- आखिर कौन दबा बैठा है बस्तर ओलंपिक के खिलाड़ियों की ईनाम राशि
–अर्जुन झा-
बकावंड विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों के लिए मिलने वाले सरकारी धन हड़पने के मामले में कुख्यात हो चुकी बकावंड जनपद पंचायत के अधिकारी – कर्मचारियों की धन लिप्सा इस कदर बढ़ चुकी है कि अब वे छात्र छात्राओं और खिलाड़ियों के हिस्से की रकम को गटकने में भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। उनकी इसी ‘लक्ष्मी भक्ति’ की वजह से बस्तर ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों को ईनाम की राशि अब तक नहीं मिल पाई है। खिलाड़ियों को भोजन पानी, इलाज के लिए मोहताज होना पड़ा सो अलग। अब यह मामला तूल पकड़ चुका है। क्षेत्रीय विधायक लखेश्वर बघेल ने इस मुद्दे को लेकर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने बकावंड एसडीएम को पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा है।
ज्ञात हो कि बस्तर ओलंपिक के तहत सभी विकासखंडों में ब्लॉक स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित की गई थीं। इनमें चयनित खिलाड़ियों को जिला स्तरीय प्रतियोगिता में परफॉरमेंस करना था। जिला लेवल पर चयनित खिलाड़ी बस्तर ओलंपिक के संभाग स्तरीय आयोजन में हुनर दिखाएंगे। प्रतियोगिता के हर लेवल पर विजेताओं को नगद पुरस्कार, प्रमाण पत्र और ट्रॉफी देने का प्रावधान शासन द्वारा किया गया है। हर खेल विधा में विकासखंड स्तर के विजेता खिलाड़ियों को दो दो हजार रुपए का कैश प्राइज देने का प्रावधान है, मगर बकावंड विकासखंड
स्तरीय ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों को न प्रमाणपत्र मिला न पुरस्कार की राशि दी गई। भोजन व लाने ले जाने की भी व्यवस्था उचित नहीं थी। खेल के दौरान घायल होने वाले खिलाड़ियों के इलाज का इंतजाम भी आयोजन स्थल पर नहीं था। गांवों से आए खिलाड़ियों ने भूखे प्यासे रहकर अपना परफॉरमेंस दिखाया।हद तो तब हो गई यहां विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि, सर्टिफिकेट और ट्रॉफी तक नहीं दी गई। खिलाड़ियों ने बस्तर ओलंपिक में पक्षपात का आरोप लगाते हुए विधायक की मौजूदगी में जनपद पंचायत कार्यालय का घेराव कर दिया। फिर एसडीएम ने विधायक के हाथों खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र बंटवा दिए और पुरस्कार की राशि शीघ्र ही उनके बैंक खाते में डालने का आश्वासन दिया। बताया गया है कि बस्तर ओलंपिक के नाम पर शासन से प्राप्त पांच लाख रुपए का कोई अता पता नहीं है। धन लिप्सा से ग्रसित अधिकारी इस महति आयोजन को अव्यवस्था की भेंट चढ़ाने से भी परहेज नहीं कर रहे हैं। जिला एवं जनपद क्षेत्र स्तरीय बस्तर ओलंपिक 2024 प्रतियोगिता में बकावंड ब्लाक के खिलाड़ियों के साथ पक्षपात व अव्यवस्थाओं को लेकर सोमवार को विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल के नेतृत्व में खिलाड़ियों व एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने जनपद पंचायत बकावंड का घेराव किया। इस विरोध प्रदर्शन में बकावंड ब्लॉक के पंचायत प्रतिनिधि व कांग्रेसी भी बड़ी संख्या में शामिल हुए।विधायक के नेतृत्व में सभी रैली की रूप में नारेबाजी करते जनपद कार्यालय पहुंचे, जहां जनपद सीईओ की अनुपस्थिति में एसडीम ऋषिकेश तिवारी ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा की।एनएसयूआई के अध्यक्ष नीलम कश्यप ने एसडीएम से चर्चा करते हुए चार सूत्रीय मांग के साथ ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जनपद व जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक में शामिल खिलाड़ियों को मंच से इनाम व सर्टिफिकेट न दिए जाने, मैदान पर खिलाड़ियों के लिए चिकित्सीय व्यवस्था सुलभ न होने, उन्हें मालवाहक वाहनों में भेड़ बकरी की तरह ठूंसकर लाने ले जाने और गंतव्य तक न छोड़ने, अंतिम दिन शाम को भोजन की व्यवस्था न होने तथा सालभर बाद भी पुरस्कार की राशि खिलाड़ियों के बैंक खाते में न डाले जाने को लेकर घोर आपत्ति दर्ज कराई गई। एसडीएम ने इसकी जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया तथा सभी को जनपद प्रांगण में आमंत्रित कर खिलाड़ियों को विधायक व अन्य पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में उनका प्रमाण पत्र वितरण किया, साथ ही कहा गया कि खिलाड़ियों को पुरस्कार की राशि उनके बैंक अकाउंट में शीघ्र ही हस्तांतरित कर दी जाएगी। इस अवसर पर विधायक बस्तर लखेश्वर बघेल ने खिलाड़ियों को आशीर्वाद देकर बेहतर प्रदर्शन कर अपने ब्लॉक का नाम रोशन करने को कहा। उन्होंने अवस्थाओं को लेकर ब्लॉक के अधिकारी कर्मचारियों की जमकर क्लास ली। श्री बघेल ने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारी जनता के सेवक हैं। जनता के पैसे से उन्हें वेतन व अन्य सुविधाएं मिलती हैं। शासकीय कार्य के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी ग्रामीण सरकारी अधिकारी कर्मचारी से किसी काम को लेकर संपर्क करता है तो उसे सौहार्दपूर्ण तरीके से पेश आकर उनका सही मार्गदर्शन करें। ताकि उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान हो सके। विधायक लखेश्वर बघेल ने कहा कि जिला स्तरीय बस्तर ओलंपिक के बाद संभाग का कार्यक्रम होने वाला है। अधिकारी कर्मचारी खिलाड़ियों की शिकायत पर गंभीरता से संज्ञान लें
यदि खिलाड़ियों को लाने ले जाने भोजन व चिकित्सा की उचित व्यवस्था नहीं होती तो उन्हें नहीं ले जाया जाए। साथ ही उन्होंने कहा कि खिलाड़ी पैसे का नहीं सम्मान का भूखा होता है। इसलिए खिलाड़ियों को समापन समारोह में ही प्रमाण पत्र व ट्राफी देकर सम्मानित करें, उनका उत्साहवर्धन करें तथा पुरस्कार की राशि उनके खाते में तत्काल जमा करें। अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही है कि सालभर बाद भी पुरस्कार की राशि खिलाड़ियों के खाते में जमा नहीं हो पाई है। विधायक ने करीब पौन घंटे तक जनपद प्रांगण में दरबार लगाया तथा पंचायत प्रतिनिधियों के साथ विभिन्न मुद्दों पर रायशुमारी की। इस दौरान विधायक ने कृषि विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को तलब किया और हाल ही में शत प्रतिशत अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराए गए बीज व हितग्राहियों की सूची मांगी। विधायक ने कहा कि यह शिकायत मिल रही है कि हितग्राहियों के चयन में पारदर्शिता नहीं है। उन किसानों को बीज मिल रहा है, जो कृषि कार्य में बीजों का उपयोग नहीं कर रहे हैं। वहीं जरूरतमंद किसानों को शासन की अनुदान योजना का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके साथ ही विधायक ने पंचायत प्रतिनिधियों से धान खरीदी व्यवस्था पर कड़ी नजर रखने को कहा कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का छत्तीसगढ़ सरकार ने वादा किया है, किसान यदि टोकन कटाने के बाद भी 21 क्विंटल धान नहीं बेच पाते तो कांग्रेस इसके लिए आंदोलन करेगी। इस दौरान बकावंड ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष शिवराम बिसाई, वरिष्ठ कांग्रेसी जगमोहन बघेल, जानकी राम सेठिया, करपावंड ब्लॉक अध्यक्ष उत्तम नाइक, विधायक प्रतिनिधि गोपाल, जिला पंचायत सदस्य धनुर्जय कश्यप, कमलू, महिला कांग्रेस करपावंड ब्लॉक अध्यक्ष प्रमिला दुग्गा, सोनाधर कश्यप, सुखनाथ कश्यप, सत्येंद्र गागड़ा, युवा कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष कुलधर बघेल, एनएसयूआई बकावंड ब्लॉक अध्यक्ष रामदास बघेल, ललिता, राजेश कश्यप, पिंटू तिवारी मोना पाढ़ी, दीपक पांडे, बृज लाल, सोहन सिंह, राजकुमार, प्रदीप, गणेश, धनपति, मंगल, लोकेश, सोनसाय, संजू, गिरवर, रोहित, शक्ति, शिव, हरिराम एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित थे।
पुरस्कार की राशि हड़पने का मामला अब तूल पकड़ लिया है बस्तर विधायक ने अब बयान जारी कर इस मामले की जांच का अनुरोध sdm से किया, कल ही यह खबर आई थी कि जनपद c o की अनुपस्थित होकर इन सब मामलों से बचने का प्रयास कर रहा है विदित हो कि सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रति पंचायत 10 हजार की रकम सचिव के माध्यम से ली गई , किंतु ओलंपिक खत्म होते ही विजेता बच्चों के खाते में रकम के नाम पर छल किया गया है,