- समर्पित नक्सलियों में 11 लाख के 3 ईनामी नक्सली
-अर्जुन झा-
जगदलपुर बस्तर संभाग के नक्सली लीडर उधर पार्टी विलय दिवस मनाते रहे और इधर आठ सक्रिय नक्सलियों ने उनका दामन झटक कर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पण करने वालों में 11 लाख के तीन ईनामी नक्सली भी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि इन दिनों नक्सली संगठनों के नेता पार्टी विलय दिवस का जश्न मनाने में डूबे हुए हैं। ऐसे खास मौकों पर नक्सली और भी आक्रामक हो उठते हैं और जगह जगह वरदातों को अंजाम देने की फिराक में लगे रहते हैं। मगर अब नक्सल सहयोगियों और सक्रिय नक्सलियों का हिंसा से मोहभंग होता जा रहा है। उनके मन से बड़े नक्सलियों का डर खत्म होता जा रहा है। यही वजह है कि उधर नक्सली लीडर विलय दिवस के जश्न में डूबे रहे और इधर बस्तर संभाग के बीजापुर जिले से अहिंसक समाज के लिए पुर सुकून खबर आ गई कि आठ सक्रिय नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. डीआईजी दंतेवाड़ा रेंज, डीआईजी सीआरपीएफ बीजापुर सेक्टर के मार्गदर्शन में बीजापुर जिले में सघन नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत डीआरजी, बस्तर फाईटर, सीआरपीएफ की 85वीं व 222वीं वाहिनी एवं 202, 210 कोबरा बटालियन की 202वीं व 210वीं वाहिनी के संयुक्त प्रयासों से व छग शासन की पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति तथा शासन द्वारा चलाए जा रहे नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर आठ सक्रिय नक्सलियों ने शनिवार को सरेंडर कर दिया। गंगालूर एरिया कमेटी, नेशनल पार्क एरिया कमेटी एवं उसूर पामेड़ एरिया कमेटी के प्लाटून कमांडर, पार्टी सदस्य एवं अध्यक्ष सहित 8 नक्सलियों ने 21 सितंबर को उप पुलिस महानिरीक्षक, केरिपु ऑप्स बीजापुर देवेंद्र सिंह नेगी, पुलिस अधीक्षक बीजापुर डॉ जितेंद्र कुमार यादव, कमांडेंट 85वीं वाहिनी सुनील कुमार, कमांडेंट 222वीं वाहिनी केरिपु विजेंद्र कुमार, कमांडेंट 202 कोबरा बटालियन अमित कुमार, कमांडेंट 210वीं कोबरा बटालियन अशोक कुमार, उप पुलिस अधीक्षक ऑप्स सुदीप सरकार के समक्ष नक्सलियों की खोखली विचारधारा, भेदभाव पूर्ण व्यवहार, उपेक्षा व प्रताड़ना से तंग आकर एवं छत्तीसगढ़ शासन के पुनर्वास एवं आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में चंदर कुरसम प्लाटून नंबर 12 कमांडर, ईनाम 8 लाख रुपए, मंगली पोटाम ऊर्फ क्रांति प्लाटून नंबर 2 पार्टी सदस्य, ईनाम 2 लाख रुपए, आयतू कोरसा आरपीसी अध्यक्ष, ईनाम 1 लाख रुपए, 18 स्थाई वारंट लंबित, रामू लेकाम आरपीसी सीएनएमस अध्यक्ष, महेश यादव ऊर्फ आपू मिलिशिया प्लाटून सी सेक्शन कमांडर, सुदरू हेमला ऊर्फ पोट्टी आरपीसी मिलिशिया प्लाटून ए सेक्शन कमांडर, हुंगा डोडी सीएनएम उपाध्यक्ष, सुरित यादव ऊर्फ सुरेश बुरजी आरपीसी शामिल हैं। इन नक्सलियों पर जिले के विभिन्न थानों में हत्या, लूटपाट, सड़क अवरुद्ध करने, जवानों पर हमले कई मामले दर्ज हैं। नक्सलियों द्वारा आदिवासियों पर किये जा रहे अत्याचार से त्रस्त होकर एवं छग शासन की आत्मसमर्पण नीति से प्रभावित होकर इन नक्सलियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने पर उन्हें उत्साहवर्धन हेतु शासन की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत 25- 25 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
गृहमंत्री शर्मा की है यह विजय
नक्सलियों के पार्टी विलय दिवस के बीच सक्रिय और ईनामी नक्सलियों के आत्मसमर्पण को गृहमंत्री विजय शर्मा की बड़ी विजय के रूप में देखा जा रहा है। विजय शर्मा नक्सल समस्या के उन्मूलन और नक्सल प्रभावित इलाकों के आदिवासियों के मन में सरकार और सिस्टम के प्रति भरोसा जगाने के मामले में सबसे सफल गृहमंत्री के रूप में देखे जा रहे हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा के मार्गदर्शन में पुलिस और फोर्स जहां बड़े ही आक्रामक तरीके और योजनाबद्ध ढंग से लगातार नक्सलियों पर नकेल कस रही है, वहीं प्रभावित इलाकों के लोगों का भरोसा जीतने में भी लगातार कामयाब हो रही है। विजय शर्मा छत्तीसगढ़ के पहले गृहमंत्री हैं, जो नक्सल गढ़ में कई बार जा चुके हैं। वे धुर नक्सल प्रभावित गांवों में पहुंचकर पीड़ितों और आम आदिवासियों का दुख दर्द साझा करने में कभी पीछे नहीं हटते। इससे पहले कभी किसी गृहमंत्री ने ऎसी पहल की ही नहीं थी। विजय शर्मा के इस अंदाज के कायल आदिवासी हो गए हैं और सरकार एवं व्यवस्था के प्रति उनमें विश्वास भी बढ़ा है। इसी विश्वास और भरोसे का नतीजा है कि नक्सलियों के आत्मसमर्पण का अनवरत सिलसिला बस्तर में चल पड़ा है।