मीना बाजार बना शबीना बाजार; सुरक्षा मानकों का नहीं हो रहा पालन, बड़े हादसे का अंदेशा

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  • मौत का कुंआ साबित हो सकता है आत्मघाती
  • मीना बाजार में चल रही है लठैतों की दादागिरी

अर्जुन झा

जगदलपुर नगर के राजमहल परिसर के समीप संचालित हो रहे मीना बाजार में सुरक्षा मानकों का रत्ती भर भी पालन नहीं किया जा रहा है। यहां बड़ी दुर्घटना और जनहानि की प्रबल संभावना है। मीना बाजार का मौत का कुंआ आत्मघाती साबित हो सकता है।

मीना बाजार में नियम कायदों का जरा भी पालन नहीं किया जा रहा है। मीना बाजार में कितने व्यक्ति बाहर से आए हैं, इसकी जानकारी मीना बाजार संचालक ने पुलिस और प्रशासन को नहीं दी है और न ही कोई प्रमाणिक दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं। सुरक्षा के नाम पर मीना बाजार में तैनात लठैत कर खुलकर गुंडागर्दी कर रहे हैं। मनोरंजन के लिये शुरू किए गए मीना बाजार में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा चर्चा का विषय बना हुआ है। जबकि मीना बाजार का उद्घाटन यहां की परंपरा के अनुसार स्थानीय विधायक से कराया जाता रहा है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। गोपनीय ढंग से शुभारंभ कर मीना बाजार शुरू कर दिया गया है। जिसको लेकर सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधियों में भी नाराजगी है। मीना बाजार में सुरक्षा मानकों का दरकिनार करना अप्रिय घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है। मीना बाजार में मनोरंजन के लिए कई ऐसे उपकरण लगाए गए हैं, जिसमें थोड़ी सी भी चूक मौत का कारण बन सकती है।

कहर बरपा सकते हैं झूले

सूत्रों से जानकारी मिली है कि कई विशालकाय झूले बाजार में लगाए गए हैं। इन झूलों की सुरक्षात्मक जांच करवाकर जिला प्रशासन से प्रमाण पत्र लिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है। अमानक स्तर के जानलेवा झूले एवं अन्य कई उपकरण लगाए गए हैं, जो हादसों को न्योता देते नजर आ रहे हैं। मीना बाजार के अंदर मनोरंजन के लिए मौत के कुंए में दोपहिया एवं चार पहिया वाहनों का प्रदर्शन किया जा रहा है जबकि यह कांकेर जिले में प्रतिबंध लगाया जा चुका है। तो क्या इस बार जिला प्रशासन से इसके लिए अनुमति ली गई है? अगर नहीं तो किसके अनुमति से जिंदगी से खिलवाड़ करने की छूट दी गई है? हादसे होने पर जिम्मेदार कौन होगा?

बाहरी लोगों का नहीं है रिकॉर्ड

मीना बाजार को संचालित करने दीगर प्रातों के व्यक्तियों का नगर में आगमन हुआ है। व्यवसायिक दृष्टिकोण से आने वाले लोगों का किसी प्रकार का कोई रिकॉर्ड पुलिस में जमा नहीं कराया गया है। न ही मीना बाजार में दुकाने लगाने व अन्य कार्यों के लिए संचालक द्वारा लाए गए बाहरी व्यक्तियों का वैरीफिकेशन कराया गया है।इसको लेकर चर्चा का बाजार भी गर्म है। बस्तर संवेदनशील क्षेत्र है इस समय शहर में भीड़-भाड़ा बढ़ चुकी हैं इसके बाद भी बाहर से आने वाले व्यक्तियों का रिकार्ड नहीं रखा जाना प्रशासनिक लापरवाही की ओर भी इशारा करता है।

आए हैं संदिग्ध लोग भी

इसे मीना बाजार कहें या शबीना बाजार में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विशेष धर्म के लोगो का जमावड़ा लगा हुआ है। इनमें से कई लोगों की गतिविधियां संदिग्ध होने की भी चर्चा है। लोगों को आशंका है कि ये तत्व बस्तर दशहरा के दौरान बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं, गड़बड़ी फैला सकते हैं। पुलिस और प्रशासन अलर्ट नहीं हुए तो बस्तर दशहरा के बीच ही कोई अप्रत्याशित घटना घट सकती है। जानकारी के अनुसार विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के लोग इन पर कड़ी नजर रखी हुए हैं।