साय सरकार के संरक्षण में अडानी करा रहे हसदेव के जंगलों का सफाया

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  •  कांग्रेस सरकार ने हसदेव अरण्य में जंगल कटाई रोकी थी, भाजपा ने दी खुली छूट

रायपुर/जगदलपुर हसदेव अरण्य क्षेत्र में जंगलों की कटाई तत्काल रोकने और खदान की नीलामी को निरस्त करने की मांग करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के संरक्षण में अडानी की कंपनी हसदेव अरण्य में जंगलों की कटाई करा रहा है। हसदेव को बचाने के लिए आंदोलन कर रहे आदिवासियों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पुलिस गिरफ्तार कर जेल में डाल रही है, उन्हें डराया धमकाया जा रहा है। दुर्भाग्य है कि राज्य का मुखिया आदिवासी हैं, फिर भी आदिवासियों की मांग सुनी नहीं जा रही है। वन मंत्री केदार कश्यप को फाईल देखने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस की सरकार ने विधानसभा में संकल्प पारित कर हसदेव अरण्य क्षेत्र में केंद्र सरकार के द्वारा कोल खनन के लिए जो नीलामी की गई है उसे निरस्त करने की मांग की थी। कांग्रेस सरकार ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में वन कटाई पर कड़ाई से रोक लगाई थी, भाजपा के सरकार बनते ही अडानी सरकारी बंदूक के नोंक पर आदिवासियों को डरा धमका कर जंगलों को काट रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं बस्तर के सांसद दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार ने अडानी के हितों के सवंर्धन के लिए राज्य के जल, जंगल, जमीन और खनिज संपदा अडानी को सौंपना शुरू कर दिया है। जैसे ही भाजपा की सरकार बनी, हसदेव अरण्य क्षेत्र में वनों की अंधाधुंध कटाई शुरू कर दी गई है। 50 हजार से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं। यहां पर कटाई के लिए आदेश और पर्यावरण स्वीकृति मोदी सरकार ने दी थी। कांग्रेस सरकार ने इस स्वीकृति को राज्य स्तर पर निरस्त कर दिया था तथा केंद्र को इसे निरस्त करने के लिए पत्र लिखा था। 31 अक्टूबर 2022 को इस संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर सचिव ने भारत सरकार के वन महानिरीक्षक को पत्र लिखकर परसा ओपन कास्ट कोल माईंस में कोल उत्खनन पर प्रतिबंध लगाने तथा वन कटाई के प्रस्ताव को निरस्त करने को कहा था। विधानसभा में भी कांग्रेस सरकार ने प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र को भेजा था कि हसदेव अरण्य क्षेत्र की सभी कोल खदानों का आवंटन निरस्त किया जाए।दीपक बैज ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में 27 जुलाई 2022 को प्रस्तावित प्रस्ताव पारित कर हसदेव अरण्य, तमोर पिंगला और कोरबा के हाथी रिजर्व क्षेत्र के वनों में कोल ब्लॉक आवंटन रद्द करने का संकल्प लिया था। इस दौरान मोदी सरकार के कोयला मंत्री ने रायपुर आकर यह भी कहा था कि जहां पर कोल बेयरिंग एक्ट लागू होता है, वहां पेसा कानून के प्रावधान लागू नहीं होते। किसी की आपत्ति या सहमति से कोल खनन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मोदी सरकार उस क्षेत्र में भी कोयले का खनन जारी रखेगी।