- ग्राम पंचायतों द्वारा निर्मित सड़कों का बेड़ागर्क कर रहे हैं अधिकारी
- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सब इंजीनियर की कारगुजारी
- गुमडेल समेत सभी ग्राम पंचायतों की सड़कों की कर डाली है दुर्गति
अर्जुन झा
बकावंड ग्राम पंचायतों में शासन के करोड़ों रुपयों की लागत से बनवाई गई सड़कें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (पीएचई) के अधिकारियों को रास नहीं आ रही हैं। वे इन सड़कों का बेड़ागर्क करने पर तुल गए हैं। इस मामले में पीएचई के सब इंजीनियर आलोक मंडल दो कदम आगे चल रहे हैं। पेयजल आपूर्ति पाईप लाईन बिछाने के नाम पर सब इंजीनियर मंडल अच्छी भली सड़कों का सर्वनाश कर रहे हैं। ग्राम पंचायत गुमडेल में उनकी करतूत की तस्वीर देखने में आई है।
केंद्र सरकार द्वारा हर गांव के घर – घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन योजना चलाई जा रही है। जल जीवन मिशन के कार्य को जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को दी गई है। विभाग के अधिकारी मिशन के कार्यों में जमकर गड़बड़ी तो कर ही रहे हैं, गांवों में निर्मित पक्की सड़कों को ध्वस्त करने से भी नहीं चूक रहे हैं। ऐसी ही बुरी गत बकावंड जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत गुमडेल की भी सड़क की बना दी गई है। गुमडेल के आवास पारा की गलियों में ग्राम पंचायत द्वारा लाखों रुपए खर्च कर बनाई सीसी सड़कों को पाईप लाईन बिछाने के लिए पूरी तरह उधेड़ दिया गया है। पाईप लाइनें बिछाने के बाद जेसीबी के जरिए गलियों में मिट्टी का भराव किया गया है। अब गलियों में पहले की तरह कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रहा है। इन गलियों में हाल ही में लाखों रु. खर्च कर सीमेंट कांक्रिट सड़कों का निर्माण ग्राम पंचायत के माध्यम से कराया गया था। सीसी रोड बनने से आवास पारा के रहवासियों को बड़ी राहत पहुंची और कीचड़ से मुक्ति मिल गई थी, लेकिन पीएचई के अधिकारियों की मनमानी ने ग्रामीणों की खुशी छीन ली। गलियां कीचड़ से भर गई हैं, जिसके चलते ग्रामीणों को आवागमन में बड़ी असुविधा हो रही है। ग्रामीण और उनके बच्चे कीचड़ में फिसलकर गिर रहे हैं। इसे लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
ठेकेदार पर थोप रहे जिम्मेदारी
गुमडेल के सरपंच, उप सरपंच और पंचों ने जब ठेकेदार को सड़क खोदने से मना किया, तो उसने यह कहते हुए सड़कों की खोदाई बंद नहीं की कि वह साहब के कहे अनुसार काम कर रहा है। वहीं पीएचई के सब इंजीनियर आलोक मंडल ने ग्रामीणों से यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि ठेकेदार मेरी बात नहीं मान रहा है। पंचायत प्रतिनिधियों ने पीएचई के ईई जगदीश कुमार से भी मामले की शिकायत की है। बकावंड विकासखंड की सभी 93 ग्राम पंचायतों में पक्की सड़कों की ऐसी ही दुर्दशा पाईप लाईन बिछाने के नाम पर कर दी गई है।
जल जीवन मिशन या करपशन का मिशन ?
जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए केंद्र सरकार द्वारा करोड़ों रुपए मंजूर किए जाते हैं। इस राशि से बोर कराने, मोटर पंप लगाने, सोलर पैनल्स लगाकर सौर ऊर्जा के जरिए मोटर पंप ऑपरेटिंग, ओवरहेड टंकी निर्माण, संबंधित गांव की हर गली में अंतिम छोर के घर तक पाईप लाईन बिछाने, घर घर में नल कनेक्शन देने, गलियों में जगह जगह स्टैंड पोस्ट लगाने, नलों के वेस्टेज पानी की निकासी की व्यवस्था करने आदि कार्य कराए जाते हैं। हर ग्राम पंचायत में जल जीवन मिशन के लिए करोड़ों का आवंटन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को मिलता है। इस रकम की जमकर बंदरबांट होने की भी खूब चर्चा है। बताया गया है कि जहां जहां भी बोर कराया गया है, वहां वहां बोर की गहराई कम रखी गई है और ज्यादा गहराई तक बोर कराने पर व्यय बताकर रकम हड़प ली गई है। बोर में केसिंग और पाईप तथा मोटर घटिया स्तर के लगाए गए हैं। पाईप लाइनों में बिछाए गए पाईप बेहद ही घटिया स्तर के हैं। स्टैंड पोस्ट बनाने में घटिया क्वालिटी की सीमेंट का उपयोग किया गया है। सोलर पैनल्स की गुणवत्ता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। पीएचई के अधिकारियों ने जल जीवन मिशन को करप्शन का मिशन बना लिया है। सभी ग्राम पंचायतों में जल जीवन मिशन के कार्य ठेके पर दिए गए हैं। ठेकेदार को भ्रष्टाचार की खुली छूट विभागीय अधिकारियों ने दे रखी है और जब पोल खुलती है, तब सारा दोष ठेकेदार पर मढ़ देते हैं।
वर्सन
सब इंजीनियर को दिए हैं निर्देश
गुमडेल की सड़कों को नुकसान पहुंचने की शिकायत मिली है। मैंने सभी सब इंजीनियरों को निर्देश दिए हैं कि पाईप लाईन बिछाने में सड़कों को किसी भी तरह की क्षति न पहुंचाई जाए।
जगदीश कुमार ईई, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, बस्तर
वर्सन
सब इंजीनियर कर रहे मनमानी
पीएचई के सब इंजीनियर आलोक मंडल हर कार्य में मनमानी कर रहे हैं। वे अपने ईई के निर्देश का भी पालन नहीं करते।
हरीश कश्यप
सरपंच, ग्राम पंचायत, गुमडेल