- बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों हो रहे हैं सर्वाधिक आत्मसमर्पण
- बीजापुर के बाद दंतेवाड़ा में ईनामी दंपति समेत 4 नक्सलियों का सरेंडर
- सीएम की सांय सांय और गृहमंत्री की ठाँय ठाँय कार्यप्रणाली का असर
–अर्जुन झा–
जगदलपुर दशकों से नक्सली रक्तपात का दंश झेलते आ रहे बस्तर संभाग में अब नए युग का सूत्रपात हो रहा है। नक्सली हिंसा की घटनाओं में व्यापक गिरावट आई है और बस्तर की वादियों में रक्त गंध की जगह अमन की बयार बहती महसूस होने लगी है। यह बदलाव विष्णु देव साय सरकार की सांय सांय और गृहमंत्री विजय शर्मा की ठाँय ठाँय कार्यप्रणाली के दम पर आ रही है। बदलाव यह भी देखने में आ रहा है कि डर के साये में अब यहां के आदिवासी और पुलिस नहीं, बल्कि वर्षों तक यहां के जन मानस को डरा कर रखे नक्सली हैं। इसी डर के चलते अब नक्सली हिंसा की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आतुर हो चले हैं।
सांय सांय नीति और ठाँय ठाँय कार्यप्रणाली ने असर दिखाना शुरू कर दिया है। बस्तर संभाग के बस्तर जिले में तो नक्सल समस्या का लगभग खात्मा हो चुका है। वहीं धुर प्रभावित सुकमा,, दंतेवाड़ा, बीजापुर, नारायणपुर व कांकेर जिलों में लगातार नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं। वहीं आएदिन बड़ी संख्या में हार्डकोर नक्सली मारे भी जा रहे हैं। संभाग के बीजापुर जिले के बाद दंतेवाड़ा जिले चार ईनामी नक्सलियों ने कल आत्मसमर्पण कर दिया। एक दिन पहले ही बीजापुर जिले में आठ नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था।दंतेवाड़ा जिले में इस साल अब तक 872 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इनमें 197 ईनामी नक्सली शामिल हैं। दंतेवाड़ा जिले में पुलिस द्वारा चलाए जा रहे लोन वर्राटू अभियान से प्रेरित होकर एक नक्सली दंपत्ति समेत 4 इनामी नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में एसपी के समक्ष सरेंडर कर दिया। चारों पर कुल 20 लाख रुपए का इनाम घोषित था।आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली हुंगा तामो उर्फ सूर्या पिता स्व जोगा व उसकी पत्नी आयती ताती नक्सलियों की रीजनल कंपनी नंबर 2 के सदस्य रहे हैं। उन पर 8-8 लाख रुपए का इनाम घोषित था। उत्तर सब जोनल ब्यूरो में सक्रिय राजनीतिक टीम सदस्य रही देवे उर्फ विज्जे वंजाम पिता स्व देवा निवासी मैलूर बड़ेपारा पर 3 लाख और पूवर्ती आरपीसी केएएमएस अध्यक्ष माड़वी आयते पति नुप्पो भीमा निवासी चिन्ना बोड़केल पर 1 लाख का इनाम घोषित था। एसपी गौरव राय ने बताया कि आत्मसमर्पण कराने में डीआरजी व बस्तर फाईटर्स दंतेवाड़ा का विशेष योगदान रहा। उन्होंने जानकारी दी कि दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 197 ईनामी सहित कुल 872 नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।