छत्तीसगढ़ में जान पर बन आई तो, तेलंगाना में नक्सलियों का युद्ध विराम!

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  • भाकपा माओवादी की राज्य कमेटी ने की 6 माह के युद्ध विराम की घोषणा
  • छत्तीसगढ़ में कड़े एक्शन का पड़ोस में बड़ा असर

अर्जुन झा-

जगदलपुर इसे कहते हैं घर में घुसकर मारना और गहराई तक असर डालना। असर ऐसा कि नक्सली पड़ोसी राज्य में हांफने कांपने लगे हैं। उन्होंने पूरे छह माह के लिए युद्ध विराम की घोषणा कर दी है। अब छत्तीसगढ़ में सक्रिय नक्सली संगठन भी घुटनों पर आ जाएगा, यह तय है।

दरअसल नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की तेलंगाना राज्य इकाई ने एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा की है। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले तेलंगाना के भद्रादी कोठागुड़ेम जिले में एकसाथ 38 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण करने वाले सारे लोग युद्ध विराम की घोषणा करने वाले संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी से जुड़े रहे हैं।इनमें 2 सदस्य, 16 मिलिशिया सदस्य, 7 वीसीएमएस, 6 केएएमएस सदस्य, 3 सीएनएम सदस्य और 4 जीआरडीसदस्य शामिल हैं। इस साल तेलंगाना के अकेले भद्रादी कोठागुड़ेम जिले में अब तक 268 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। इनमें ज्यादातर नक्सली बस्तर संभाग के बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा जिलों के निवासी हैं। 38 नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की तेलंगाना राज्य समिति ने 6 माह के लिए एकतरफा युद्ध विराम की घोषणा कर दी है। शीर्ष नक्सली नेता जगन के प्रवक्ता ने हिंदी और तेलुगु भाषा में एक पत्र जारी कर कहा है- तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, बीआरएस नेता चंद्रशेखर राव, कविता, कांग्रेस पार्टी और सभी वामपंथी दल शांति वार्ता के पक्षधर हैं। ये तमाम दल और नेता शांति वार्ता के लिए अभियान भी चला रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) 6 माह के लिए युद्ध विराम की घोषणा करती है।

असल वजह तो यह है

दरअसल यह कदम केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 से पहले छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाने के संकल्प, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा के आक्रामक रुख और बस्तर संभाग में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे आरपार के अभियान का नतीजा है। बस्तर संभाग के बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर चलाए गए अब तक के सबसे बड़े एंटी नक्सल ऑपरेशन नक्सलियों पर बड़ा कहर ढाया है। इस ऑपरेशन में 26 नक्सली मारे गए हैं। वहीं नक्सलियों के बम, बंदूक, बारूद और अन्य सामग्रियों के बड़े बड़े भंडार और नक्सलियों के सुरक्षित ठिकाने तबाह हो गए हैं। हालत यह है कि नक्सलियों को रसद और हथियारों के लाले पड़ गए हैं।नक्सलियों की कमर ही टूट चुकी है और अब उनके सामने आत्मसमर्पण एवं युद्ध विराम की घोषणा के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया है। बता दें कि तेलंगाना की सीमाएं बस्तर संभाग के सुकमा और बीजापुर जिलों से लगी हुई हैं।