रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में आज विपक्ष के सदस्य धर्मजीत सिंह ने धान उठाव का मुद्दा उठाते हुए खाद्य नागरिक आपूर्ति तथा उपभोक्ता संरक्षण मंत्री अमरजीत भगत से सवाल किया कि खरीफ विपणन वर्ष 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21में समर्थन मूल्य पर कितनी मात्रा में धान खरीदी हुई, इसमें से कितनी मात्रा में धान कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को दिया गया, कस्टम मिलिंग के लिए क्या राइस मिलर्स से अनुबंध किया गया, मिलर्स द्वारा उन्हें प्रदायित धान के विरुद्ध कितनी कितनी मात्रा में चावल जमा कराया जाना था, कितनी मात्रा में किया गया एवं विलंब से चावल जमा करने की स्थिति में क्या कार्रवाई की गई? इस पर विभागीय मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2018 -19 में खरीदे गए धान की मात्रा 80.38 लाख मेट्रिक टन, कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को प्रदाय धान की मात्रा 79.73 लाख मैट्रिक टन, वर्ष 2019-20 में खरीदे गए धान की मात्रा 83.94 कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को प्रदाय धान की मात्रा 81.49 तथा वर्ष 2020-21 में खरीदे गए धान की मात्रा 92.02 लाख मीट्रिक टन तथा कस्टम मिलिंग के लिए राइस मिलर्स को प्रदाय धान की मात्रा 80.35 है। इस पर सदस्य धर्मजीत सिंह ने कहा कि 14.77 लाख मैट्रिक टन धान का उठाव नहीं हुआ, वह कहां गया? मंत्री भगत ने कहा कि मार्च 22 में सदस्य अजय चंद्राकर ने जानकारी मांगी थी, उस पर जवाब दिया था। अजय चंद्राकर व अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि अभी याचिका स्वीकृत नहीं हुई। मंत्री भगत के जवाब पर अजय चंद्राकर ने कहा कि वे गुमराह कर रहे हैं। धर्मजीत सिंह ने कहा कि पर्दा डालने का प्रयास है। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि अमरजीत भगत दूसरों के विषय के विशेषज्ञ हैं।