारीगण रतीश मिश्रा, संत राम साहू, एमडी चंद्राकर, श्रीमती संध्या रानी वर्मा, घनश्याम पारकर, इत्यादि उपस्थित थे। बैठक में खदान के नियमित एवं ठेका कर्मचारियों के विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई । नियमित कर्मचारियों के मुद्दों को उठाते हुए सीटू सचिव प्रकाश सिंह क्षत्रिय ने कहा कि वेतन समझौते में जो भेदभाव कर्मचारियों और अधिकारियों के बीच दिल्ली में किया गया अब उसी प्रकार का भेदभाव खदान कर्मचारियों के साथ दल्लीराजहरा में भी किया जा रहा है ।खदान के अधिकारियों को 12 अतिरिक्त सी एल का प्रावधान इनकैशमेंट के साथ लागू किया गया है,और इसी तरह अधिकारियों को अटेंडेंस के आधार पर नया रिवॉर्ड स्कीम भी चालू किया गया है। लेकिन इन दोनों मामले में कर्मचारियों की उपेक्षा करते हुए खदान कर्मचारियों पर लागू नहीं किया गया है । इसलिए जल्द से जल्द प्रबंधन माइंस कर्मचारियों को भी अतिरिक्त 12 सीएल इंकेसमेंट के साथ, पांच एफ एल का इनकेसमेंट एवं अटेंडेंस के आधार पर नई रिवॉर्ड स्कीम चालू की जाए। इसी तरह ठेका श्रमिकों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी में तरह-तरह की बाधाएं आ रही हैं उन्हें दूर कर सभी ठेका श्रमिकों को ग्रेच्युटी का भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
टाउनशिप की जर्जर हालत पर चर्चा करते हुए एटक अध्यक्ष कामरेड राजेंद्र बेहरा ने कहा कि टाउनशिप में मेंटेनेंस तथा आवास आबंटन का पूरा सिस्टम ध्वस्त हो चुका है । मेंटेनेंस कार्य ठेकेदार नहीं कर रहे हैं ,और उन पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही है ।कर्मचारी काफी परेशान इसलिए टाउनशिप में सिविल मेंटेनेंस कार्य एवं आवास आवंटन की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए । खदानों में कार्यरत आपरेटरों के वाशिंग एलाउंस का मुद्दा भी उन्होंने उठाया।
हॉस्पिटल की खराब हालत पर चर्चा करते हुए सीटू के कामरेड ज्ञानेंद्र सिंह ने कहा कि अस्पताल की हालत बेहद खराब है राजहरा माइंस अस्पताल केवल एक रेफर सेंटर बनकर रह गया है । इसलिए अस्पताल की व्यवस्था को जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए।
सीटू अध्यक्ष कामरेड पुरषोत्तम सिमैया ने कहा कि टाउनशिप में खाली हो रहे आवासों को ठेका श्रमिकों को दिया जाए एवं सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए जल्द से जल्द सभी प्रकार के आवासों को लाइसेंस पद्धति से आवंटित करने की प्रक्रिया चालू की जाए।
ठेका कर्मियों की विभिन्न समस्याओं को उठाते हुए सीएमएसएस से कामरेड शैलेश ने कहा कि खदानों में ठेका मजदूरों के लिए बनी बेहतर व्यवस्था को कुछ लोग तहस नहस करना चाहते हैं, वह भिलाई के प्रदूषण को राजहरा के ठेका में लाकर थोपने की कोशिश कर रहे हैं जिसे रोकना बहुत जरूरी है अन्यथा विस्फोटक स्थिति पैदा हो सकती है।कामरेड सोमनाथ उइके ने कहा कि महीनों पूर्व बनी सहमति के बावजूद ठेका मजदूरों को दी जाने वाली चिकित्सा सुविधा आज तक प्रारंभ नहीं हुई जिससे कर्मचारियों में बेहद आक्रोश है। अधिकांश ठेकेदार समय पर वेतन भुगतान नहीं कर रहे हैं ।आगे उन्होंने कहा कि विभागीय वेतन भुगतान में भत्तों को भी शामिल किया जाए एवं पीएफ राशि जमा करने की भी व्यवस्था करवाई जाए।
उक्त तमाम चर्चा में प्रबंधन द्वारा बताया गया कि राजहरा माइंस हास्पिटल को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत अपोलो हॉस्पिटल से चर्चा जारी है इसे अंतिम रूप देने से पहले यूनियनों से चर्चा की जाएगी। इसी तरह ठेका मजदूरों के लिए 10 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा करने की योजना पर भी प्रबंधन विचार कर रही है, नवंबर माह तक इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। ठेका श्रमिकों के विभागीय वेतन में भत्तों को शामिल करने एवं काटी गई पीएफ राशि को श्रमिकों के अकाउंट में जमा करने हेतु भी प्रबंधन ने सहमति व्यक्ति की। साथ ही कहा अन्य उठाए गए तमाम मुद्दों को गंभीरता से लेकर प्रयास किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने भिलाई इस्पात संयंत्र की जरूरत के अनुरूप आयरन ओर की आपूर्ति हेतु सभी से अपील की ।