बंगाली समाज को इंसाफ दिलाएं राजनैतिक दल : राय

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  • बंग समाज के सलाहकार मनोरंजन राय ने उठाए मुद्दे

जगदलपुर बंगीय समाज जगदलपुर बस्तर के अध्यक्ष एवं सलाहकार मनोरंजन राय ने बंगाली समाज के नमोशुद्रो जाति को अनुसूचित जाति का दर्जा देने, राज्य के बंगाली बहुल इलाकों में बंगला भाषा में शिक्षा व्यवस्था शुरू करने और विस्थापित होकर यहां आ बसे बंगालियों को स्थायी भूमि स्वामी हक दिलाने की मांग की है।

एक बयान में मनोरंजन राय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के हर ब्लॉक में बंगाली समाज के लोग निवासरत हैं। छत्तीसगढ़ में बंगाली समाज के लगभग 25 लाख परिवार निवासरत हैं। बंगाली समाज के लोगों के वोट अनेक विधानसभा क्षेत्रों के नतीजों को प्रभावित करते हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश एवं वर्तमान छत्तीसगढ़ में बंगाली समाज के आरक्षण, बंगला भाषा व भूमि स्वामी अधिकार के लिए किसी भी राजनैतिक दल ने कभी प्रयास नही किया है। बंगाली समाज के ज्यादातर लोगों को आजादी से पूर्व धार्मिक प्रताड़ना के चलते बंटवारे के समय व बंटवारे के बाद बंगलादेश बनने के पहले पूर्वी पाकिस्तान से हिंदू मुस्लिम दंगों व अत्याचार के बाद भारत के प्रत्येक राज्य में अलग अलग जगहों पर बसाया गया। अविभाजित मध्यप्रदेश में बसाए गए और पहले से बसे बंगाली परिवारों का तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने भला नहीं किया व उन्हें आरक्षण से वंचित रखा। श्री राय ने कहा है कि अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ में भाजपा 15 साल व कांग्रेस ने 8 साल में बंगाली समाज की अनदेखी की।

मांग पूरी करने वाले दल को देंगे साथ

मनोरंजन राय ने कहा है कि दोनों प्रमुख पार्टियां समाज की मांगों को लेकर कभी गंभीर नहीं रहीं। छत्तीसगढ़ के संपूर्ण बंगाली समुदाय के प्रमुख जनों के अलावा विभिन्न बंग संगठनों ने निर्णय लिया है कि जो राष्ट्रीय दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में बंगाली समाज की मांगों को शामिल करेगा, उसे ही समाज के लोग सहयोग करेंगे। समाज के नमोशुद्रो को भारत के 9 राज्यों असम, मणिपुर, मेघालय, ओड़िसा, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, मिजोरम अरूणाचल प्रदेश, झारखंड में अनुसूचित जाति का दर्जा देते हुए आरक्षण दिया गया है। मध्यप्रदेश, असम, मेघालय, उड़िसा पश्चिम बंगाल की तरह पिछड़ा वर्ग आयोग 31 दिसम्बर 1980 की रिपोर्ट अनुसार पिछड़ा वर्ग में आने

वाली जातियों को छत्तीसगढ़ राज्य में आरक्षण देने की बात जो दल घोषणा पत्र में करेगा, उसी दल को बंगाली समाज से वोट देने आव्हान किया जाएगा। जो दल नजरअंदाज करेगा, उस दल का समाज के लोगों से बहिष्कार करने की अपील करेंगे।

घोषणा पत्र में शामिल करें ये मुद्दे

राय ने राजनैतिक दलों से अपने घोषणा पत्र में नमोशुद्रो जाति के लोगों को अनुसूचित जाति में शामिल कराने, छत्तीसगढ़ के बंगाली बहुल क्षेत्रों में शिक्षा में बंगला भाषा को शामिल करने व विस्थापन के समय सरकार द्वारा दी गई भूमि का स्थाई भूमिस्वामी हक दिलाने के मुद्दों को शामिल करने का आग्रह किया है।