- खबर प्रकाशन के बाद प्रशासन आया हरकत में
- बकावंड तहसील कार्यालय में रिकॉर्ड रूम बनाने के नाम पर हुआ है भ्रष्टाचार
बकावंड स्थानीय तहसील कार्यालय के रिकार्ड रूम निर्माण में किए गए भ्रष्टाचार का मामला उजागर किए जाने के बाद प्रशासन ने अब इस घटिया निर्माण को तोड़ने का फैसला लिया है।
तहसील कार्यालय परिसर में रिकॉर्ड रूम के रेनोवेशन में ठेकेदार द्वारा अधिकारियों के संरक्षण में जमकर गड़बड़ी की गई है। घटिया सामग्री का उपयोग किए जाने से रिकॉर्ड रूम पहले से भी ज्यादा खस्ताहाल हो गया है। दीवारों में दरार पड़ जाने से सीपेज की समस्या पैदा हो गई है। बता दें कि 2020 में रिकॉर्ड रूम के संधारण के लिए कर 8 लाख 57 हजार रुपए की स्वीकृति मिली थी। यह काम एक ठेकेदार को दिया गया था।ठेकेदार ने 2023 में निर्माण कार्य शुरू किया। घटिया सामग्री से रिकॉर्ड रूम का संधारण किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि इस वर्ष बरसात के मौसम में रिकॉर्ड रूम में पानी टपकने और सीपेज की समस्या सामने आ गई। तहसील कार्यालय के दस्तावेजों के भीगने का खतरा पैदा हो गया था। समस्या को इस समाचार पत्र ने प्रमुखता से उठाया था। इसके बाद प्रशासन ने रिकॉर्ड रूम को तोड़कर उसका नए सिरे से निर्माण कराने का फैसला लिया है।
क्या ठेकेदार से होगी रिकवरी ?
प्रशासन ने रिकॉर्ड रूम के रेनोवेशन में गड़बड़ी की बात स्वीकार कर ली है और रूम को ढहाकर नया भवन बनाने का भी फैसला ले लिया है। अब सवाल यह उठ रहा है कि रेनोवेशन कार्य की निगरानी करने में अफसर चूक गए या फिर जानबूझकर उन्होंने गड़बड़ी होने दी? लगता तो यही है कि अफसरों ने ठेकेदार को खुली छूट दे रखी थी। इसी वजह से शासन के 8 लाख 57 हजार रु. की बर्बादी हो गई। लोग पूछ रहे हैं कि इस रकम की वसूली ठेकेदार और संबंधित इंजीनियर से की जाएगी? वहीं अब यह भी कहा जाने लगा है कि नए सिरे से रिकॉर्ड रूम बनाने की आड़ में अवैध कमाई का अवसर तैयार किया जा रहा है।
वर्सन
नए सिरे से होगा कार्य
दुष्यंत ठाकुर एसडीओ
जांच में घटिया निर्माण की बात सामने आई है। रिकॉर्ड रूम को डिस्मेंटल करने के लिए प्रस्ताव वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजा गया है। स्वीकृति मिलते ही रिकॉर्ड रूम को तुड़वाकर उसी ठेकेदार के जरिए नया निर्माण कराया जाएगा।