बच्चों के पोषण आहार में विभागीय सेंध, नौनिहालों को नही मिल रहा है संतुलित पोषण आहार

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  •  करपावंड परियोजना क्षेत्र में बच्चों को पुष्ट बनाने की योजना हो रही विफल

अर्जुन झा-

बकावंड बस्तर जिले की जनपद पंचायत बकावंड के करपावंड में पदस्थ महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी की अनदेखी की भेंट चढ़ गई है छोटे बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराने की योजना। इस क्षेत्र के प्रायः सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में छोटे बच्चों को मैन्यू के हिसाब से पोषण आहार का वितरण नही किया जा रहा है। वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं द्वारा लापरवाही पूर्वक मनमाने तरीके से आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जा रहा है। उनके द्वारा शासन की गाइड लाइन के अनुसार आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन नही किया जा रहा है।

      .महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की अनदेखी के चलते करपावंड क्षेत्र में सुपरवाईजर भी आंगनबाड़ी केंद्रों का सुपरविजन करते कभी नजर नही आते हैं। विशेष मीटिंग, आमसभा या जनसभा होने पर ही सुपरवाईजर की उपस्थिति दिखाई देती है ।

प्राप्त सूत्रों के अनुसार करपावंड मुख्यालय में किसी सुपरवाईजर की उपस्थिति नही रहती है। सभी के घर शहर जगदलपुर शहर में होने के कारण वे वहां से रोज आने -जाने में असमर्थ दिखाई देते हैं। अधिकतर सुपरवाईजर जगदलपुर स्थित विभाग के जिला कार्यालय तथा निवास में ही समय गुजारते रहते हैं।

वही आंगनबाड़ी केंद्रों में उनके न पहुंचने से मनमानी का आलम है। ग्राम पंचायत कोमार के आंगनगबाड़ी केंद्र में मैन्यू के हिसाब से पोषण आहार का वितरण नही किया जाता है। वहीं छोटे-छोटे बच्चों को पोषण आहार पर्याप्त मात्रा में भी नही दिया जाता है। यहां कभी-कभी खिचड़ी, सोयाबीन, आलू को ही उच्च पौष्टिक आहार का आधार बताकर बच्चों को यही चीजें खिलाई जाती हैं। सभी कम मात्रा में पौष्टिक आहार का वितरण कर अपना खर्चा-पानी चलाने में व्यस्त रहते हैं। वहीं ग्राम पंचायत में मध्यान्ह भोजन के लिए सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में राशन सामग्री वितरण का कार्य समितियों को दिया गया है, लेकिन समितियों द्वारा मध्यान्ह भोजन और पौष्टिक आहार की सामग्री सही वितरण नही किए जाने की चर्चा है। वर्तमान में करपावंड परिक्षेत्र में कुछ आंगनबाड़ी केंद्रों में यह देखने को मिला है कि कार्यकर्ता उपस्थित रहती है, तो सहायिका उपस्थित नही रहती है और सहायिका उपस्थित रहती है, तो कार्यकर्ता गायब रहती है। कभी-कभी टीकाकरण व मुख्यालय जाने के बहाने कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी अपने कार्य पर उपस्थित नही रहती हैं। वही इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की लापरवाही से बच्चों को पौष्टिक आहार का वितरण नही किए जाने पर कुछ ग्रामीणों में रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने शासन से मांग की है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे। क्योंकि यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं समाज की मजबूत नींव तैयार करने का काम करती हैं।