संजय मार्केट में पसरा लगाने वालों से व्यापारी कर रहे हैं अवैध वसूली, कार्रवाई की तैयारी में निगम प्रशासन

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  •  काम्प्लेक्स के सामने बैठने वालों देते हैं व्यापारी व निगम को दोहरा टैक्स

(अर्जुन झा)

जगदलपुर‌ :- बस्तर संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े बाजार संजय मार्केट में व्यापारियों व निगम कर्मचारियों द्वारा पसरा लगाने वालों से अवैध उगाही की जाने का मामला सामने आया है। खबर है कि कई व्यापारी और काम्प्लेक्स मालिक अपनी दुकानों के सामने पसरा लगाने वालों से 200 रुपए से लेकर 300 रुपए तक की अवैध वसूली कर रहे हैं। रुपए न देने पर फुटपाथी दुकानदारों को पसरा नहीं लगाने दिया जाता। इस अवैध वसूली के खिलाफ अब नगर निगम कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।

नगर निगम द्वारा पसरा लगाने वालों से टैक्स वसूली पूर्व में की जाती थी, लेकिन अब किसी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाता है। फिर भी गांवों से आकर संजय मार्केट में सब्जियों का पसरा लगाने वाले सब्जी उत्पादक किसानों और फुटकर व्यापारियों से अवैध रूप से पैसा वसूल किया जा रहा है। वहीं काम्प्लेक्स के व्यापारियों द्वारा भी अवैध उगाही की जा रही है। इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। व्यापार के लिए पसरा लगाकर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले लोगों को दो प्रकार का टैक्स देने की मजबूरी बन गई है। बस्तर संभाग मुख्यालय के सबसे बड़े बाजार संजय मार्केट में दूर- दराज से ग्रामीण आते हैं तो शहर के निचली बस्तियों के गरीब तबके के लोग भी अपने जीविकोपार्जन के लिए संजय मार्केट में पसरा लगाकर सब्जी व अन्य सामान बेचते हैं। उन्हें नगर निगम एक्ट के तहत पहले बाजार शुल्क अदा करना पड़ता था किंतु तत्कालीन सरकार द्वारा पौनी पसारी योजना के तहत किसी भी प्रकार की टैक्स वसूली पर रोक लगा दी गई थी, तबसे बाजार शुल्क लेना बंद कर दिया गया है। वहीं नगर निगम द्वारा निर्मित दुकानों के सामने पसरा लगाने वालों से काम्प्लेक्स के दुकान मालिकों द्वारा उनकी दुकनों के सामने पसरा लगाने वाले सब्जी विक्रेताओं और खुदरा व्यापारियों से प्रतिदिन 200 से 300 रुपए तक की अवैध वसूली की जा रही है। जबकि निगम द्वारा 20 से 30 रूपए बाजार शुल्क लिया जाता रहा है। काम्प्लेक्स के व्यापारियों द्वारा पसरा लगाने वालों से वसूली करना न सिर्फ गैर कानूनी है, बल्कि अमानवीय भी है। काम्प्लेक्स के दुकान मालिकों द्वारा जो राशि ली जा रही है वह सीधे तौर पर गरीब सब्जी बेचने वालों का आर्थिक शोषण ही है।

बस्तर के सबसे बड़े बाजार में जिला व नगर निगम प्रशासन की नाक के नीचे चल रहा यह गोरखधंधा सुर्खियों में है। वहीं नगर निगम के जो कर्मचारी पसरा लगाने वालों से राशि की वसूली कर रहे हैं क्या उनकी भनक भी नगर निगम प्रशासन को नहीं है या निगम प्रशासन अपने कर्मचारियों के साथ- साथ व्यापारियों के सामने नतमस्तक हो गया है?संजय बाजार में पसरा लगाने वाले गरीब व्यवसायी किसी के भी पास शिकायत करने की स्थिति में नहीं हैं। फलतः उन्हें दोहरी आर्थिक मार झेलनी पड़ रही है। यदि वे शिकायत दर्ज कराते हैं तो उनको बाजार से भगाया भी जा सकता है। इस डर के कारण भी वे शिकायत करने से हिचकिचाते हैं।

करेंगे कार्रवाई: पाणिग्रही :-

नगर निगम जगदलपुर एमआईसी में बाजार व्यवस्था सभापति निर्मल पाणिग्रही से जब इस अवैध उगाही के संबंध में चर्चा की गई तो उनका कहना था कि नगर निगम द्वारा किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जा रहा है। यदि कोई टैक्स वसूली करता है तो वह गलत है। क्योंकि दुकानों और काम्प्लेक्स के सामने की सड़कें और उनके अगल बगल की जमीन नगर निगम की संपत्ति है। निगम की इस प्रॉपर्टी पर बैठकर अगर सब्जी विक्रेता या छोटे व्यापारी व्यवसाय करते हैं तो उनसे किराया लेने का अधिकार किसी को नहीं है।बाजार क्षेत्र में जो वाहन आता है उससे ही पार्किंग शुल्क लेकर बाकायदा रसीद दी जा रही है। वहीं अपनी व्यवस्था का हवाला देते हुए निर्मल पाणिग्रही ने कहा कि इस संदर्भ में विस्तार से चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि कोई पसरा व्यापारी या जिम्मेदार व्यक्ति इस बाबत शिकायत लेकर आता है तो उस पर जरूर कार्रवाई की जाएगी।