रायपुर – छत्तीसगढ़ में संचालित मंडियों में से अधिकतर प्रभारी अधिकारियों के भरोसे चल रही हैं। मंडियों में प्रभारी अधिकारियों की वजह से अव्यवस्था देखने को मिल रही है। अधिकारियों का कहना है कि सचिव के पद रिक्त होने की वजह से मंडी निरीक्षकों और अन्य पदों पर पदस्थ लोगों को प्रभार दिया गया है।
प्रदेश में 69 मंडियां संचालित हैं। धान खरीदी के सीजन में कई व्यापारियों द्वारा यहां धान और अन्य उपज की खरीदी बिक्री की जाती है। इस दौरान किसानों और खरीदार के बीच सौदा कराने में सचिवों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उपज की सही कीमत मिले, इसे लेकर मंडी के भारसाधक अधिकारी ही किसानों को सही दाम दिलाने में मदद करते हैं। प्रभारी सचिवों के होने के कारण किसानों को मिलने वाला फायदा व्यापारी उठा रहे हैं।
प्रदेश में 69 मंडिया संचालित, टैक्स बढ़ाने की कवायद
मंडी टैक्स बढ़ाने सरकार ला रही विधेयक
मंडियों की माली हालत में सुधार करने के लिए राज्य सरकार विधानसभा के इसी सत्र में मंडी टैक्स को बढ़ाने के लिए एक विधेयक लेकर आ रही है। बताया जा रहा है कि मंडी टैक्स में करीब डेद गुना वृद्धि करने का प्रस्ताव दिया गया है। वर्तमान में मंडियों को मिलने वाला टेक्स करीब तीन सौ करोड़ का है,वह बदकर करीब 600 करोड़ के लगभग हो जाएगा।
सचिव के कई पद रिक्त
मंडी बोर्ड के अधिकारियों ने माना है कि मंडी सचिव के पद रिक्त होने के कारण प्रदेश की मंडियों में प्रभारी के रूपसचिवों की नियुक्ति की गई है। पदों को भरने के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल को प्रस्ताव भेजा गया है। अभी तक मी की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।
मंडी में आया लाख मीट्रिक टन से अधिक धान
मंडी बोर्ड के अधिकारी एमएससकनी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के देर से शुरू होने के कारण प्रदेश की मंडियों में अक्टूबर से 18 दिसंबर तक4 लाख29 हजार मीट्रिक टन धान की आवक हुई। किसानों का धान मंडियों में व्यापारियों द्वारा बोली लगाकर खरीदा ठाया। धान खरीदी के समय भी प्रदेश की कई मंडियों में किसान अपना अतिरिक्त धान बेचने पहुंचते हैं|
मंडियों में मंडी निरीक्षकों और लेखापाल के पद पर नियुक्त कर्मियों को सचिव का प्रभार देकर बैठाया गया है। पिछले कई वर्षों से काबिज इन प्रभारियों के कारण मंडी को मिलने वाले लाभ से वंचित होना पड़ रहा है। अधिकारियों ने बताया कि इसके कारण मंडी का कार्य भी प्रभावित हो रहा है। प्रदेश की 69 मंडियों में से 30 मंडियां ऐसी हैं, जहां प्रभारी सचिव काबिज हैं |