- लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने बहाई उल्टी गंगा
- केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन में बड़ी गड़बड़ी
–अर्जुन झा–
जगदलपुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा शुरू से यही रही है कि हर गांव के हर घर में नल से शुद्ध पेयजल पहुंचे। इसके लिए केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन शुरू किया है, मगर इसकी जमकर धज्जियां बस्तर संभाग में उड़ाई गई हैं।जल जीवन मिशन के कार्यों के लिए मिली राशि की बंदरबांट कर ली गई है। बिना बोर कराए और पानी का इंतजाम किए बिना ही गांवों की गलियों में पाईप लाइनें बिछा दी गई हैं, हर घर में नल कनेक्शन पहुंचा दिए गए हैं। मगर सारे नल प्यासे हैं।
निर्माण कार्यों के मामले में बस्तर संभाग में लंबे समय से उल्टी गंगा बहाई जा रही है। जनता के टैक्स से मिलने वाली शासकीय राशि का अपव्यय या कहें या निज हित में उपयोग, वह किसी से छुपा नहीं रह गया है। पेयजल आपूर्ति हेतु पानी की व्यवस्था नहीं है और घर- घर तक पाईप लाईन बिछा दी गई है। जोकि अव्यवहारिक है। ऎसी उल्टी गंगा पेयजल की व्यवस्था करने वाले विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अफसरों ने बस्तर जिले के कई गांवों में बहाई है। इस कारगुजारी
का जवाब देने के लिए विभाग का कोई जिम्मेदार अधिकारी तैयार नहीं है। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन का सूत्र वाक्य हर घर जल लेकिन यह सूत्र वाक्य सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। धरातल पर मिशन की सच्चाई कोसों दूर है। जल जीवन मिशन के तहत ग्राम पंडरीपानी- 2 में 15 जुलाई 2023 को 133.45 लाख रुपए की लागत से एकल ग्राम आधारित नल जल प्रदाय योजना से घेरलू नल कनेक्शन के माध्यम से जल प्रदाय का कार्य स्वीकृत हुआ है। इसकी स्वस्कृति मिलने से ग्रामीणों में खुशी का ठिकाना नहीं रहा, मगर यह खुशी अब गायब हो चुकी है। दरअसल घरों में पाईप लाईन बिछाए महिनों बीत गए किंतु पानी की एक बूंद भी घरों में नहीं पहुंच पाई है और बारिश के मौसम में पेयजल आपूर्ति होगी उसकी संभावना कम है। दो माह बाद 15 सितंबर 2024 को इस कार्य के पूर्ण होने की मियाद है, किंतु पेयजल आपूर्ति के लिए बोर खनन नहीं होने से इस योजना का लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पाएगा क्योंकि बारिश जारी है और इससे से कार्य प्रभावित हो सकता है।
बार -बार हो रहे फेल हो रहे बोर
पंचायत सचिव मुरारी लाल शर्मा ने बताया कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा एकल ग्राम आधारित नल -जल प्रदाय योजना का कार्य चल रहा है, लेकिन यह सुस्त गति से चल रहा है। बोर खनन का बार बार फेल होना भी इस लेट लतीफी के लिए जिम्मेदार है। अब वर्तमान में संचालित खुले बोर को इसमें जोड़ने की योजना है जिससे घरों में पानी की आपूर्ति हो लेकिन इसमें भी समय लग सकता है।