कुसुमकसा, चिखलाकसा में चले अवैध प्लाटिंग के खेल में नप गए नायब तहसीलदार दीपक चंद्राकर

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  •  कलेक्टर ने किया भू अभिलेख शाखा में अटैच
  •  अवैध प्लाटिंग में चंद्राकर की रही संदिग्ध भूमिका 

अर्जुन झा-

दल्लीराजहरा राजस्व विभाग और रेरा के नियम-कानूनों को ताक पर रख दल्ली राजहरा अंचल में जमकर किए गए अवैध प्लाटिंग के खेल में दल्ली राजहरा उप तहसील के नायब तहसीलदार दीपक चंद्राकर नप गए हैं। कलेक्टर ने उन्हें तहसील से हटाकर भू अभिलेख शाखा में अटैच कर दिया है। कलेक्टर के आदेश के बाद भी दीपक चंद्राकर नायब तहसीलदार का पद छोड़ने तैयार नहीं हो रहे थे, तब एसडीएम ने उन्हें एकतरफा कार्यमुक्त करते हुए देवेंद्र नेताम को डौंडी तहसीलदार के साथ उप तहसील दल्ली राजहरा का अतिरिक्त प्रभार भी सौंप दिया है।

नगर पंचायत चिखलाकसा, कुसुमकसा, बरसाटोला, खम्हारटोला, बिटाल, कारुटोला, चिपरा, खल्लारी व आसपास की ग्राम पंचायतों में कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर जमीन की खरीदी बिक्री का खेल धड़ल्ले से चल रहा था। इस अवैध काम में भूमाफियाओं को नायब तहसीलदार दीपक चंद्राकर, आरआई और पटवारियों का भरपूर सहयोग मिल रहा था। तहसीलदार के आदेश पर पटवारियों ने नगर पंचायत चिखलाकसा से एनओसी लेकर जमीनों पर कई टुकड़ों में प्लाट काट दिए थे। ऐसा करके शासन को आर्थिक क्षति तो पहुंचाई ही गई, नियमों का खुला उल्लंघन भी किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार से अवैध प्लाटिंग, भूमाफिया पर कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी हो चुके थे। नायब तहसीलदार दीपक चंद्राकर के खिलाफ दल्लीराजहरा के अनेक नागरिकों द्वारा जिला कलेक्टर बालोद से शिकायत कर जांच की मांग की गई थी। कुसुमकसा एवं चिखलाकसा के आसपास के क्षेत्र की कृषि भूमि पर अवैध प्लाटिंग कर क्रय-विक्रय एवं हस्तांतरण की प्रक्रिया चलने की जानकारी शिकायत में दी गई थी। नगर पंचायत चिखलाकसा क्षेत्र में नायब तहसीलदार से मिली एनओसी के साथ कई भूमाफियाओं द्वारा कृषि भूमि को आवसीय भूमि बता कर खरीदी बिक्री की जा रही थी।

हर नियम का उल्लंघन

चिखलाकसा एवं कुसुमकसा के भूमिस्वामियों द्वारा कालोनाईजर अधिनियम एवं भूमि विकास अधिनियम 1984 के नियम का पूर्णत: उल्लघंन किया गया था। भू-संपदा अधिनियम 2016 रेरा का उल्लघंन भी जमकर हुआ है। नियमानुसार एक खसरा नंबर की जमीन को तीन से अधिक टुकड़ों में विभक्त करना अवैध प्लाटिंग के दायरे में आता है एवं 3 टुकड़ों से अधिक विभक्त होने पर रेरा में पंजीयन कराना आवश्यक है। मगर पटवारी एवं तहसीलदार की मिलीभगत से सारा अवैध कार्य किया जा रहा था। क्षेत्र के नागरिकों ने कहा कि चिखलाकसा, कुसुमकसा सहित आसपास की ग्राम पंचायतों में कृषि भूमि को आवसीय बताकर उनकी पूंजीपतियों एवं व्यापारियों द्वारा खरीदी बिक्री की जा रही थी। पटवारी एवं नायब तहसीलदार के विरूद्ध एवं भूमि स्वामी के विरूद्ध गंभीर अपराधिक प्रकरण दर्ज करवाकर कार्यवाही करने के लिए शिकायकर्ताओं द्वारा निवेदन किया गया था एवं अवैध खसरों को तत्काल ब्लाक करवाने का आग्रह किया गया था, ताकि पूर्व में हुए क्रय-विक्रय की पूर्णत: जांच हो सके। अवैध खसरों में किए गए अवैध निर्माण पर कठोरतम कार्रवाई का भी निर्देश है। उक्त अवैध प्लाटिंग एक-दो व्यक्तियों द्वारा ही की गई है। पटवारी, तहसीलदार एवं रजिस्ट्रार का पूर्ण संरक्षण प्राप्त रहा है।

वर्तमान में भी कुसुमकसा व चिखलाकसा में 28 प्लॉटों के अवैध क्रय-विक्रय की प्रक्रिया जारी है। उक्त भूमि पर अवैध प्लाटिंग से शासन को गंभीर आर्थिक क्षति पहुंचाना संभावित है।

अवैध प्लाटिंग के चलते हुई कार्रवाई

बालोद जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने कहा कि बालोद जिला के किसी भी क्षेत्र में यदि अवैध प्लाटिंग की शिकायत प्राप्त होती है तो उस क्षेत्र के पटवारी, आरआई, तहसीलदार, एवं एसडीएम पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रेरा के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। किसी भी दबाव में आकर अधिकारी कार्य न करें। अवैध प्लाटिंग करने वालों और भूमाफियाओं से संबंध रखने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसी के चलते नायाब तहसीलदार दीपक चंद्राकर को हटाया गया है। डौंडी ब्लॉक के कुसुमकसा एवं चिखलाकसा क्षेत्र में चल रहे अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर अतिरिक्त कलेक्टर चंद्रकांत कौशिक को आदेश दिया गया था कि जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करें एवं मिलीभगत कर अवैध प्लाटिंग करने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई करें। कलेक्टर इंद्रजीत सिंह में कड़े अंदाज में में कहा है कि शासकीय एवं कृषि भूमि पर बिना सक्षम अनुमति के प्लाटिंग कर शासन को नुकसान पहुचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

दोषी पाए गए चंद्राकर

बालोद जिला कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल के आदेश पर कुसुमकसा एवं चिखलाकसा क्षेत्र में चल रही अवैध प्लाटिंग की जांच की गई। जिसमें नायब तहसीलदार दीपक चंद्राकर की भूमिका संदिग्ध पाई गई।उनकी शह के चलते अवैध प्लाटिंग की बात सामने आई। इस वजह से उन्हें 11 जनवरी को नायब तहसीलदार के पद से मुक्त करते हुए बालोद जिला कलेक्टर कार्यालय की भू अभिलेख शाखा में अटैच कर दिया गया है। परंतु नायब तहसीलदार चंद्राकर पद छोड़ने को तैयार नही थे जिसके बाद स्थानीय एसडीएम ने पुनः अपर कलेक्टर के आदेश का हवाला देते हुए 14 जनवरी को दीपक चंद्राकर को नायब तहसीलदार के पद से भार मुक्त करते हुए जिला कलेक्टर कार्यालय बालोद में भू अभिलेख शाखा में पद ग्रहण करने आदेश जारी किया है। वही देवेंद्र नेताम को डौण्डी तहसीलदार के पद के साथ उप तहसील दल्लीराजहरा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।