- महिला स्व सहायता समूहों का कर्जा माफ करेगी
- महिलाओं को आरक्षण का लाभ दिलाने की भी कवायद
–अर्जुन झा-
जगदलपुर कांग्रेस सिर्फ किसानों और आदिवासियों के ही हितों की बात नहीं कर रही है, बल्कि आधी आबादी कही जाने वाली मातृशक्ति को भी पूरा अधिकार देने जा रही है।
कांग्रेस द्वारा अब तक की गई चुनावी घोषणाओं में ज्यादातर बार किसानों और तेंदूपत्ता श्रमिकों के हितों की ही बात सामने आई है। कांग्रेस ने किसानों के लिए धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने, बोनस देने, प्रति एकड़ 20 क्विंटल के मान से धान खरीदने और पिछली बार की तरह ही किसानों का सारा कर्जा माफ करने की घोषणा की है। कांग्रेस ने तेंदूपत्ता संग्राहक हर परिवार को सालाना 4 हजार रु. का बोनस देने, बिजली बिल हाफ योजना और बेरोजगारी भत्ता योजना को जारी रखने, केजी से पोस्ट ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा का प्रावधान करने, रसोई गैस सिलेंडर पर 500 रु. की सब्सिडी देने, साढ़े सत्रह लाख गरीब परिवारों को मुफ्त आवास उपलब्ध कराने, परिवहन व्यवसायियों का कर्जा माफ करने, मुफ्त ईलाज की सुविधा की राशि बढ़ाने, वनोपजों के समर्थन मूल्य के साथ ही 10 रु. प्रति किलो अतिरिक्त देने, भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की राशि को बढ़ाकर 10 हजार रु. देने, सभी सरकारी स्कूलों को स्वामी आत्मानंद स्कूल के रूप में अपग्रेड करने, 700 नए ग्रामीण औद्योगिक पार्को की स्थापना करने, सड़क एवं अन्य आकस्मिक दुर्घटनाओं के घायलों का मुफ्त उपचार कराने, तिवरा की भी खरीदी समर्थन मूल्य पर करने, जातिगत जनगणना कराने जैसी मनभावन घोषणाएं की हैं।
महिला मतदाताओं को साधने की पहल
कांग्रेस ने आधी आबादी को पूरा अधिकार दिलाने के लिए भी अच्छी पहल करने की बात कही है। प्रदेश में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। लिहाजा सरकार बनाने में महिलाओं की बड़ी भूमिका होती है। इसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं के भी हितों का पूरा ध्यान रखा है। कांग्रेस ने महिला स्व सहायता समूहों द्वारा लिए गए ऋण तथा सक्षम योजना के तहत लिए गए कर्जे को माफ करने की घोषणा कर रखी है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के हर गांव में न्यूनतम चार महिला स्व सहायता समूह कार्यरत हैं और इन समूहों से लाखों महिलाएं जुड़ी हुई हैं। ये स्व सहायता समूह बैंकों एवं अन्य संस्थाओं से ऋण लेकर कोई न कोई कार्य कर रहे हैं। कर्जा माफ हो जाने से महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं कांग्रेस ने महिलाओं को आरक्षण का भी लाभ देने की बात कही है। इससे महिलाओं को उनका जायज हक मिल सकेगा। राज्य में सात सौ नए ग्रामीण औद्योगिक पार्को (रीपा) की स्थापना का सीधा लाभ भी महिलाओं को ही मिलेगा। छत्तीसगढ़ में अभी संचालित ऐसे औद्योगिक पार्को में स्व सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं ही विभिन्न निर्माण ईकाइयां संचालित कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं।