- नक्सल प्रभावित इलाके में अरबों की संपत्ति को भ्रष्ट सिस्टम ने डाला खतरे में
- सुरक्षा एजेंसी को चंद अफसरों ने दी खुली छूट
अर्जुन झा-
जगदलपुर बस्तर के बचेली स्थित एनएमडीसी के टाउनशिप के रहवासियों और संपत्ति की सुरक्षा निजी सुरक्षा गार्डों के भरोसे छोड़ दी गई है। उसमें भी भ्रष्टाचार का बड़ा खेल चल रहा है। तय संख्या से आधी संख्या में सुरक्षा गॉर्ड तैनात किए गए हैं जबकि सुरक्षा एजेंसी को पेमेंट पूरा किया जा रहा है। इसमें कंपनी के ही अधिकारियों की सांठगांठ की बात सामने आई है।
सीडीओ सिक्योरिटी एजेंसी के संचालक एवं एनएमडीसी बचेली में पदस्थ वरिष्ठ विभागीय अधिकारीयों की मिलीभगत से सुरक्षा गार्डो के नाम पर प्रतिमाह लाखों रुपयों का गबन हो रहा है। बीआईओएम बचेली कॉम्पलेक्स में पदस्थ विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में वर्षो से भ्रष्टाचार का यह खेल चल रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रतिदिन तीन शिफ्टों में कुल 133 गार्डो की तैनाती का प्रावधान है, मगर वरिष्ठ अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेकेदार महज 70 से 75 सिक्योरिटी गार्ड से ही काम चला रहा है। प्रतिदिन 55 से 60 गार्डो का वेतन अधिकारी एवं सीडीओ सिक्योरिटी गार्ड के संचालक हजम कर रहे हैं। विभागीय अधिकारियों एवं सीडीओ सिक्योरिटी एजेंसी की लापरवाही लौह नगरी बचेली टाऊनशिप के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गई है। इस तरह की लापरवाही से एनएमडीसी सुरक्षा पर सवालिया निशान लग रहें हैं।बचेली एनएमडीसी परियोजना में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के लिए यह आवश्यक है की नगर की सुरक्षा में कोई चूक न हो एवं नगर के लोगों की सुरक्षा और शांति के लिए सुरक्षा गार्ड बेहद महत्वपूर्ण हैं। जिसे गंभीरता से लेते हुए सीडीओ सिक्योरिटी एजेंसी को अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह से पालन करना चाहिए और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाना चाहिए।
लौह नगरी बचेली में स्थित विश्व प्रसिद्ध नवरत्न कम्पनी एनएमडीसी माइनिंग क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ एवं टाऊनशिप की सुरक्षा के लिये सीडीओ सिक्योरिटी एजेंसी की तैनाती कर रखी है। सीआईएसएफ जवान अपने कर्तव्य का पालन निष्ठा के साथ माइनिंग व खनन क्षेत्र में कर रहे हैं।
वहीं इसके विपरीत दूसरी ओर एनएमडीसी द्वरा अपने टाऊनशिप, परियोजना अस्पताल, विश्राम गृह, वर्कशॉप, भांसी आईटीआई सहित कई महत्त्वपूर्ण स्थलों की सुरक्षा सीडीओ सिक्योरिटी एजेंसी को सौपीं गई है। इसके लिए एनएमडीसी द्वारा प्रति वर्ष करोड़ो रूपये खर्च किए जाते हैं, लेकिन सीडीओ सिक्योरिटी एजेंसी के ठेकेदार, मैनेजर एनएमडीसी के वरिष्ठ विभागीय अधिकारियों से सांठगांठ कर भ्रष्टाचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुरक्षा के लिए एनएमडीसी द्वारा तीनों शिफ्टों में 133 गार्ड की तैनाती की टेंडर प्रक्रिया की गई है लेकिन ठेकेदार द्वारा मात्र 70 से 75 गार्ड ही रखा गया है और 133 गार्ड का वेतन एनएमडीसी से लिया जा रहा है। सूत्रों से यह भी जानकारी भी मिली है कि जहां 4 गार्ड की तैनाती होनी है वहां महज 2 ही गार्ड से कार्य करवाया जा रहा है। गार्ड की कमी से रोजाना एनएमडीसी परियोजना क्षेत्र से लोहा, स्क्रैप की चोरी हो रही है। सीडीओ सिक्योरिटी एजेंसी की कार्यकाल अवधि समाप्त हो जाने के बावजूद एनएमडीसी प्रबंधन द्वारा नई निविदा आमंत्रित न करके
भ्रष्टाचारियों पर प्रति वर्ष करोड़ों रूपये खर्च कर रहा है। यह अधिकारियों की सांठगांठ की ओर इशारा कर रहा है। जब स्थानीय पत्रकारों द्वारा कंपनी के मैनेजर रंजीत सिंह से
बचेली एनएमडीसी के गार्डो की जानकारी मांगी गई तो उन्होंने जानकारी देने से इंकार कर दिया। जब स्थानीय पत्रकारों ने पर्सनल विभाग के एजीएम
राकेश रंजन को सारी बात बताई तो उन्होंने भी सुरक्षा में कमी की बात मानी। उन्होंने कहा- समय- समय पर मुझे सिक्योरिटी गार्ड एजेंसी के भ्रष्टाचार की शिकायत मिलती रहती है। राकेश रंजन ने पत्रकारों को कहा कि आप लोग मेरे जूनियर अमरदीप से कहता हूं आपको इसकी सूची उपलब्ध कराने के लिए
जब पत्रकारों ने एएम अमरदीप सरोवर से सुरक्षा गार्डो की सूची मांगी तो अमरदीप सरोवर ने भी सूची देने से इंकार कर दिया। इन सब बातों से यही प्रतीत होता है कि इस भ्रष्टाचार में कही न कही एनएमडीसी के उच्च अधिकारियों की भी मिलीभगत है।