बड़े नक्सली कमांडर हिड़मा के गांव पूवर्ती में झंडा गाड़ा सीआरपीएफ ने, शुरू किया फील्ड अस्पताल

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  • अस्पताल होगा 16 तरह की बीमारियों का ईलाज
  • ग्रामीणों को मिलेगी मुफ्त उपचार की सुविधा

अर्जुन झा-

जगदलपुर जहां परिंदे भी पर मारने से हिचकिचाते हैं ऐसी नक्सलियों की शाला में सीआरपीएफ ने झंडा गाड़ दिया है। बस्तर के सबसे घोर नक्सल प्रभावित गांव पूवर्ती में सुकमा जिला प्रशासन के सहयोग से सीआरपीएफ ने फील्ड अस्पताल शुरू किया है। इस अस्पताल को आरोग्यधाम नाम दिया गया है। इस फील्ड अस्पताल में 16 प्रकार की बीमारियों की सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की तरह उत्तम दर्जे का निशुल्क जांच उपचार एवं दवाइयों की सुविधा सातों दिन चौबीसों घंटे ग्रामीणों को मिलेगी।

पूवर्ती टॉप नक्सली कमांडर हिड़मा का गृहग्राम है। यहां स्थापित हॉस्पिटल में आधुनिक मेडिकल उपकरणों से लैस एंबुलेंस की भी सुविधा उपलब्ध है, ताकि गंभीर स्थिति वाले मरीजों को भी लाइफ सपोर्ट सिस्टम के साथ सुरक्षित हायर सेंटर रेफर किया जा सके। घोर नक्सल प्रभावित एवं अंदरूनी क्षेत्र होने से पूवर्ती अंचल में एक भी अस्पताल नहीं था। अंचल के ग्रामीण बीमार होने पर जड़ी बूटी और झाड़ फूंक का सहारा लेते रहे हैं। उचित उपचार न होने से कई ग्रामीणों की अकाल मृत्यु हो जाती थी। हॉस्पिटल शुरू हो जाने से ग्राम पूवर्ती व आसपास घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का निशुल्क लाभ मिल सकेगा।विदित हो कि ग्राम पूवर्ती माओवादियों के हार्डकोर नक्सली हिड़मा का पैतृक गांव हैं। पूवर्ती व आसपास क्षेत्र बहुत ही लम्बे समय से माओवादियों का गढ़ रहा है, माओवादी भय के कारण ग्रामीण शासन की किसी भी योजना का लाभ नही ले पा रहे थे। आएदिन माओवादियों द्वारा क्षेत्र में ग्रामीणों पर प्रतिबंध लगाए जाने से ग्रामीण ईलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी नही जा पा रहे थे। हाल ही में सुरक्षाबलों ने पूवर्ती में नया कैंप स्थापित किया है। इसके बाद से शासन की योजनाओं का लाभ गांव में ही लोगों को मिलने लगा है।

हॉस्पिटल में हैं ये सुविधाएं

सीआरपीएफ द्वारा स्थापित आरोग्यम अस्पताल में एचबी जांच, एफबीएस, पीपीबीएस, आरबीएस जांच,

लिपिड प्रोफाईल, लीवर फंक्शन टेस्ट, किडनी फंक्शन टेस्ट, यूरिन रूटीन टेस्ट, मलेरिया कार्ड टेस्ट, डेंगू टेस्ट, टाईफाईड टेस्ट, संपूर्ण रक्त का थक्का जमने का परीक्षण, सर्प दंश पर एंटी वेनम ट्रीटमेंट, ईसीजी, ऑक्सीजन कंसट्रेटर, सिलेंडर और मास्क,

डिफाइब्रिलेटर, बीएलएस एसीएलएस एम्बुलेंस,एम्बू बैग आदि की सुविधा उपलब्ध है।

ग्रामीणों की हर संभव मदद

इस संबंध में सुकमा के एसपी किरण चौहान का कहना है कि ग्रामीणों को हर स्तर पर सहयोग के करने का प्रयास किया जा रहा है। माओवाद के चलते सालों से देश दुनिया से कट चुके इस इलाके में शासन की योजनाओं को पहुंचाने का काम किया जा रहा है। पूवर्ती में सीआरपीएफ की मदद से फील्ड अस्पताल शुरू किया गया है। जिसमें 16 प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा रहा है।

विजय शर्मा का संकल्प

छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा का संकल्प नक्सल प्रभावित बस्तर में फलीभूत होने लगा है। मंत्री पद सम्हालते ही विजय शर्मा नक्सल प्रभावित गांवों तक विकास और आधुनिक संसाधन तथा शासन की योजनाओं का लाभ पहुंचाने कैसे लिए जो कदम उठाए, उनके सार्थक परिणाम सामने आने लगे हैं। विजय शर्मा छत्तीसगढ़ के पहले गृहमंत्री हैं, जो वारदात होने पर धुर और अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित गांवों तक जाने में भी गुरेज नहीं करते। ऐसे गांवों के लोगों का दिल जीतने में विजय शर्मा कामयाब साबित हुए हैं। इसके अलावा शर्मा नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में भी पूरी दमदारी के साथ कदम बढ़ा रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने नक्सलियों से वार्ता की पेशकश की थी, मगर सामने वाले पक्ष ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अब उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों के पुनर्वास के लिए नीति बनाने का काम कर रहे हैं। बस्तर संभाग में बड़े पैमाने पर हो रहा नक्सलियों का आत्मसमर्पण मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृहमंत्री विजय शर्मा की ईमानदार कोशिशों का ही नतीजा है।