- बाईक रैली के साथ विधायक की अगुआनी की युवाओं ने
- जगह – जगह महिलाओं ने उतारी केदार कश्यप की आरती
भानपुरी (जगदलपुर) पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने एकबार फिर नारायणपुर में इतिहास रच दिया है। यह विधानसभा सीट जीतकर केदार कश्यप ने साबित कर दिया है कि पांच साल के वनवास के बावजूद क्षेत्र की जनता का अटूट विश्वास उन उनके प्रति कायम है। जब कश्यप बस्तर जिले के भानपुरी के निकट स्थित करंदोला गांव पहुंचे, तो उनका स्वागत करने सिर्फ करंदोला गांव के ही लोग नहीं, बल्कि आसपास के तमाम गांवों के ग्रामीण भी उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़े। करंदोला भानपुरी गांव भाजपामय हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व अन्य वरिष्ठ नेताओं के जिंदाबाद के गगनभेदी नारों से गूंज उठा। केदार कश्यप का ग्रामीणों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने भव्य एवं आत्मीय स्वागत किया।
केदार कश्यप एवं उनके भाई दिनेश कश्यप बस्तर संभाग के वरिष्ठ आदिवासी नेताओं में गिने जाते हैं। दिनेश कश्यप बस्तर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। जबकि स्वयं केदार कश्यप डॉ. रमन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं। उन्हें भाजपा ने इस बार के विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग की नारायणपुर विधानसभा सीट से मैदान पर उतारा था। केदार कश्यप पर क्षेत्र के मतदाताओं का भरोसा बरकरार था। यही वजह है कि उन्होंने चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को करारी शिकस्त देते हुए भाजपा की खोई हुई सीट फिर से झटक ली। यह सीट जीतकर केदार कश्यप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, प्रदेश भाजपा प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अरुण साव और संभाग प्रभारी संतोष पाण्डेय के भरोसे को कायम रखा। जीत के बाद जब केदार कश्यप भानपुरी अंचल में पहुंचे, तो जैसे अंचल में फिर से दिवाली मन गई। जोश, जज्बे और जबरदस्त उत्साह से भरे भाजपा कार्यकर्ताओं और ग्रामीणों ने नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र के नव निर्वाचित विधायक केदार कश्यप का भव्य स्वागत किया। पूरे गांव का माहौल भाजपामय हो गया था।नारायणपुर विधानसभा क्षेत्र एवं प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की भव्य एवं ऐतिहासिक जीत के बाद केदार कश्यप के भानपुरी नगर आगमन पर करंदोला से सोनारपाल तक रोड शो एवं बाइक रैली कर आतिशबाजी एवं बाजे गाजे के साथ जीत का जश्न मनाया गया। आतिशबाजी ऐसी भव्य और आकर्षक कि दीपावली की भी आतिशबाजी फीकी सी जान पड़ रही थी। जगह जगह ग्रामीण महिलाओं ने आरती उतारकर केदार कश्यप का स्वागत किया और उन्हें बधाई दी।
पार्टी की प्रतिष्ठा पर न आने दें आंच
इस दौरान नवनिर्वाचित विधायक केदार कश्यप ने भानपुरी मंडल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र की जनता ने भाजपा पर फिर से भरोसा जताया है। हमें हर हाल में क्षेत्र के नागरिकों के इस भरोसे पर खरा उतरना है। हमें भूलकर भी ऐसी कोई भूल नहीं करनी है, जिससे कि नागरिकों की भावना आहत हो और भारतीय जनता पार्टी की हिमालय जैसी ऊंची प्रतिष्ठा पर आंच आंच आ पाए। हम सभी का अस्तित्व भाजपा से है, न कि हमसे भाजपा का। श्री कश्यप ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी ने समूचे विश्व में मां भारती का गौरव बढ़ाया है। जो विकसित देश भारत को तुच्छ समझते थे, आज वही देश भारत के साथ दोस्ती के लिए हाथ बढ़ाने को आतुर हैं। हमारे स्व. प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया, लेकिन हर तरह की संपदा से समृद्ध छत्तीसगढ़ को कांग्रेस की पिछली सरकार ने लूटने का काम किया। आदिवासियों को सिर्फ ठगा, किसानों को राजीव किसान न्याय योजना के नाम पर सिर्फ धोखा दिया। तेंदूपत्ता श्रमिकों से छल किया। बस्तर के आदिवासी, किसान, युवा, महिलाएं और तेंदूपत्ता श्रमिक इस बार कांग्रेस के झांसे में नहीं आए। उन्होंने मोदी जी की गारंटी पर भरोसा किया। हमें इन सभी का कर्ज उतारने का मौका मिला है और हम इस मौके को हरगिज जाया नहीं होने देंगे।
फिर मंत्री बनेंगे ‘नारायण’ के ‘केदार’
नारायणपुर, केदार कश्यप और दिनेश कश्यप इन तीनों नामों में कहीं न कहीं ईश्वर के तीन रूप समाहित हैं। नारायणपुर में भगवान नारायण, दिनेश कश्यप में सूर्य भगवान और केदार कश्यप में देवाधि देव महादेव का एक रूप केदार समाहित है। यह भले ही संयोग हो सकता है, मगर नारायणपुर क्षेत्र के लिए यह शुभ संकेत जरूर है। डॉ. रमनसिंह मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री रहे केदार कश्यप एक अनुभवी और सुलझे हुए राजनेता हैं। भाजपा की इस नई पारी में भी उन्हें अहम जिम्मेदारी मिलने की पूरी संभावना है। इस बार के मंत्रिमंडल में केदार कश्यप को गृह, वित्त, आदिम जाति कल्याण विभाग जैसे किसी बड़े विभाग का मंत्री बनाया जा सकता है। क्षेत्र के नागरिक भी भाजपा नेतृत्व से यही उम्मीद लगाए बैठे हैं। केदार कश्यप पर गुलाल और पुष्पवर्षा करते हुए ग्रामीण और भाजपा कार्यकर्ता इसी तरह की शुभकामनाएं उन्हें देते नजर आ रहे थे। सभी की यही मंशा थी कि केदार कश्यप को उनकी योग्यता और बस्तर के आदिवासी समुदाय की भावनाओं के अनुरूप उन्हें छत्तीसगढ़ सरकार में बड़ी जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।