- धान खरीदी के लिए नहीं मिल रहे हैं हमाल
-अर्जुन झा-
बकावंड वैसे तो बस्तर जिले में धान खरीदी अमूमन व्यवस्थित ढंग से चल रही है, मगर कई जगहों पर दिक्कतें भी देखने में आ रही हैं। कहीं उठाव न होने से खरीदी केंद्रों में जगह की तंगी हो गई है। वहीं एक खरीदी केंद्र ऐसा भी है, जहां किसानों को अपना धान खुद तौलना और बोरों में भरकर सिलाई भी करनी पड़ रही है।
आदिम जाति सेवा सहकारी समिति बकावंड में हमाल नहीं होने के कारण किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस खरीदी केंद्र में किसान स्वयं अपने धान को तौलकर बोरों में भरते हैं और बोरों की सिलाई भी खुद कर रहे हैं। 3 दिन से लैंपस सोसायटी में काम करने हमाल नहीं पहुंच रहे हैं। किसानों ने बताया कि हमाल नहीं होने के कारण हमें स्वयं धान तौलाई और धान भरे बोरों की सिलाई का कार्य करना पड़ रहा है। किसान लालेंद्र बागड़े, गंगाधर कश्यप, ललित बघेल, चंद्र, धनिया, सुरजो, अनम, योगेश, मदन कश्यप, दया आदि का कहना है कि इस खरीदी केंद्र में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं कर्मचारी
-0- लैंपस अध्यक्ष इंदिरा बघेल ने कहा कि हमाल दो तीन दिन से काम पर नहीं आ रहे हैं। अगर किसान अपने धान तौल करते हैं तो उन्हें प्रति बोरा 15 रुपए की दर से उन्हें मेहनताना दिया जाएगा।
-0- लैंपस प्रबंधक फूलसिंह ने कहा कि दो दिन से हमाल ढूंढ रहा हूं, हमाल नहीं मिल रहे हैं।
-0- धान खरीदी प्रभारी श्रीकांत पांडे ने कहा कि हमाल की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। अब तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। हमाल की व्यवस्था करने का काम प्रबंधक और अध्यक्ष का है।