वन विभाग के अधिकारी डकार गए लैंटाना उन्मूलन की राशी

0
565

मामला सुकमा डिवीज़न का : वनों को लैंटाना रूपी कैंसर से बचाने कागजों में झाड़ियों का सफाया

जगदलपुर/सुकमा। लैंटाना झाड़ी को वनों का कैंसर माना जाता है। इस कैंसर से बचाव के लिए सुकमा डिविजन के तीन वन परिक्षेत्रों में कागजों में उन्मूलन के कार्यों को अंजाम देकर विभाग के अधिकारी लाखों डकार कर हजम कर गये है। सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर नियमों का हवाला देकर वन मंडलाधिकारी ने जानकारी देने से इंकार कर दिया। अफसरों के संरक्षण में ही अधिकारी कागजों में कार्यो को अंजाम देकर लाखों रूपए के वारे न्यारे कर चुके है।

ज्ञातव्य हो कि जगदलपुर वनवृत्त का सुकमा डिविजन भ्रष्टाचार को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है चाहे वह तेंदूपत्ता के खरीदी से लेकर बोनस वितरण का मामला हो या फिर प्लांटेशन का या अन्य कई निर्माण कार्यों का इन सारे मामलों को लेकर सुकमा डिविजन हमेशा सुर्खियों में रहा है। यहां अधिकारी भी वर्षों से पदस्थ रहकर भ्रष्टाचार जैसे कृत्य को अंजाम देते आ रहे है जिसका मुख्य कारण अफसरों का संरक्षण। अफसरों के चहेते अधिकारी को मनपंसद स्थानों पर पदस्थ किया जाता है ताकि कमीशन की मोटी रकम पहुंच सके।

This image has an empty alt attribute; its file name is JHA-3.jpg

लैंटाना उन्मूलन के नाम पर लाखों के वारे – न्यारे :

सुकमा डिविजन के तीन परिक्षेत्र जगरगुण्डा, गोलापल्ली एवं क्रिस्टाराम वन परिक्षेत्र का अधिकांश इलाके में नक्सलियों का कब्जा है। इन इलाकों में लाल लड़ाको की अनुमति के बगैर आम लोगों को पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है।

कार्यालय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019-20 में लैंटाना उन्मूलन के नाम पर लाखों करोड़ों की स्वीकृति शासन द्वारा प्रदान की गई थी।

लैंटाना झाड़ियों को सफाया कर पौधों का विकास हो सके लेकिन परिक्षेत्रों के बिहड़ों में ऐसा कुछ नहीं होने की जानकारी मिली है। विशेष सूत्रों से यह जानकारी मिली है कि लेंटाना उन्मूलन के नाम पर कागजी कार्रवाई पूर्ण कर लाखों के वारे न्यारे किये जा चुके है जिसकी राशि का बंटवारा अफसरों तक पहुंचाने की खबर है |

क्या है लैंटाना उन्मूलन कार्य:

जानकारी के अनुसार लैंटाना विदेशी प्रजाति का झाड़ी है इसे 1809 में दक्षिण आफ्रीका से सजावटी झाड़ी के रूप में लाया गया था। लैंटाना वनों को कैंसर माना जाता है यह पौधों के लिए काफी नुकसानदायक होता है। वन क्षेत्रों में इसका फैलाव होने पर पौधों का विकास रूक जाता है। पौधों के बेहतर विकास के लिए लैंटाना झाड़ियों का सफाया अभियान चलाया जाता है। जिले जड़ों से काटकर जलाने या गड़ा खोदकर इसे नष्ट करने की प्रक्रिया है लेकिन विभाग के अधिकारी द्वारा ऐसा कुछ नहीं किया गया सिर्फ खानापूर्ति कर राशि का बंदरबाट कर दिया गया।

This image has an empty alt attribute; its file name is MATH1-2.jpg

जानकारी देने में आनाकानी:

सुकमा डिविजन से यह जानकारी चाही गई थी कि उक्त तीनों वन परिक्षेत्र में कितना खर्च कर उक्त कार्य किया गया,कितने मजदूरों ने कार्य किया और कितना भुगतान किया गया। डिविजन कार्यालय से डीएफओ के द्वारा यह कहा गया कि यह जानकारी नहीं दी जा सकती।