तारापुर में अतिक्रमण को लेकर मच गया है बवाल

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  •  सरपंच और अधिकारियों के संरक्षण में हुए अवैध कब्जे
  • अवैध कब्जों के खिलाफ कलेक्टर से मिले ग्रामीण

बकावंड विकासखंड बकावंड की ग्राम पंचायत तारापुर में सार्वजनिक और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हो उठे हैं। सरपंच और अधिकारी इन अवैध कब्जों को खुला संरक्षण दे रहे हैं। इससे गुस्साए सैकड़ों ग्रामीण मंगलवार को जगदलपुर पहुंच गए, जहां उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। कार्रवाई न होने की स्थिति में ग्रामीणों ने उग्र कदम उठाने की चेतावनी दी है।

बकावंड जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत तारापुर में बीते कुछ माह से अवैध कब्जों की बाढ़ आ गई है। कुछ स्थानीय रसूखदार ग्रामीण तथा अनेक बाहरी लोग गांव में स्थित सार्वजनिक प्रयोजन की जमीन, घासभूमि और सरकारी जमीन के साथ ही वन विभाग की जमीन पर भी लगातार अतिक्रमण करते जा रहे हैं। अवैध कब्जे की जमीन पर कोई मकान बना रहा है, कोई दुकान बना रहा है, तो कोई खलिहान बना ले रहा है। अतिक्रमण की वजह से गांव में बच्चों और युवाओं के खेल मैदान, नए शासकीय भवन बनाने के लिए और सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए जमीन नहीं बची है। चराई जमीन भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है। गौवंश के चारे की समस्या पैदा हो गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच और कुछ अधिकारी अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। विरोध करने पर ग्रामीणों से दुर्व्यवहार किया जाता है। इससे ग्रामीणों में भारी असंतोष पैदा हो गया है और गांव में कभी भी अप्रिय स्थिति निर्मित हो सकती है। इस गंभीर मसले को लेकर तारागांव के दो सौ से भी ज्यादा ग्रामीण 26 सितंबर को जगदलपुर पहुंचे थे। इन ग्रामीणों ने कलेक्टर बस्तर को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमणों के खिलाफ तथा सरपंच व संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।

शिकायत करने जगदलपुर गए ग्रामीणों में बुधसिंह भारती, फाल्गुनी पटेल, तुलाराम पटेल, भारत पटेल, मंगल राम कश्यप, बलि भारती, मैधर भारती, लखबंधु, धनुर्जय, सुकुलधर, समुंद्र, दुर्जन,

महिला रायमती, सुखल, लीमबती, दयामती, सुखमती, कमल बती, गुरबारी समेत दो सौ से भी अधिक ग्रामीण शामिल थे।