फूलों की घाटी में भ्रष्टाचार के कांटे बो रहा है एनएचएआई

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  •  राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कर रहा पेंचवर्क के नाम पर महज खानापूर्ति
  • सीपीडब्ल्यूडी करा रहा है 50 लाख से केशकाल घाट के गड्ढों का समतलीकरण

कोंडागांव राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के अधिकारी बस्तर संभाग की सुविख्यात फूलों की घाटी केशकाल में भ्रष्टाचार के कांटे बो रहे हैं। पेंच वर्क के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है।

राजधानी रायपुर और बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 30 के कोंडागांव जिला अंतर्गत केशकाल घाटी, जिसे बस्तर की लाइफ लाइन और फूलों की घाटी भी कहा जाता है अधिकारियों व राजनेताओं की उदासीनता के चलते अब वेंटिलेटर पर पहुंच चुकी है। घाट की जर्जर सड़क का पेंचवर्क 50 लाख की लागत से प्रारंभ किया गया है। इस कार्य को अंजाम देने के लिए मालवाहक व भारी वाहनों का रूट डायवर्ट कर दिया गया है। घाट के गड्ढे भरने के लिए जिला प्रशासन ने 18 से 30 नवंबर तक का समय नियत किया है, जिसके चलते घाटी से भारी माल वाहक वाहनों के गुजरने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। केवल छोटी वाहनों व यात्री बसों को ही घाट से होकर गुजरने दिया जा रहा है। नेशनल हाईवे के दोनों ओर की पेंच का काम जारी रहने से केशकाल घाटी में सड़क जाम की समस्या पैदा हो रही है। कारें तक पांच – छह घंटे तक फंसी रहती हैं और कारों में सवार महिलाओं व बच्चों को बड़ी परेशानी हो रही है।

बेतरतीबी से कराया जा रहा काम

पेंच का काम कराने के लिए न तो कोई प्लानिंग की गई और न ही कार्य जारी रहने के दौरान उपजने वाले हालातों से निपटने की व्यवस्था। कार्य प्रारंभ होने के पहले दिन ही अधिकारी और ठेकेदार कार्य को लेकर आपस में उलझते नजर आए। इससे उनकी कार्य योजना व तैयारी की पोल खुल गई। इस रार ने यह तो साफ कर दिया है कि जिम्मेदार अधिकारियों व ठेकेदार को आमजन की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है। कार्य की सुस्त रफ्तार और गुणवत्ता की कमी को देखकर लगता है कि प्रशासन ने तैयारी का आंकलन किए बगैर ही घाट पर कार्य कराने के लिए अनुमति जारी कर दी है। जिला प्रशासन एवं एनएचएआई की इस लापरवाही और मनमानी का खामियाजा बस यात्रियों और निजी वाहनों से सफर करने वाले नागरिकों को भोगना पड़ रहा है। घाटी में बार बार सड़क जाम होने की समस्या पैदा हो रही है। लोग इससे बुरी तरह हलाकान हो रहे हैं। वाहन चालकों के बीच विवाद और लड़ाई की स्थिति भी निर्मित हो रही है।

अंधेरे में काम करा रहे अधिकारी

नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई)और केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) के अधिकारी भ्रष्टाचार को छुपाने रात के अंधेरे में खड़े होकर काम करवा रहे हैं। कार्य निहायत ही स्तरहीन कराया जा रहा है।संबंधित अधिकारी घनश्याम साहू मौके पर खड़े रहकर पेंच का काम करवा रहे हैं। वे बिना इमलसन के रात्रि में बीएमसी करवाते और रात के अंधेरे में मजदूर बिना सुरक्षा उपकरण के ही कार्य करते नजर आए। साहू ने बताया कि 5 किमी लंबाई की सड़क का काम 50 लाख रुपए की लागत से करवाया जा रहा है। घाट को प्राथमिकता देते हुए गड्ढे भरवाए जा रहे हैं। उसके बाद केशकाल शहर से गुजरी सड़क की रिपेयरिंग का कार्य कराया जाएगा।