रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन के समस्त विभागों में पदोन्नति को लेकर निर्धारित दिशा निर्देश का पालन हो रहा है लेकिन मंडी बोर्ड में शासन के नियम कायदों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यहां वर्षों से जमे अतिरिक्त संचालक की अपनी सरकार और अपने नियम कायदे चल रहे हैं।
पदोन्नति में जातिगत आरक्षण समाप्त किए जाने के बाद शासन द्वारा सभी विभागों में पदोन्नति पर लगी रोक को समाप्त कर दिया गया है। अब नियमानुसार सभी विभागों में पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। मंडी बोर्ड में पदोन्नति की प्रक्रिया प्रारम्भ तो हुई लेकिन खबर है कि प्रक्रिया में पदोन्नति के मामले में भेदभाव बरता जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार तकनीकि शाखा के इंजीनियरों की पदोन्नति में कई प्रकार के रोड़े अटकाए जा रहे हैं। सीधी प्रक्रिया से होने वाली पदोन्नति में जानबूझकर अड़चन पैदा की जा रही है। बताया जा रहा है कि सहायक अभियंता से कार्यपालन अभियंता पद पर पदोन्नति की जानी है जिसमें पदोन्नति के साथ उनके तबादले की शर्त जोड़ दी गई, जिससे विभागीय प्रक्रिया में जान बूझकर देरी की जा रही है। इससे उप यंत्रियों के होने वाले प्रमोशन में अनावश्यक विलम्ब हो रहा है। इस मामले में कहा जा रहा है कि एक प्रमोशन सूची तैयार होगी तब दूसरी सूची तैयार की जायेगी। इससे यह स्पष्ट है कि जब तक सहायक अभियंता पदोन्नत नहीं हो जाते तब तक उप अभियंताओं की पदोन्नति लटकी रहेगी। जबकि पात्र उप अभियंताओं की पदोन्नति भी साथ साथ होनी चाहिए। वहीं कार्यपालन अभियंता से अधीक्षण यंत्री बनने वालों की फाइल कई तरह की अनियमितताओं की वजह से अब तक रुकी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार इस सारे मामले में मंडी बोर्ड के अतिरिक्त संचालक ने विभागीय कृपा दृष्टि दिखाते हुए मंडी निरीक्षकों को मंडी सचिव के पद पर आनन फानन में पदोन्नत करवा दिया। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब तकनीकि शाखा के अफसरों की पदोन्नति प्रक्रिया पहले शुरु हुई थी तो उसे अधर में लटका कर मंडी निरीक्षकों को मंडी सचिव कैसे बना दिया गया।
इस मामले में मंडी बोर्ड के प्रबंध निदेशक से बात की गई तो उनका कहना था कि क्रमवार तरीके से सभी पात्र लोगों को पदोन्नति का लाभ मिलेगा। किंतु मंडी बोर्ड के निरीक्षकों की पदोन्नति में क्रम की जगह कृपा की वजह क्या है, यह बताने कोई तैयार नहीं है।