खबरिया चैनलों अनुमान छीन रहे दावेदारों का चैन

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(अर्जुन झा)

जगदलपुर छत्तीसगढ़ के दो खबरिया चैनलों द्वारा विधानसभा टिकट को लेकर जारी सूची से भाजपा और कांग्रेस दोनों में ही खलबली मची हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बस्तर दौरे के ठीक पहले एक खबरिया चैनल ने भाजपा सूची फाइनल होने का दावा करते हुए थोक में नाम उजागर कर भाजपा को सकते में ला दिया। भाजपा में स्थानीय स्तर पर अफरातफरी उत्पन्न हो गई। क्योंकि भाजपा की दिल्ली बैठक के बाद यह दावा सामने आया था। भाजपा में इस बात को लेकर नाराजगी है कि इतनी उच्च स्तरीय बैठक में क्या मंत्रणा हुई, यह खबर सार्वजनिक कैसे हो गई। भाजपा की दूसरी सूची फिलहाल लटक गई। प्रधानमंत्री के छत्तीसगढ़ दौरे के मद्देनजर वैसे भी उस दिन भाजपा उम्मीदवारों की फेहरिस्त जारी करने की स्थिति में नहीं थी। तब भी खबरिया चैनल के दावे से भाजपा के दावेदारों में भ्रम की स्थिति बन गई। हालांकि भाजपा ने मामला शांत करने में देर नहीं की। भाजपा का बवंडर जैसे तैसे थमा तो अगले रोज एक दूसरे खबरिया चैनल ने कांग्रेस में कोहराम मचा दिया। जगदलपुर सीट से पूर्व नगर कांग्रेस अध्यक्ष राजीव शर्मा का नाम सामने आ गया तो मौजूदा विधायक रेखचंद जैन के समर्थकों के बीच भ्रम की स्थिति बन गई। जबकि कांग्रेस में अभी रायशुमारी और दावेदारों की हर स्तर पर परख चल रही है। किसी की भी टिकट पक्की होने का दावा कोई नहीं कर सकता। अभी हाल ही एआईसीसी के पर्यवेक्षक का जगदलपुर दौरा हुआ था। तब रेखचंद और राजीव के समर्थकों ने पर्यवेक्षक के सामने शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश की तो शहर जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने उस पर फौरन नियंत्रण किया। अब एक खबरिया चैनल ने कांग्रेस की टिकट बांट दी तो इसके पहले एक अन्य चैनल ने भाजपा की टिकट बांटने जैसा काम कर दिया। पार्टी स्तर पर पार्टियां ही अंतिम फैसला लेती हैं और जब तक वे अधिकृत तौर पर घोषणा न कर दें, तब तक सिर्फ कयास लगाये जा सकते हैं लेकिन इससे राजनीतिक दलों में असमंजस की स्थिति बन जाती है। राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों का कहना है कि खबरिया चैनलों को इस तरह राजनीतिक पार्टियों के आंतरिक मामलों में संयम बरतने की जरूरत है।