आंदोलन से नगरनार स्टील प्लांट को करोड़ों की चपत, प्रबंधन ने कॉइल उत्पादन में की कटौती

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  • माल उत्पादन भी 1 हजार टन प्रतिदिन घटा दिया 

अर्जुन झा-

जगदलपुर जय झाड़ेश्वर समिति और परिवहन व्यावसायियों की जायज मांगों को चल रही हड़ताल से नगरनार स्टील प्लांट को बड़ा झटका लग रहा है। संयंत्र में उत्पादन प्रभावित होने लगा है और रोजाना दो करोड़ का घाटा हो रहा है। का अंदेशा व्यक्त किया जा रहा है तो प्लांट में अचानक एक हजार टन उत्पादन घटा दिया गया है जबकि प्रबंधन को रोलर मिल मालिकों और परिवहनकर्ताओं के बीच मध्यस्थता करनी थी लेकिन उल्टे नगरनार स्टील प्लांट द्वारा धमकी -चमकी दी जा रही है। केंद्र सरकार के सार्वजनिक उपक्रम एनएमडीसी द्वारा नगरनार स्टील प्लांट लगाया है। इस्पात संयंत्र स्थापना के लिए जब जमीन की जरूरत पड़ी, तब एनएमडीसी के अधिकारी नगरनार समेत आसपास की सभी ग्राम पंचायतों के पंच सरपंचों और ग्रामीणों से चिरौरी करते नहीं थकते थे। जमीन लेने के लिए गांव वालों की सारी शर्ते स्थानीय स्तर पर मान ली गईं थीं, मगर अब कहा जाने लगा है कि मांगों को पूरा करना स्थानीय प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र से बाहर है। जय झाड़ेश्वर समिति और परिवहन संघ के लोग शर्तों के मुताबिक ही स्थानीय बेरोजगारों को नौकरी देने, माल परिवहन के कार्य में नगरनार और बस्तर जिले के ट्रांसपोर्टरों को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं। समझौते से प्लांट प्रबंधन के मुकरने के बाद उसकी ही राह पर चलते हुए रोलिंग मिल मालिकों का रवैया भी अड़ियल हो गया है। मिल मालिकों ने भाड़ा घटा दिया है। स्थानीय लोगों के परिवहन कार्यो में राशि की कटौती कर दी गई है। जिसके फलस्वरूप अब परिवहन व्यवसायी सड़क की लड़ाई लड़ रहें हैं। प्लांट के गेट नंबर -2 के सामने जारी आंदोलन के चलते प्लांट से न माल लेकर ट्रक बाहर आ पा रहे हैं और न ही अंदर जा पा रहे हैं। इससे प्रबंधन को भारी नुकसान हो रहा है। उत्पादन गतिविधियां भी अब प्रभावित होने लगी हैं। गेट जाम करने के बाद रोज महज 4 हजार टन माल का 225 नग कॉइल्स का ही उत्पादन हो पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि नगरनार स्टील प्लांट ने आंदोलन को देखते हुए पहले दिन की हड़ताल के बाद एक हजार टन का उत्पादन घटा दिया है, जिससे एक दिन में ही 17 करोड़ रुपए से अधिक के नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है। इधर आंदोलनकारी गेट के सामने से हटने को तैयार नहीं हैं और प्रबंधन है कि मानने को राजी नहीं दिख रहा है। ऐसे में प्लांट को और भी बड़ी आर्थिक क्षति उठानी पड़ सकती है।

सुबह 6 बजे से डटे हैं गेट पर

आंदोलन के दूसरे दिन यानि 21 सितंबर को जय झाड़ेश्वर समिति तथा बस्तर परिवहन संघ के पदाधिकारी सदस्य सुबह छः बजे से ही मटेरियल गेट नंबर 2 के सामने डेरा डाल कर बैठ गए हैं जिसकी वजह से वाहनों की आवाजाही बाधित हो रही है। एचआर कॉइल्स के अलावा दीगर माल के भी परिवहन कार्य में भी बड़ी बाधा आ गई है। संयंत्र के सामने वाहनों की रेलमपेल मच गई है। झाड़ेश्वर समिति अध्यक्ष बनमाली नाग, बीपीएस अमर सिंह के नेतृत्व में धरना- प्रदर्शन जारी है। भाजपा नेत्री व डीकेएम अध्यक्ष गीता मिश्रा, प्रकाश राव, जुगल किशोर, चरण सेठिया, दिनेश सेठिया, ओमप्रकाश दास, तपन राय सहित बड़ी संख्या में परिवहन व्यवसायियों की उपस्थिति है। इन लोगों ने नगरनार स्टील प्लांट महाप्रबंधक मीडिया रफीक अहमद जनवाड़े के बयान को आड़े हाथों लिया है और परिवहनकर्ताओं ने कहा है कि सोच समझकर ही कोई निर्णय लिया जाता है वाजिब मांगों के लिए हम लड़ेंगे- डरेंगे नहीं। महाप्रबंधक हमें डराने धमकाने की कोशिश न करें। आंदोलन के समर्थन में अब सभी प्रभावित गांवों के ग्रामीण भी अपने घरों से बाहर निकल कर आंदोलन स्थल पर पहुंचने लगे हैं।