राम वन गमन को लेकर आदिवासियों ने खोला मोर्चा, दो दिनों तक बस्तर में निकलेगा यात्रा, सांसद, संसदीय सचिव व विधायकों ने किया स्वागत

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राम की महिमा राम ही जाने इस कहावत को चरितार्थ कर रही है छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम वन गमन पथ को पर्यटक की दृष्टि से आगे बढ़ाने हेतु अभियान छेड़ा है जिसके तहत बस्तर जिला एवं सुकमा जिले को इस सर्किट से जोड़ा गया है। इसी तारतम्य में सुकमा जिले से राम वन गमन पथ रथ यात्रा शुरू हुई किंतु उसका विरोध सुकमा क्षेत्र के सर्व आदिवासी समाज के लोगों ने किया। इसके बावजूद बस्तर जिले में आज से दो दिवसीय राम वन गमन पथ यात्रा निकाली जा रही है। राम गमन पथ के रथ के स्वागत के लिए सांसद दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, विधायकगण राजमन बेंजाम व चंदन कश्यप पलक पावडे बिछाये इंतजार करते हुए।


वहीं प्रदेश सरकार राम वन गमन पथ को लेकर वृहद पर्यटन स्थल बनाने की योजना पर काम कर रही है। प्रदेश सरकार ने रामाराम गांव से मिट्टी लाने रथ भेजा था लेकिन वहां उसे आदिवासियों के आक्रोश का शिकार होना पड़ा। आदिवासियों ने रथ को उल्टे पांव लौटा दिया, उनका कहना था कि राम का रामाराम से कोई रिश्ता नहीं हजदरअसल राम वन गमन पथ बनाने के लिए रामाराम का भगवान राम से रिश्ता जोड़ते हुए मिट्टी लाने रथ को भेजा गया था। पर आदिवासियों के विरोध के बाद रथ बेरंग वापस लौट आया। रथ के साथ रामाराम गए अधिकारियों से आदिवासियों साफ शब्दों में कह दिया कि इस जगह का राम से कोई संबंध नहीं है। समाज के नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों पर यह आरोप भी लगाया कि उन्होंने पेशा कानून का उल्लंघन किया है।