- बस्तर जिले सरकारी राशन दुकानों में चना घोटाला
- खाद्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी करा रहे गड़बड़ी अर्जुन झा
बकावंड पूरे बस्तर जिले में खाद्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी चना की आड़ में सरकार को जमकर चूना लगा रहे हैं। ये अधिकारी और कर्मचारी गरीबों के हिस्से के चने को पड़ोसी राज्य ओड़िशा में ऊंची दरों पर धड़ल्ले से खपवा रहे हैं। हर माह करोड़ों रुपयों का चना घोटाला बकावंड विकासखंड समेत पूरे बस्तर जिले में किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उचित मूल्य की राशन दुकानों से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को पौष्टिक आहार के रूप में सस्ती दर पर चना उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन यह चना अब गरीबों का आहार नहीं होकर खाद्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की कमाई का जरिया बन गया है। बस्तर जिले के गरीब परिवारों के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे चना को ओड़िशा राज्य में खापाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मात्र पांच रुपए प्रति किलोग्राम की दर से गरीब उपभोक्ताओं को सरकार चना उपलब्ध कराती है, लेकिन खाद्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों के संचालक लाखों पैकेट चना को ओड़िशा के बाजारों में 25 से 30 रुपए की दर से बेच रहे हैं। बस्तर जिले के वे विकास खंड जो ओड़िशा राज्य से लगे हुए हैं वहां की शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के जरिए इस बड़े घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। वहीं अन्य विकासखंडों की सरकारी उचित मूल्य दुकानों से चना अनाज व्यापारियों के पास बेचा जा रहा है। कोचियों की मदद से चना की अफरा तफरी की जा रही है। जानकारी तो यह भी मिली है कि माड़िया के साथ भी चना की अदला बदली हो रही है। बकावंड इलाके के दर्जनों गांवों में तथा समूचे बस्तर जिले में संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकानों से चना अब ओड़िशा के बाजारों में खपाया जा रहा है।
सरकारी स्तर पर चना तस्करी
उल्लेखनीय है कि बकावंड विकासखंड की सीमा ओड़िशा से लगी हुई है। ओड़िशा से गांजा की तस्करी भी बड़े पैमाने पर इन्हीं सीमावर्ती गांवों के रास्ते होती है। इसके अलावा नगरनार थाना क्षेत्र के भी गांवों के रास्ते गांजा ओड़िशा से लाया जाता है। ओड़िशा से लाए गए गांजे की छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों के साथ ही मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार आदि राज्यों तक सप्लाई की जाती है। बस्तर जिला पुलिस गांजा तस्करी के दर्जनों बड़े मामले पकड़ चुकी है। इसके अलावा ओड़िशा से धान लाकर बस्तर जिले के सरकारी खरीदी केंद्रों में खपाए जाने की शिकायतें भी प्रायः रोज आती रहीं। बीते खरीफ सीजन के दौरान कोंडागांव और बस्तर जिले में ओड़िशा से धान लेकर आ रहे दर्जनों ट्रकों, मिनी ट्रकों और ट्रेक्टरों को प्रशासनिक अमले ने पकड़ा था। अब यहां से सरकारी अधिकारी कर्मचारी ही चना की तस्करी ओड़िशा तक करवा रहे हैं
बड़े अधिकारी की है सहमति
बस्तर जिले के अकेले बकावंड विकासखंड में 95 पीडीएस दुकानें संचालित हैं। इन दुकानों से उपभोक्ताओं को प्रति राशन कार्ड दो किलो चना देने का प्रावधान है। बकावंड विकासखंड में चना लेने के पात्र बीपीएल परिवारों की संख्या 36 हजार 786 है।जानकारी के अनुसार इनमें से 10 से 15 प्रतिशत बीपीएल राशन कार्डधारी उपभोक्ता ही सरकारी राशन दुकानों से चना खरीद कर ले जाते हैं।शेष करीब 85- 90 प्रतिशत उपभोक्ताओं के हिस्से के चना को ओड़िशा में खपवाया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि खाद्य नियंत्रक कार्यालय से पीडीएस दुकानदारों को ऐसी अफरा तफरी करने के निर्देश मिले हैं। चना की कालाबाजारी से मिलने वाली रकम का बड़ा हिस्सा खाद्य विभाग के अधिकारियों तक पहुंचाया जाता है। इस तरह हर माह करोड़ों रू. के चना का गोलमाल किया जा रहा है। सूत्रों का दावा तो यह भी है कि कांग्रेस कार्यकाल से चले आ रहे इस चना घोटाले को खाद्य विभाग के अधिकारी अब भी सरेआम अंजाम देकर बीजेपी की सरकार को बदनाम करने पर तुले हैं।
वर्सन
कराएंगे मामले की जांच
राशन दुकानों का चना बाहर बेचे जाने की शिकायत मुझ तक नहीं पहुंचाई है। फिर भी मामले की जांच कराएंगे।
–गगन वर्मा,
एसडीएम, बकावंड