पल्स पोलियो ड्राप की जगह नौनिहालों को पिला दिया आइस बॉक्स का पानी

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  •  संवेदनशील सुकमा जिले के चिंतागुफा में मर गई स्वास्थ्य कर्मियों की संवेदना
  • आदिवासी बच्चों की जिंदगी से किया खुलेआम खिलवाड़

अर्जुन झा

जगदलपुर लगता है कि बस्तर संभाग के अति संवेदनशील सुकमा जिले के सरकारी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मचारियों की संवेदना पूरी तरह मर चुकी है। सुकमा जिले के चिंतागुफा से बेहद ही परेशान करने वाली खबर आई है, जहां बच्चों को पोलियो ड्राप की जगह आइस बॉक्स का पानी पिलाकर उनकी जान से तो खिलवाड़ किया ही गया, शासन के महत्वपूर्ण अभियान की धज्जियां भी उड़ाई गईं।

यह हैरान और परेशान करने वाली घटना नक्सल हिंसा के मामले में बेहद ही संवेदनशील माने जाने वाले सुकमा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिंतागुफा की है।राष्ट्रीय पल्स पोलियो अभियान के तहत 3 मार्च को प्रदेशभर में पोलियो प्रतिरक्षण अभियान कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस अभियान के प्रचार प्रसार के लिए दरो दीवार पर स्लोगन लिखा गया है कि दो बूंद जिंदगी की, अपने बच्चों को अवश्य पिलाएं पोलियो रोधी दवा की खुराक। इस स्लोगन को चिंतागुफा के स्वास्थ्य कर्मियों ने कितना सार्थक किया, उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महिला स्वास्थ्य कर्मी बच्चों को पोलियो ड्राप की जगह आइस बॉक्स का पानी पिलाते रहे। एक ही आइस बॉक्स से दर्जनों बच्चों को बारी बारी से पानी पिलाया जाता रहा। वह भी खुले आसमान तले पेड़ की छांव में। चिंतागुफा में नवजात शिशुओं के जिंदगी के साथ इस तरह सरेआम खिलवाड़ किया जाता रहा। इसी दौरान किसी जागरूक युवा ने स्वास्थ्य कर्मियों की इस घोर लापरवाही और मनमानी भरे कृत्य को मोबाइल फोन के कैमरे में कैद कर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

 

सूत्र बताते हैं कि सुकमा जिले के चिंतागुफा, कोंटा समेत अन्य अंदरूनी इलाकों के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों व कार्यकर्ताओं को प्लस पोलियो अभियान के लिए आवश्यक प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। और न ही उन्हें अभियान के प्रति गंभीर रहकर कार्य करने की हिदायत दी गई थी। स्वयं चिंतागुफा के डॉक्टर्स इस मामले में गंभीर नहीं रहे हैं।जबकि शासन, प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग को सख्त चेतावनी के साथ निर्देशित कर रखा है कि कोई भी बच्चा पोलियो की खुराक से वंचित न रह जाए और पोलियो ड्राप पिलाने में पूरी सावधानी बरती जाए। चिंतागुफा में स्वास्थ्य कर्मियों ने पोलियों ड्रॉप न पिलाकर बच्चों को पोलियो की खुराक से वंचित रखा ही पोलियो ड्राप बॉक्स में रखा आइस पानी पिलाकर बच्चों की सेहत और जान से खिलवाड़ किया है। पोलियो वैक्सीन को जिस आइस बॉक्स में रखा जाता है, उसी बॉक्स का पानी बच्चों को पिला दिया गया। बच्चों के पालकों से झूठ बोला गया कि यही पोलियो ड्राप है। वैक्सीन बॉक्स की बर्फ पिघल कर पानी बन चुकी थी और न जाने वह पानी कितने दिनों या महिनों से बॉक्स में रखा था। हो सकता है कि वह पानी दूषित भी हो चला हो, मगर चिंतागुफा के स्वास्थ्य कर्मचारियों को इसकी चिंता कहां थी। संवेदनहीन स्वास्थ्य कर्मचारियों ने वही पानी बच्चों को पोलियो ड्राप की जगह पिलाया जाता रहा। सुकमा जिले के बड़े अधिकारी क्या इसकी जवाबदारी लेंगे?

बीएमओ भी हैं लापरवाह

सुकमा जिले के ग्रामीण इलाकों में पदस्थ डॉक्टर्स और स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही जग जाहिर है। नक्सलियों की आड़ लेकर डॉक्टर अपने कर्तव्य स्थल पर ईमानदारी के साथ ड्यूटी नहीं करते। ज्यादातर डॉक्टर कार्य स्थल के अस्पतालों से गायब रहते हैं। इन्हीं लापरवाह और अपनी मर्जी के मालिक डॉक्टरों में कोंटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के खंड चिकित्सा अधिकारी भी शामिल हैं। जब बॉस ही कर्तव्य से विमुख रहेंगे, तो मातहत डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों से कर्तव्य परायणता की उम्मीद करना भी बेमानी है। यही वजह है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोंटा महज एक रेफरल सेंटर बनकर रह गया है। मौजूदा बीएमओ के कार्यकाल में कोंटा विकासखंड के पचासों मरीज ईलाज के अभाव से अपनी जान से हाथ धो चुके हैं। कोंटा ब्लॉक की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अक्सर जिला चिकित्सालय सुकमा ले जाना पड़ता है। और तो और चोटिल लोगों का प्राथमिक उपचार भी कोंटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं किया जाता। दुर्भाग्य है की बात है कि शासन से भारी भरकम वेतन लेने वाले बीएमओ की लापरवाही के चलते आज कोंटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफरल सेंटर बनकर रह गया है।

की जाएगी कड़ी कार्रवाई

चिंतागुफा में बच्चों को पोलियो ड्राप के नाम पर कई दिन पुराना आइस वाटर पिलाए जाने को सुकमा के सीएमएचओ डॉ. महेश शांडिया ने दुखद बताया है। डॉ. शांडिया ने कहा है कि उन्हें भी कुछ ऐसी ही जानकारी मिली है। फोटो में जो दिख रहा है, वह जिस इलाके की घटना है वहां अभी फोन नहीं लग रहा है। मैने अपने एक विभागीय डॉक्टर को उस जगह पर भेजा है। जानकारी प्राप्त कर आगे कार्रवाई से अवगत कराता हूं। डॉ शांडिया ने कहा कि मामला गंभीर है, जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा और आगे ऐसा नहीं हो इसके लिए पूरा प्रयास किया जाएगा।