बालोद – छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के डौण्डी लोहारा विकासखण्ड के वन्य क्षेत्रस्थान में स्थित जामडी पाटेश्वर संस्थान के द्वारा किये गए वन भूमि पर मन्दिर निर्माण स्थल व अन्य विकास कार्यो को हटाने व इसके लिए जामडी पाटेश्वर धाम के संचालक संत रामबालकदास को नोटिस देने की कार्यवाही ने हाल ही में बालोद जिला में एक नए विवाद को जन्म दे दिया है। बालोद
जिले की डीएफओ सतोविसा समाजदर की एक विभागीय कार्यवाही ने जिले के राजनीतिक नेताओ सहित आमजन के बीच माहौल को गर्मा दिया है। बालोद डीएफओ ने प्रदेश सहित देश के कई अन्य राज्यो के हिन्दू धर्म मे आस्था रखने वाले लोगो का ध्यान अपनी कार्यवाही से खींचा है। व यह कार्यवाही अब खबरो में धीरे धीरे स्थान बनाने लगा है। वही इससे जुड़े आलानेताओ की भी प्रतिक्रिया आ रहा है। कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद मोहन मंडावी ने
डीएफओ की इस कार्यवाही को वर्तमान में धार्मिक उन्माद बढ़ाने वाला बताया व कहा कि वर्षो से बने हुए मन्दिर व संतो के रहवास स्थल पर लाखों लोगों की आस्था है। व देवी देवताओं की प्रतिमा विराजमान है। आज संस्थान को अवैध बताकर नोटिश जारी किया जाना सही नही है। जबकि प्रदेश शासन के कई प्रमुख विभाग के द्वारा वहां पर्यटन को बढ़ावा देने व धार्मिक आस्था के केंद्र बने जामडी पाटेश्वर को विकसित करने लाखो रुपये के कार्य भी संपादित किये है। फिर आज नोटिश देना उसको अवैध बताना बेहद निंदनीय है। इस सम्बंध में दिशा की बैठक में जिला कलेक्टर व डीएफओ से बात कर इसका हल निकाला जाएगा और बात नही बनी तो प्रदेश के बड़े विभागीय अधिकारियों से बात किया जाएगा।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सहित प्रदेश के कई पूर्व मंत्री व कई आला नेताओ की आस्था का केंद्र है। यह जामडी पाटेश्वर धाम इसमें लाखो की संख्या में धर्मप्रेमी भक्त इस संस्थान से जुड़े हुए है। यहां प्रतिवर्ष बड़े बड़े धार्मिक आयोजन भी सम्पन्न होते है। जिसमे देश के कई बड़े साधु संत व धर्माचार्य ,शंकराचार्य का आगमन होते रहता है। आरएसएस के मुख्य सरसंघ चालक मोहन भागवत का भी आगमन इस संस्थान में हुआ है।
भारत वर्ष के अदुतीय पंचमुखी हनुमान मंदिर का निर्माण भी विगत कई वर्षों से यहां जारी है। जिसका निचला तल का निर्माण पूर्ण हो चुका है। वही दूसरे ऊपरी तल का निर्माण किया जा रहा है। जिसमे भी हजारों लोगों का आर्थदान लगा हुआ है।
वर्षो से बने मन्दिर व आज की स्थिति में बड़े पैमाने पर संस्थान के द्वारा संचालित सीता रसोई,विद्यालय,गौपालन केंद्र इस वन्य क्षेत्र में स्थित परिसर में बने हुए व लगातार वहां धार्मिक आयोजन किये जाते है।मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र,छत्तीसगढ़, उड़ीसा,उत्तरप्रदेश जैसे राज्यो में भी इस संस्थान से जुड़े सदस्य शामिल है। जो समय समय पर यहां आते है।
वन संरक्षित क्षेत्र में बने सभी निर्माण को वन विभाग ने अवैध बताते हुए 4 हेक्टेयर भूमि को खाली करने धारा 80 (क) के तहत नोटिश जारी किया है। इस सम्बंध में जानकारी अनुसार सितम्बर में संस्थान को पहला नोटिस जारी किया गया था वही अभी 7 नवम्बर को दूसरा नोटिस दिया गया है।
बहरहाल बालोद डीएफओ सतोवीसा समाजदार की एक विभागीय कार्यवाही से आने वाले समय मे यह जामडी पाटेश्वर संस्थान का मामला आगे भी नई दिशा तय करेगा जिसमे लोगो की निगाह बनी रहेगी |