राजस्व, पेसा, जल संरक्षण, मनरेगा, वन संरक्षण, वन अधिकार आदि विषयों पर हुई कार्यशाला
जगदलपुर, 24 फरवरी 2021।
बस्तर जिला प्रशासन द्वारा राजस्व, पेसा, जल संरक्षण, मनरेगा, वन संरक्षण, वन अधिकार आदि महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशाला आयोजित किया गया था किंतु जिला पंचायत व जनपद पंचायत स्तरीय अध्यक्षों की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बना हुआ था तो जिला व जनपद के एक-एक सदस्य ही उपस्थित होकर इति श्री की। सर्वाधिक दिलचस्प बात यह है कि यह एक महत्वपूर्ण विषय था।
नगर के टाउन हॉल में कार्यशाला आयोजित किया गया था जिसमें किसानों के राजस्व संबंधी कार्यों एवं राजस्व गतिविधियों को आसानी से कराए जाने के संबंध में विकासखंड स्तरीय एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इस कार्यशाला में अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, एसडीएम जगदलपुर जीआर मरकाम की उपस्थिति में विकासखंड स्तरीय अधिकारियों के अलावा मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ पटेल, कोटवार एवं के ग्राम स्तरीय पदाधिकारियों को राजस्व, पेसा, जल संरक्षण, मनरेगा, वन संरक्षण, वन अधिकार आदि विषयों के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारियां दी गई। इसके साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं पटेल ,कोटवार तथा ग्राम स्तरीय पदाधिकारियों को उनके अधिकारों एवं कर्तव्यों के संबंध में जानकारी दी गई। बैठक में जनपद उपाध्यक्ष सुब्रतो विश्वास, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती प्रतिभा देवांगन उपस्थित थे किन्तु जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनिता पोयाम सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने दूरी बनाए साथ ही जिला पंचायत अध्यक्ष वेदवती कश्यप भी नदारद रही। एसडीएम जीआर मरकाम एवं अन्य अधिकारियों के अलावा सरपंच, पटवारी, रोजगार सहायक, सीएससी, बीआरसी, वन रक्षकों सहित मैदानी अमले के सभी अधिकारी-कर्मचारी एवं ग्रामीणजन उपस्थित थे।
जनपद उपाध्यक्ष सुब्रतो विश्वास एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती देवांगन ने गांवों के विकास में मैदानी अमले के अधिकारी-कर्मचारियों एवं पटेल तथा कोटवारों की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा पटेल एवं कोटवारों को ग्राम के विकास में अपनी बहुमूल्य भूमिका निभाने को कहा। एसडीएम श्री जीआर मरकाम ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा पटेल, कोटवार तथा ग्राम स्तरीय पदाधिकारियों तथा आम ग्रामीणों के अधिकारों एवं कर्तव्यों के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि गांवों के पटेल तथा ग्राम स्तरीय समितियों के पदाधिकारीगण गांव के शासकीय संपत्ति के संरक्षक होते हैं इसलिए गांवों के सार्वजनिक संपत्ति को अतिक्रमण होने से रोकना तथा उनका संरक्षक एवं सर्वधन करना उनकी नैतिक जिम्मेदारी है। उन्होंने गांवों में होने वाले अतिक्रमण को रोकने हेतु सभी ग्रामीणों को पुरजोर तरीके से विरोध करने की भी अपील की। इस दौरान प्रशिक्षण में उपस्थित विभिन्न विभाग के अधिकारियों ने भी अपने-अपने विभाग तथा ग्रामीणों के अधिकारों एवं कर्तव्यों के संबंध में जानकारी दी। प्रशिक्षण में अधिकारियों ने ग्रामीणों के जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।