विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में महसूस की सकती है बस्तरिहा बयार

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  • पुराने के साथ नए चेहरों को भी मिल सकता है मौका
  • केदार कश्यप, विक्रम, लता उसेंडी, टेकाम और किरण देव बनाए जा सकते हैं मंत्री
    अर्जुन झा
    जगदलपुर विष्णुदेव साय सरकार के मंत्रिमंडल का खाका भाजपा शीर्ष नेतृत्व ने तैयार कर लिया है। मंत्रिमंडल में बस्तरिहा बयार बहने और बस्तर संभाग की बल्ले बल्ले होने की प्रबल संभावना है। संभाग के पुराने वरिष्ठ चेहरों के साथ ही कुछ नए चेहरों को भी मंत्री बनाए जाने के आसार नजर आ रहे हैं। बस्तर से जिन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है, उनमें पूर्व मंत्रीद्वय केदार कश्यप नारायणपुर, विक्रम उसेंडी अंतागढ़ एवं लता उसेंडी कोंडागांव तथा नए चेहरे आईएएस नीलकंठ टेकाम कांकेर और किरण देव जगदलपुर शामिल हैं।
    छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रिमंडल गठन को लेकर दिल्ली में रविवार को पार्टी के शीर्ष नेताओं ने मंथन किया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्रीद्वय अरुण साव और विजय शर्मा भी इस दौरान मौजूद रहे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, सह प्रभारी नितिन नबीन, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल और कुछ अन्य बड़े नेताओं ने छत्तीसगढ़ से गए तीनों नेताओं संग विस्तृत चर्चा की, भौगोलिक, राजनैतिक, क्षेत्रीय और जातिगत परिस्थितियों की जानकारी ली। बताया जाता है कि सभी दृष्टि से व्यापक संतुलन बनाए रखते हुए मंत्रिमंडल के गठन को अंतिम रूप दे दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि मंत्रिमंडल भारी भरकम न होकर लघु आकार का मात्र तेरह सादस्यीय हो सकता है। यह संख्या पूर्व से नियुक्त मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों को मिलाकर है। आगे चलकर थोड़े बहुत विस्तार की गुंजाईश भी रहेगी। तब फिर कुछ और विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में कुछ चौंकाने वाले नाम भी हो सकते हैं। जैसा कि विधानसभा चुनाव के लिए टिकट आवंटन, मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति में हुआ है। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी कि पहली बार विधायक चुने गए कवर्धा के विजय शर्मा को सीधे उप मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा। कुछ ऐसा ही गठित होने जा रहे मंत्रिमंडल में भी देखने को मिलेगा। एक ओर जहां तमाम विपक्षी दल जहां जातिगत जनगणना का कार्ड खेल रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा सीधे उस पर अमल करने लगी है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा जातिगत समीकरण के आधार पर मंत्रिमंडल का गठन कर सकती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार के मंत्रिमंडल में कौन- कौन से 10 विधायक मंत्री बनाए जाएंगे, इसका खुलासा दो तीन दिन में हो सकता है। पार्टी सूत्रों की मानें तो सीएम विष्णुदेव साय और दोनों उप मुख्यमंत्रियों अरुण साव व विजय शर्मा ने रविवार को दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं के समक्ष अपने संभावित मंत्रिमंडल का खाका पेश किया। केंद्रीय नेताओं ने इसमें आंशिक फेरबदल करते हुए जातीय के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन को भी अहमियत दी है। विष्णुदेव साय, अरुण साव और विजय शर्मा के साथ व्यापक विचार विमर्श करने के बाद जेपी नड्डा, अमित शाह, ओम माथुर, नितिन नबीन, अजय जामवाल अन्य नेताओं ने मंत्रियों के नाम तय कर लिए हैं। जल्द ही नाम सार्वजनिक किए जा सकते हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत 13 मंत्री ही हो सकते हैं। अब तक मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों समेत तीन की नियुक्ति हो चुकी है। बचे 10 को केबिनेट मंत्रियों के नामों पर भी मुहर लगा दी गई है।

    बस्तर को साधने की कवायद
    पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा छत्तीसगढ़ में आदिवासी समुदाय की बहुलता के मद्देनजर मंत्रिमंडल में ज्यादा से ज्यादा आदिवासी विधायकों को जगह देने की पक्षधर है। इसमें भी आदिवासियों की सर्वाधिक जनसंख्या वाले बस्तर संभाग को साधने पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय कंवर आदिवासी समुदाय के हैं। जबकि राज्य में हल्बा, गोंड़, आदिवासी समुदाय की आबादी ज्यादा है और ज्यादातर हल्बा व गोंड़ आदिवासी बस्तर संभाग में निवासरत हैं। बस्तर की सीमाओं से लगे पड़ोसी राज्य तेलंगाना, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र में भी हल्बा, गोंड़ व भतरा भतरी आदिवासियों की बहुतायत है। भाजपा की मंशा है कि छत्तीसगढ़ के ज्यादा से ज्यादा हल्बा, गोंड़ आदिवासियों को मंत्री बनाकर इन पड़ोसी राज्यों में भी यह संदेश पहुंचाया जाए कि भाजपा आदिवासियों की सबसे बड़ी शुभचिंतक है। इस लिहाज से साय मंत्रिमंडल में बस्तर को ज्यादा से ज्यादा महत्व दिए जाने के आसार हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक पूर्व मंत्री केदार कश्यप, विक्रम उसेंडी और लता उसेंडी को वरीयता क्रम में रखा गया है। इन तीनों को राजकाज चलाने और प्रशासन पर नकेल डाले रखने का खासा तजुर्बा है। इसीलिए उन्हें फिर से मंत्री पद से नवाजा जा सकता है। इनके अलावा रिटायर्ड आईएएस नीलकंठ टेकाम और जगदलपुर के विधायक किरण देव को भी मंत्री पद मिल सकता है।

    चौंकाने वाले हो सकते हैं नाम
    पार्टी सूत्रों की मानें तो विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल में कुछ चौकाने वाले नाम भी हो सकते हैं। पार्टी जातिगत समीकरण को साधते हुए मंत्रिमंडल बनाने जा रही है।जिस तरह नए चेहरे के रूप में विजय शर्मा को पहली बार विधायक बनते ही उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है, उसी तरह कुछ मंत्री भी बनाए जा सकते हैं। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी हर वर्ग को साधना चाहती है। मुख्यमंत्री आदिवासी वर्ग से, उप मुख्यमंत्री ओबीसी और सामान्य वर्ग से बनाने के बाद मंत्रियों में भी इसी तरह जातिगत समीकरण देखने को मिल सकता है। इसमें नए चेहरे चौंका सकते हैं। अनुसूचित जनजाति वर्ग से रिटायर्ड आईएएस नीलकंठ टेकाम, ओबीसी वर्ग से विधायक व पूर्व आईएएस ओपी चौधरी, अनुसूचित जाति वर्ग से गुरु खुशवंत साहेब, सामान्य वर्ग से किरण देव सिंह के नाम भी चर्चा में हैं।

    नारी शक्ति वंदन की छाप भी
    साय मंत्रिमंडल में मोदी सरकार द्वारा पारित नारी शक्ति वंदन अधिनियम की भी छाप दिखाई पड़ सकती है। चूंकि मोदी सरकार ने महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ाने के लिए नारी शक्ति वंदन बिल पारित किया है, इसलिए विष्णु सरकार में लक्ष्मी स्वरूपा महिला विधायकों का मंत्री बनना भी लाजिमी है। प्रदेश की महिला विधायकों में लता उसेंडी, रेणुका सिंह और गोमती साय में से किन्हीं दो को मंत्री बनाया जा सकता है। मंत्री पद के लिए छह पुराने चेहरों की भी चर्चा है। इनमें वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, केदार कश्यप, धरमलाल कौशिक और अमर अग्रवाल में से चार ही मंत्री बनाए जाएंगे। रमन मंत्रिमंडल से अलग नजर आएगा साय मंत्रिमंडल। कैबिनेट में अनुभव के साथ युवा शक्ति को प्राथमिकता मिल सकती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार यदि मंत्रिमंडल में कुछ बड़े चेहरे शामिल नहीं हो पाए, तो उन्हें पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया जा सकता है।