इसे कहते हैं आदिवासी हक की सच्ची लड़ाई, दीपक बैज ने दिखाया रौद्र रूप

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  • अधिकारियों पर बरस पड़े प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बैज 
  • दीपक बैज ने कहा- लाठी चलाओ या गोली मारो, पहले मेरे सीने पर मारो 

अर्जुन झा

जगदलपुर आदिवासी समुदाय के हितों की बात तो सभी दलों के नेता करते हैं। इसे लेकर सियासत भी खूब होती है। आदिवासी हित की असली लड़ाई हमें बस्तर के चित्रकोट और लोहंडीगुड़ में तब देखने को मिली, जब एक आदिवासी सरपंच और आदिवासियों को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज रौद्र रूप में नजर आए। बल प्रयोग की बात कह रहे अधिकारियों से दीपक बैज भिड़ गए। उन्होंने सीना ठोंकते हुए कहा- लाठियां चलाओ या गोलियां चलाओ, पहला वार मेरी यहआदिवासी छाती झेलेगी। अपने आदिवासी भाइयों को इंसाफ दिलाने के लिए मुझे अपनी जान भी कुर्बान करनी पड़े तो जरा भी रंज नहीं।

दरअसल विश्व प्रसिद्ध वाटरफॉल चित्रकोट और लोहंडीगुड़ा इलाका इन दिनों भीषण गर्मी के बीच आदिवासियों पर अत्याचार के विरोध में उबल रहा है।चित्रकोट भ्रमण पर आए वीआईपी मेहमानों के लिए लोहंडीगुड़ा एसडीएम नीतीश वर्मा ने सरपंच भंवर मौर्य और वाहन शुल्क वसूलने वाली समिति से मुर्गा, बकरा व अन्य चीजों की व्यवस्था करने कहा था। सरपंच भंवर मौर्य और समिति ने इंकार कर दिया तो आदिवासी सरपंच भंवर मौर्य समेत अन्य आदिवासी ग्रामीणों पर गंभीर धाराओं के तहत पुलिस थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज करवा दिया गया। यही नहीं एसडीएम ने वाहन शुल्क वसूली पर भी रोक लगा दी। मामला काफी तूल पकड़ चुका है। बेकसूर आदिवासियों को इंसाफ दिलाने अब खुद बस्तर के वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज स्वयं सड़क पर उतर गए। गुरुवार को दीपक बैज के नेतृत्व में सैकड़ों आदिवासियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मुर्गा, बकरा, दारू प्रदर्शन किया। हाथों में मुर्गे, बकरा और प्रतीकात्मक दारू की बोतलें लेकर लोगों ने उग्र प्रदर्शन किया। ये लोग एसडीएम को मुर्गा, बकरा दारू भेंट करने जा थे। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस तगड़ी व्यवस्था कर रखी थी, जगह जगह बेरिकेट्स लगाए गए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और अन्य कार्यकर्ता तथा ग्रामीण बेरिकेट्स लांघ कर आगे बढ़ने की कोशिश करने लगे। इसी बीच एक अधिकारी ने धमकी भरे अंदाज में कहा कि पीछे हट जाइए, वरना बल प्रयोग करना पड़ेगा। फिर क्या था, दीपक बैज तमतमा उठे, उन्होंने छाती ठोंकते हुए कहा- लाठियां चलाओगे, गोलियां चलाओगे, तो चलाओ, पहले आपकी लाठी और गोली मेरा यह आदिवासी सीना झेलेगा। राजनीति में धरना प्रदर्शन सामान्य बात है किंतु अपने विधानसभा क्षेत्र में अगर जनहित के लिए जिम्मेदार विपक्ष की भूमिका अदा करनी पड़ी तो असामान्य रूप में सामने आना ही पड़ता है। कल लोहंडीगुड़ा सरपंच के साथ हुए राजनीतिक षडयंत्र को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज काफी रोष में थे, हालांकि उनको नजदीक से जानने वाले कहते हैं कि दीपक बैज राजनीतिक हार अथवा जीत को वह बहुत सामान्य तरीके से लेते हैं। राजनीति में सलीके के साथ वह आरोप लगाते हैं, किंतु प्रदेश के विपक्षी दल कांग्रेस के आदिवासी अध्यक्ष कैसे एक आदिवासी सरपंच के साथ हो रहे अन्याय को देखते रहते? कल हुए धरना प्रदर्शन में दीपक बैज बेहद आक्रामक तेवर में नजर आए। आदिवासी हक की लड़ाई लड़नें में उन्होंने दिखाया कि अगर उनके कार्यकर्ताओं के साथ अन्याय हुआ तो वह ऐसी भूमिका में भी आएंगे। दीपक बैज ने बता दिया कि आदिवासियों के हक के लिए असली लड़ाई कैसे लड़ी जाती है।

एसडीएम मुर्गा बाद

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज जब अधिकारी पर बरस रहे थे, तब कार्यकर्ता “एसडीएम मुर्गा बाद” के नारे बुलंद कर रहे थे। आंदोलनों में हमेशा मुर्दाबाद के ही नारे लगाए जाते हैं, मगर लोहंडीगुड़ा चित्रकोट के कल के आंदोलन में “एसडीएम मुर्गा बाद” के नारे लग रहे थे। इसके पीछे की वजहएसडीएम द्वारा सरपंच और ग्राम समिति को वीआईपी मेहमानों के लिए मुर्गा, बकरा का इंतजाम करने के लिए दबाव डालना रही।