- धरती पुत्र ने की वनपुत्रों से बना लिया है नायाब रिश्ता
-अर्जुन झा-
जगदलपुर छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा बड़े जिगर वाले हैं, तभी तो वे बार बार नक्सलियों के गढ़ में जा धमकते हैं, वह भी कुछ मिनट के लिए नहीं, बल्कि कई घंटों के लिए। वैसे दाद देनी होगी अपने गृहमंत्री विजय शर्मा की दिलेरी की कि वे अपनी जान की परवाह किए बगैर गाहे बगाहे बस्तर संभाग के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में पहुंच जाते हैं। दरअसल धरती पुत्र विजय शर्मा ने बस्तर के वनपुत्रों से दिल का रिश्ता बना लिया है। वे अपने इस अनूठे अंदाज के जरिए नक्सलियों को बड़ा और कड़ा संदेश देने में भी सफल होते प्रतीत हो रहे हैं।
स्वतंत्रता दिवस के दूसरे दिन शुक्रवार को गृहमंत्री विजय शर्मा सुबह करीब 9 बजे अचानक हेलीकाप्टर से पूवर्ती गांव पहुंच गए। पूवर्ती कोई सामान्य गांव नहीं है, बल्कि इसे नक्सलियों के गढ़ और नक्सली नर्सरी के नाम से जाना जाता है। बस्तर संभाग के सुकमा जिले में स्थित इस गांव से दर्जनों कुख्यात नक्सली निकले हैं।मौजूदा पीढ़ी के टॉप नक्सली लीडर हिड़मा की जन्मभूमि है पूवर्ती गांव। वर्षों से यह धारणा चली आ रही थी कि इस गांव में नक्सलियों की मर्जी के बिना परिंदा भी पर नहीं मार सकता। मगर इस मिथक को उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा ने तार तार करके रख दिया है। हिड़मा के गांव पूवर्ती में यह उनका दूसरा प्रवास था।विजय शर्मा के प्रथम प्रवास के बाद आईपीएस निखिल राखेचा और जिला पंचायत सीईओ भी पूवर्ती पहुंचे थे। इन दोनों अधिकारियों ने एक ग्रामीण की दहलीज पर बैठकर वहां के बाशिंदों से काफी देर तक चर्चा की थी। अब तो पूवर्ती में सीआरपीएफ का कैंप भी स्थापित हो चुका है। कैंप में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवान ग्रामीणों के सुख दुख में सहभागी बनते हैं, उनका उनका इलाज करवाते हैं और उनके बच्चों को पढ़ाते भी हैं। अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के अब तक के सफर तक विजय शर्मा पहले गृहमंत्री हैं, जो इस तरह नक्सल गढ़ में बिंदास पहुंच जाते हैं। अब तक किसी भी मंत्री, गृहमंत्री ने ऐसा कदम उठाने की सोची भी नहीं थी। विजय शर्मा की इस पहल से नक्सल गढ़ के लोगों में शासन, प्रशासन और पुलिस के प्रति जहां विश्वास बढ़ा है, वहीं नक्सलियों के छल प्रपंच से उनका मोहभंग भी हो रहा है। विजय शर्मा अपनी इस पहल के जरिए नक्सलियों को कड़ा संदेश देने में भी कामयाब हुए हैं। दरअसल नक्सली अब तक यही समझते रहे हैं कि ये नेता, मंत्री तो अपने एसी चेंबर में बैठकर हुक्म चलाने भर का काम करते हैं और बड़े अधिकारी भी अपने ऑफिस में बैठकर फरमान जारी करते रहते हैं, जमीनी स्तर पर पुलिस और सुरक्षा बलों के लोग हमारा मुकाबला कर ही नहीं सकते। नक्सलियों के इस भ्रम को गृहमंत्री विजय शर्मा ने तोड़कर रख दिया है।
टूटा नक्सलियों का मनोबल
अब तो अधिकारी भी नक्सलियों के इलाके में बेधड़क पहुंच जाते हैं। जाहिर सी बात है इससे नक्सलियों का मनोबल टूटा है। कहते हैं जिसका मनोबल टूट जाता है, उसकी आधी मौत वैसे ही हो जाती है। तो इस तरह गृहमंत्री विजय शर्मा ने नक्सलियों का मनोबल तोड़कर उन्हें मृत्यु शैय्या पर भेज दिया है। 16 अगस्त के अपने पूवर्ती प्रवास के दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा ने जमीन पर बैठकर वनपुत्रों का दुख दर्द जाना, उनकी हर बात तन्मयता से सुनी। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी., सुकमा के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा भी जमीन पर बैठे नजर आए। इस दौरान ग्रामीणों और महिलाओं ने शर्मा के समक्ष रायपुर घूमने की मंशा जाहिर की। इस पर शर्मा ने कहा कि रायपुर आपका है, सरकार आपकी है और मुख्यमंत्री भी आपके हैं, जब मन करे तब आप आ जाइए। टेकलगुड़ा और सिलगेर के लोग गए थे रायपुर। प्रदेश सरकार पूर्वती के विकास को लेकर गंभीर है और अब तेजी से विकास कार्य होंगे। इस दौरान गृहमंत्री विजय शर्मा पूवर्ती कैंप भी पहुंचे जहां उन्होने नक्सल मोर्च पर तैनात जवानों से चर्चा की और उनका हौसला बढ़ाया।