बता ये हुनर तूने सीखा कहां से…बेचने वाले दूसरे को लूटने वाला बता रहे!!

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(अर्जुन झा)

जगदलपुर। बस्तर के विकसित भविष्य का हवाला देते हुए एनएमडीसी के नगरनार प्लांट की तारीफों के पुल बांध चुके प्रधानमंत्री नरेंद्र की विदुषी सहयोगी और देश की वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण जब छत्तीसगढ़ प्रवास पर यह बयान दे गईं कि कांग्रेस के मन में लूट है तो यहां बस्तर में नगरनार प्लांट के डीमर्जर का विरोध कर रहे लोगों के मन में विचार उमड़ घुमड़ रहा है कि क्या जमाना आ गया कि बेचने वाले दूसरे को लूटने वाला ठहरा रहे हैं! जहां बस्तर सांसद दीपक बैज दिल्ली में नगरनार प्लांट के मुद्दे पर केंद्र सरकार के कदमों का कड़ा विरोध व्यक्त करते रहे हैं और यहां सारे विधायक, तमाम संगठन और बस्तर की जनता चाहती है कि यह प्लांट निजी हाथों में न जाए। इसे छत्तीसगढ़ सरकार को संचालित करने दे दिया जाय। इस बाबत तो निर्मला सीतारमण ने कोई राय व्यक्त नहीं की, अलबत्ता यह कहकर भाजपा की मुश्किलें जरूर बढ़ा गईं कि कांग्रेस के मन में लूट है। अब कांग्रेस तो ठीक जनता भी यह जानना चाहती है कि रायपुर के आलीशान होटल में भाजपा कौन सी सेवा और कौन से समर्पण का प्रदर्शन कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सेवा ही समर्पण कार्यक्रम के नाम पर सितारा होटल में प्रबुद्ध जन संगोष्ठी की रौनक बधाई। लेकिन जब वे कांग्रेस के मन में लूट होने की बात कर सकती हैं तो कांग्रेसी भी कह सकते हैं कि इन लोगों का सेवा और समर्पण अडानी अंबानी के प्रति है। जनता के प्रति नहीं। वैसे भी श्रीमती निर्मला सीतारमण के प्रवास के मद्देनजर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पांच सवाल दागे थे। जवाब तो मिलना नहीं था, उल्टे यह तोहमत जरूर लगा दी गई कि कांग्रेसी जनता की सेवा नहीं करते, कांग्रेस को जब भी बहुमत मिलता है तो वह सिर पर चढ़ जाता है। राजीव गांधी को भी 406 का बहुमत मिला था, पांच साल सरकार नहीं चला पाए। वोट मिलना अलग बात है और जनता का आशीर्वाद मिलना अलग बात है। जनता की सेवा में कांग्रेस की पकड़ नहीं है और उसके दिमाग से लूट वाली बात नहीं निकलती। अब कांग्रेसी भी भाजपाइयों से पूछ सकते हैं कि हमने क्या लूटा और आपने क्या क्या बेचा, क्या क्या बेचने जा रहे हैं, यह भी बता दीजिए। वैसे सीतारमण से पहले दक्षिण भारतीय मूल की राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी भी बस्तर के कार्यकर्ता सम्मेलन में यह कहकर भाजपा का सिरदर्द बढ़ा गईं थीं कि आप पीछे मुड़कर थूक देंगे तो भूपेश बघेल और उनका पूरा मंत्रिमंडल बह जाएगा! पुरंदेश्वरी के बिगड़े बोल पर भाजपा सफाई देती रही। अब निर्मला सीतारमण लूट शब्द का इस्तेमाल कर गईं तो यहां कांग्रेसी कहां और क्यों चुप रहेंगे। लिहाजा अगले ऐसे ही किसी अजूबे सियासी बयान तक यही मुद्दा सही..!