बकावंड के भाजपाई जनपद अध्यक्ष की करनी से भाजपा की इज्जत लग गई है दांव पर

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  • 15वें वित्त की राशि की अफरा तफरी ले डूबेगी भाजपा को

अर्जुन झा

जगदलपुर केंद्रीय मद से मिलने वाली 14वें एवं 15वें वित्त की राशि की बकावंड जनपद में बड़े पैमाने पर घपलेबाजी चल रही है। जनपद कार्यालय स्तर पर केवल दो सर्वेसर्वा लोगों ने सभापति एवं सदस्यों को विश्वास में लिए बगैर लाखों रुपयों का फर्जी तरीके से भुगतान अपने चहेतों को कर दिया गया है। अब शासन द्वारा मामले की जांच कराने की बात सामने आ रही है। 23 फरवरी को पंचायत चुनाव निपटने के बाद कभी भी जांच अधिकारियों की टीम इनमें लिप्त लोगों से पूछताछ कर सकती है।

बताते हैं कि जनपद पंचायत की सामान्य सभा में बिना प्रस्ताव पारित कराए विभिन्न ग्राम पंचायतों में बोर खनन, पानी टैंकर उपलब्ध कराने वाटर प्यूरीफायर लगवाने और अन्य कार्यों के नाम पर जनपद अध्यक्ष और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा अपनी ही मर्जी से सभी भुगतान हेतु प्रस्ताव बना दिया गया। ग्राम पंचायतों में पेयजल वितरण हेतु पानी टैंकर उपलब्ध कराने के बाद नाली निर्माण, सफाई के नाम पर भुगतान करना दर्शाया गया है। जबकि ग्राम पंचायतों में ऐसा कोई भी काम नहीं कराया गया है। न बोर कराया गया है, जो टैंकर दिए गए हैं, वे स्तरहीन हैं और महंगी दर पर अपनी चहेती एजेंसी से खरीदा गया है। प्यूरी फायर स्तरहीन हैं। नाली निर्माण या सफाई जैसे कार्य तो करवाए ही नहीं गए हैं। केवल सरकारी धन पर हाथ साफ कर दिया गया है। इस बाद की तस्दीक कई ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों ने की है। वहीं खेल सामग्री सप्लाई जिन पंचायत में करने की बात सामने आई है उनमें से दो पंचायतों में तो एक भी खेल सामग्री नहीं दी गई है। जहां भेजी गई है, वहां खेल सामग्री की गुणवत्ता पर युवक सवाल उठाने लगे हैं।

तत्कालीन सीईओ एसएस मंडावी और जनपद अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप ने मिलकर यह सारा खेल किया है। पूर्व जनपद सीईओ श्री मंडावी का कार्यकाल बड़ा ही दागदार रहा है। उन्होंने सरपंचों और सचिवों को भ्रष्टाचार की खुली छूट दे रखी थी। पूरे जनपद क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं के तहत केंद्र और राज्य सरकार तथा डीएमएफटी मद से प्राप्त करोड़ों रुपयों के वारे न्यारे किए गए हैं। पंचायत चुनाव के पूर्व एक राष्ट्रीय दल से संबद्ध जनपद अध्यक्ष द्वारा ऐसा कृत्य किए जाने से उस दल की साख क्षेत्र में गिर गई है। वहीं भ्रष्टाचार के चलते जनपद के तत्कालीन सीईओ को कलेक्टर ने बकावंड से हटाकर अन्यत्र पदस्थ कर दिया है। किंतु अब कांग्रेस कार्यकाल के 17 वसूलीबाज सचिवों के माध्यम से जनपद अध्यक्ष बयानबाजी कर अपने ही पार्टी को कटघरे में खड़े करने का प्रयास कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार ये 17 सचिव कांग्रेस कार्यकाल में वसूलीबाजी और भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात थे। उन्हें पूर्व सीईओ का खुला समर्थन मिल रहा था। इन्हीं सचिवों को अब जनपद अध्यक्ष का सहारा मिल गया है। इन सचिवों के सहयोग से 15वें वित्त कार्ययोजना की रकम की बंदरबांट की गई है। बिना सभी सदस्यों को भुगतान की जानकारी दिए खेल कर दिया गया है। यह मामला पूरा मामला अब विकासखंड के लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। अगर ऐसे जनपद अध्यक्ष और पूर्व के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को सरकार जल्द दंडित नहीं करती है तो इस विकासखंड में भाजपा को निश्चित रूप से नुकसान होना तय है।

जनपद विकास निधि में भी लोचा

15वें वित्त की कार्ययोजना में गफलत के बाद अब जनपद विकास निधि की राशि में भी लोचा होने की जानकारी सामने आई है। सन 2023- 24 में एक सचिव के माध्यम से पूर्व सीईओ की सहमति से अध्यक्ष द्वारा जनपद विकास निधि की राशि उड़ा दी गई है। अब 2024-25 की राशि को भी उड़ाने की योजना बन रही है। जनपद कार्यालय के सूत्र बताते हैं कि जनपद विकास निधि के लाखों रुपयों का खेल कर दिया गया है। इस मामले की भी जांच होनी चाहिए तभी जनपद अध्यक्ष की कारगुज़ारी का खुलासा होगा।

भाजपा को दागी पर भरोसा

इस बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले भाजपाई जनपद अध्यक्ष धनुर्जय कश्यप को दंडित करने के बजाय भाजपा ने उन्हें जनपद व जिला पंचायत चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी सौंप दी है। भारतीय जनता पार्टी ने धनुर्जय कश्यप को तीन चार निर्वाचन क्षेत्रों का प्रभारी बनाया है। जब 15वें वित्त की राशि की अफरा तफरी की चर्चा हर जुबान पर है, तब धनुर्जय कश्यप को चुनाव प्रभारी बनाकर भाजपा ने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है। लोगों और कई भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस फर्जीवाड़े के बाद भाजपा की बड़ी बदनामी हो चुकी है और अब दागी नेता को प्रभारी बनाकर भाजपा ने अपनी ही इज्जत दांव पर लगा दी है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष रह चुके मनीराम कश्यप के जनपद सदस्य पद का चुनाव हारने को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। लोगों का कहना है कि अब भाजपा को और भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।