- वन परिक्षेत्र अधिकारी की सांठगांठ से अवैध कटाई
-अर्जुन झा-
जगदलपुर बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में भोपालपटनम वन परिक्षेत्र जंगलों के ईमारती पेड़ों की अवैध कटाई के लिए लगातार बदनाम होता जा रहा है। वन परिक्षेत्र अधिकारी की भूमिका सवालों के घेरे में आ गई है। चर्चा है कि ये रेंजर साहब पूरा का पूरा जंगल बेच खाने पर आमादा हो गए हैं।
माहभर पहले भोपालपटनम वन परिक्षेत्र एक शाला भवन और बॉउंड्री वॉल निर्माण की जद में आए सागौन के दर्जनों पेड़ों को कटवाकर जेसीबी मशीन की मदद से दूर स्थित गड्ढे में दबवा दिया गया था। अपने उपर आती आफ़त को देखकर आश्रम अधीक्षक ने राज खोलते हुए जंगल कटाई करने वाले का नाम उजागर कर दिया। सच्चाई जानने जब हम देपला जंगल पहुंचे तो और भी बड़ा मामला सामने आया। भोपालपटनम वन परिक्षेत्र के अंतर्गत ग्राम देपला से अटुकपल्ली जाने वाले मार्ग पर नाला के उस पार बीच जंगल में लगभग 25 एकड़ में फैले क्षेत्रफल से इमारती पेड़ों को काटा गया है। इन पेड़ों की सफाई डोजर वाहन से की गई है।
वृहद स्तर पर जंगल को काटकर पेड़ों की सफाई की जाने को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।आखिर वन विभाग में पदस्थ रेंजर अपने मातहत कर्मचारियों को भी अपनी बीट के जंगल तक जाने के लिए आदेश नहीं देते या फिर जानबूझकर अवैध कटाई को प्रोत्साहित कर रहे हैं? भोपालपटनम के वन परिक्षेत्र अधिकारी के संरक्षण में लकड़ी तस्कर जंगल माफिया पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने और अपना स्वार्थ साधने के लिए जंगल के इमारती प्रजाति के पेड़ों को धड़ल्ले से काट रहे हैं। काटने वालों के साथ रेंजर की मिलीभगत और सांठगांठ की बू आ रही है। यदि जंगल की कटाई और सफाई पर किसी अधिकारी को फोन किया जाए, तो सबसे पहले अधिकारी का सवाल होता है। जंगल राजस्व का नहीं है? अब आप ही बताइए कि जंगल आखिर किसका है जंगल को बचाने की जिम्मेदारी किसकी है? अभी कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ सीमा से सटे राज्य तेलंगाना, महाराष्ट्र, ओड़िशा, के 4 मुख्य वन संरक्षकों और 7 वन मंडलाधिकारियों के लिए इंद्रावती टाइगर रिजर्व कार्यालय बीजापुर में कार्यशाला आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला में पर्यावरण संरक्षण, वनों से सागौन पेड़ों की तस्करी रोकने और वनों को संरक्षित करने के उपाय बताए गए। इसके बावजूद वन परिक्षेत्र अधिकारी भोपालपटनम तथा उनके मातहत कर्मचारियों द्वारा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले ठेकेदारों को संरक्षण दिया जा रहा है। आखिर क्यों वनों की सुरक्षा करने से परहेज़ करते हैं क्या वन परिक्षेत्र अधिकारी भोपालपटनम? उनके मातहत सभी वन कर्मियों ने शायद कसम खा ली है कि जंगल कटे या साफ़ हो जाएं, हम झांकने तक नहीं जाएंगे। आखिर वन विभाग के तमाम अधिकारी वनों की अवैध कटाई को लेकर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं सवाल खड़ा होता है।