सामाजिक दबाव की राजनीति का दौर, जनता चाह रही विकास का ठौर

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  • दीपक की रौशनी से घबराकर नई पैंतरेबाजी

(अर्जुन झा)

तोकापाल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में चर्चित सीट चित्रकोट में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद दीपक बैज को मिल रहे भारी जन समर्थन से घबराए विरोधी अब सामाजिक बहिष्कार जैसी दबाव की राजनीति पर उतर आए हैं। लगातार ऐसी शिकायत सामने आ रही हैं कि पाला बदलकर कांग्रेस में शामिल होने वालों को सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी दी जा रही है। गौरतलब है कि चित्रकोट से सांसद दीपक बैज की उम्मीदवारी घोषित होने के बाद माहौल एकतरफा कांग्रेस के पक्ष में प्रतीत हो रहा है। इस इलाके में बिरनपुर जैसे ध्रुवीकरण की कोशिश की जा रही थी। लेकिन दीपक बैज के द्वारा मोर्चा सम्हालते ही विरोधियों की सारी योजना को पलीता लग गया क्योंकि चित्रकोट के तीनों ब्लॉक की जनता सिर्फ विकास चाहती है। मतांतरण को लेकर माहौल गरमाने की कोशिशें पहले से ही चल रही थीं। अरनपुर, भेदरिपदर, चीतापुर में सामाजिक बहिष्कार के मामलों पर जमकर राजनीति चल रही है ताकि चुनाव को प्रभावित किया जा सके। इस इलाके में कांग्रेस की सरकार और सांसद दीपक बैज ने विकास और जन कल्याण को पहली प्राथमिकता दी है। इस वजह से विरोधियों के पास कोई मुद्दा नहीं है। अब चुनाव लड़ना है तो विरोधियों के पास भिड़ने के लिए कुछ तो साधन होना चाहिए। लिहाजा सामाजिक बहिष्कार की अनीति का हथकंडा अपनाने की शिकायत आम हो गई है। जैसे जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है और कांग्रेस में नव प्रवेशियों की तादात में इजाफा हो रहा है, वैसे वैसे सामाजिक बिखराव की राजनीति किए जाने की शिकायतें बढ़ रही हैं। तोकापाल ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सहदेव नाग से इस बाबत बात किए जाने पर उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायतें आई हैं। उन क्षेत्रों में जाकर वस्तु स्थिति का पता लगाएंगे और जो भी उचित होगा, वह किया जाएगा। यदि कांग्रेस में आने वाले सरपंचों, पंचों या किसी को भी सामाजिक बहिष्कार की धमकी दी जा रही है तो इन्हें ऐसी धमकियों से डरने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस में जो आ गया, वह किसी से नहीं डरता। कांग्रेस जब अंग्रेजी से नहीं डरी तो हिटलर के अनुयायी उसे क्या डरा पाएंगे। इस तरह की सामाजिक विघटन की साजिशों को जनता कभी सफल नहीं होने देगी। जो लोग सत्ता की राजनीति की खातिर आदिवासी को आदिवासी से लड़ाने की साजिश को अंजाम देने में लगे हुए हैं, उन्हें जनता मुंहतोड़ जवाब देगी। आदिवासी समाज को तोड़ने का कुचक्र रचा जा रहा है। अशांति और तनाव फैलाने की कोशिश की जा रही है तो ऐसी विचारधारा पर अंकुश लगाया जाना बहुत जरूरी है। कांग्रेस की सरकार और दीपक बैज के विकास कार्यों के सामने इस प्रकार की कोई खुराफात टिक नहीं पाएगी। आदिवासी समाज विकास और अमन चैन चाहता है और यह सिर्फ कांग्रेस ही देती है। बहरहाल, तोकापाल ब्लॉक मेंकांग्रेस का समर्थन करने वालों को सामाजिक बहिष्कार की चेतावनी के साथ यह शिकायत भी सामने आई है कि पाला बदलने वाले सरपंचों से कहा जा रहा है कि पंचायत के पैसे से खरीदी गई सामाजिक सामग्री के उपयोग से भी वंचित कर दिया जाएगा।