चोरी की वाहनों को वाहन स्वामी यदि ब्लैक लिस्टेड कराते है तो, चोरी के वाहनों को बेचने में चोरों को दिक्कत होगी, अगर गाड़ी ब्लैक लिस्टेड हुई तो चोर उन गाड़ियों को न बेच सकते है, न ही उनका इंश्योरेंस करा सकते है, न पॉल्यूशन सर्टिफिसेट बनेगा ।
वाहन मालिक कर सकते है आरटीओ मे आवेदन
वाहन चोरी के तत्काल बाद थाने में एफ आई आर दर्ज करा कर पुलिस के माध्यम से अथवा ,स्वयं आरटीओ कार्यालय जाकर एफ आई आर की कापी प्रस्तुत कर चोरी के वाहन को ब्लैक लिस्टेड करा सकते है।
ट्रैक करना होगा आसान
चोरी के वाहन का ब्लैक लिस्टेड होने के बाद ,सभी वाहनों की डिटेल परिवहन सॉफ्टवेयर में अपडेट की जाती है ,जिससे वहां चेकिंग के समय पुलिस इन वाहनों को आसानी से पकड़ सकती है ,एवम चोरों एवम चोरी का वहान खरीदने वालो के उपर कार्यवाही कर सकती है ,इससे न केवल चोरी के वाहनों की बिक्री रुकेंगी बल्कि चोरों के उपर कार्यवाही होने से वाहन चोरी की घटना में कमी आयेगी , चोर इन वाहनों को बेच कर नाम ट्रांसफर भी नही कर पाएंगे, यदि कोई ब्लैक लिस्टेड वाहन के रजिस्ट्रेशन के लिएआरटीओ कार्यालय पहुंचता है तो आरटीओ के कर्मचारी तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे सकते है। इसलिए आपका वाहन यदि चोरी हुआ हो , एफ आर हुई हो तो आरटीओ कार्यालय जाकर वाहन को तत्काल ब्लैक लिस्टेड कराएं