जिला अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा,बालोद व सांसद प्रतिनिधि विक्रम धुर्वे ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार चिट्ठी की सरकार है मुख्यमंत्री और मंत्रियों में केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखने की प्रतिस्पर्धा चल रही है। जो लोग जनप्रतिनिधियों के व जनता के पत्रों का जवाब नही देते वे पत्र लिखने में जुटे हैं। ध्रुवे ने कहा कि प्रदेश सरकार इतनी दुविधाग्रस्त है कि उसे इस बात का होश ही नहीं रहता कि पहले उसने क्या कहा है और अब वह क्या कह रही है? मुख्यमंत्री धान खरीदी की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं, बारदाना की व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं और पढ़ लिख कर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
कृषि मंत्री किसानों के लिए केंद्र सरकार से प्राप्त पैसे का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। केंद्र से मिला बजट लैप्स हो रहा है और कृषि मंत्री पत्र लिखने में व्यस्त हैं। स्वास्थ्य मंत्री प्रदेश की जनता को पहले एवं दूसरे डोज का वेक्सिनेशन नही करवा पा रहे है, कोविड के रोकथाम में पूरी तरह फैल है और अपनी नाकामी छुपाने बूस्टर डोज के लिए केंद्रीय मंत्री को पत्र लिख रहे हैं।
उन्होंने कृषि मंत्री रवींद्र चौबे द्वारा उर्वरकों की कमी के मद्देनज़र केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री के साथ हुई चर्चा का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के प्रवक्ता व कृषि मंत्री चौबे ने साफ़ कर दिया है कि प्रदेश सरकार धान ख़रीदी से बचने और किसानों को प्रताड़ित करने की ओछी राजनीति करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ केवल और केवल अनर्गल विषवमन करने में लगी है।
कृषि मंत्री चौबे रबी फसल के लिए उर्वरकों की कमी की आशंका जताकर नवम्बर में रैक में एनपीके उर्वरक और डीएपी उर्वरक की आपूर्ति करने की मांग की है और यह बताया कि प्रदेश में 4.78 लाख हेक्टेयर में रबी फसल की बुआई हो चुकी है।
ध्रुवे ने हैरत जताई कि 01 नवम्बर से धान ख़रीदी की मांग करने पर प्रदेश सरकार और कांग्रेस के नेता प्रदेशभर में यह कहते हुए घूम रहे थे कि अभी तो खरीफ़ के धान की कटाई नहीं हुई है इसलिए प्रदेश सरकार ने धान ख़रीदी की शुरुआत 01 दिसम्बर से करने की घोषणा की। प्रदेश सरकार ने जब ख़रीफ़ की कटाई तक नहीं होने का दावा करके धान ख़रीदी शुरू नहीं की तो अब 4.78 लाख हेक्टेयर में रबी की बुआई का दावा वह किस आधार पर कर रही है?
सरकार के प्रवक्ता और मंत्री चौबे अब यह स्पष्ट करें कि प्रदेश सरकार और उनकी कांग्रेस पार्टी के किस बात पर भरोसा करें? क्या धान कटाई को लेकर सरकार और कांग्रेसियों का दावा झूठा था या फिर रबी की बुआई को लेकर वह झूठ परोस रही है? दोमुंही बातों का ज़ुबानी जमाख़र्च करने में लगी प्रदेश सरकार कहीं केंद्र सरकार से उर्वरक की मांग का दबाव बनाकर अपने कालाबाज़ारी मित्रों और माफ़ियाओं को उपकृत करने की बदनीयती का परिचय तो नहीं दे रही है? प्रदेश सरकार हर साल धान ख़रीदने के नाम पर षड्यंत्र करके किसानों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। उर्वरकों की मांग करते हुए सरकार के प्रवक्ता व मंत्री चौबे ने रबी की बुआई का दावा करके प्रदेश सरकार की बदनीयती का पर्दाफाश कर दिया है।